शाहिद अंसारी
मुंबई : माफिया सरगना छोटा शकील के सहयोगी तारिक परवीन को थाने ऐंटी एक्स्टार्शन सेल ने 20 साल पुराने हत्या के एक मामले में न सिर्फ उसे गिरफ्तार किया बल्कि उसे पल भर में जुर्म भी कुबूल भी करवा लिया। इस जुर्म को कुबूल करवाने और इस गिरफ्तारी का सारा श्रेय सीनियर इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा की टीम को जाता है।
थाने ऐंटी एक्स्टार्शन सेल की प्रेस रिलीज़ से यह खुलासा हुआ कि साल 1998 में मुंब्रा में 38 वर्षी केबल ऑपरेटर मुहम्मद इब्राहिम की हत्या की गई थी इस मामले में तारिक परवीन आरोपी था और वह 1998 से वांटेड था सीनियर इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा को गुप्त सूत्रों से पता चला कि तारिक प्रवीन मुंबई पुलिस कमिश्नर मुख्यालय के बगल में और एलटी मार्ग पुलिस थाने के ठीक सामने मौजूद अशोका शॉपिंग सेंटर में अपनी ऑफिस में मौजूद है और उन्होंने उसे धर दबोचा। प्रेस रिलीज़ में थाने पुलिस कमिश्नर से लेकर कॉन्स्टेबल तक को इस गिरफ्तारी को लेकर बधाई भी दी गई है क्योंकि इसे वह बहुत ही बड़ी कामयाबी मानते हैं।
थाने ऐंटी एक्स्टार्शन सेल के अनुसार 20 साल से तारिक परवीन के बारे में किसी को पता ही नहीं था मुंब्रा पुलिस थाने से लेकर महाराष्ट्र के दूसरे पुलिस थानों ने तारिक को ढूंढ ढूंढ कर थक गए थे लेकिन तारिक परवीन को ज़मीन निगल गई थी या आसमान खा गया किसी को कुछ पता ही नहीं था। लेकिन थाने ऐंटी एक्स्टार्शन सेल के गुप्त सूत्रों ने उसे न केवल ढूंढ निकाला बल्कि गुनाह भी कुबूल करवा लिया है।
सब से पहले हमें तारिक परवीन के बारे में जानना बेहद ज़रूरी है तारिक परवीन है कौन ? 20 साल से कौन सी ऐसी बिल या गुफ़ा में घुसा था जिसे मुंब्रा पुलिस ढूंढ न सकी। तारिक परवीन डी कंपनी का काफी करीबी रहा है जिसे 2004 में दुबई से डिपोर्ट किया गया था 2008 तक वह जेल में था। मुंबई पुलिस ने तारिक परवीन के खिलाफ़ कार्रवाई की थी। उसके बाद यूपी एटीएस ने तारिक परवीन को साल 2015 में गिरफ्तार किया था और बाद में उसे जमानत पर रेहा किया गया था।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि आखिर हत्या के मामला चलने के बावजूद तारिक परवीन को मुंब्रा पुलिस अब तक गिरफ्तार करने मे कैसे असमर्थ रही ? और उससे भी चौंका देने वाली बात यह है कि तारिक परवीन मुंबई पुलिस मुख्यालय के बगल में ही अपना आफिस खोल कर अवैध निर्माण का कारोबार कर रहा था और एमआरए मार्ग पुलिस थाने में हाजिरी भी देता था। हालांकि तारिक परवीन 20 सालों से सोशल साइट्स से लेकर मुबाइल फोन हर जगह ऐक्टिव था डी कंपनी के करीबी होने की वजह से मुंबई पुलिस के पास उसकी हर जानकारी मौजूद है। अब यह सवाल उठता है कि आखिर 20 साल से थाने पुलिस को इस बारे में क्यों पता ही नहीं था ? आखिर क्या वजह रही कि 20 साल तक वह सूत्र सो रहे थे और अचानक प्रदीप शर्मा के आने के बाद जाग गए ? जिनसे जानकारी मिलने के बाद ही उसे धर दबोचने का दावा किया जा रहा है।
पिछले साल फरवरी 2016 में bombay Leaks द्वारा तारिक परवीन को लेकर यह ख़बर प्रकाशित की गई थी जिसमें मुंबई पुलिस की एक गुप्त रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी हाथ लगी थी कि मुंबई पुलिस ने तारिक परवीन के द्वारा साउथ मुंबई में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई का बिगुल बजाया है और यह तत्कालीन एडिशनल कमिशनर साउथ रीज़न प्रताप दिगांवकर के आदेश पर हुई थी लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस जांच का आज तक कोई अता पता नहीं है। तारिक परवीन के साथ साथ मुंबई पुलिस ने ऐसे 25 बिल्डरों की फहरिस्त तय्यार की थी जिनके तार अंडरवर्ल्ड से जुड़े थे उनमें तारिक परवीन मुख्य था।
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