शाहिद अंसारी
मुंबई : गुंडई करना और पुलिस थाने को खुद की जागीर समझना नियम कानून की धज्जियां उड़ाना जिस करतूतों को लिए मुंबई पुलिस मशहूर है आज उस पर एक बार फिर से खरी उतरी है। और उससे भी हैरानी की बात यह है कि इन सब पर लगाम लगाने के लिए मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर सुबोघ जायसवाल ने जिस दिन कार्यभार संभाला उसी दिन मुंबई पुलिस को यह चेतावनी दी थी कि वह हिरासत में होने वाली मौत के मामले को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेंगे उन्होंने इस पर खास कर ध्यान देने और हिरासत में मौत न होने के लिए मुंबई पुलिस को कहा था।
लेकिन कल रात धरावी पुलिस थाने की हिरासत में एक नाबालिग लड़के की मौत को लेकर जम कर तांडव हुआ। आरोप है कि पुलिस वालों की पुरानी परम्परा को न केवल जारी रखा बल्कि नए कमिश्नर के आदेशों को भी ठेंगा दिखा कर खुद का नाम निकम्मों की फहरिस्त में दर्ज करा लिया। सचिन रवीन्द्र जैसवार ( 17 वर्ष ) को मुबाइल चोरी की वारदात में पूछ ताछ के लिए हिरासत में लिया था। परिवार वालों का आरोप है कि धरावी पुलिस ने हिरासत में टॉर्चर किया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई है अब पुलिस पोस्मार्टम रिपोर्ट को बदलवाने में लगी हुई है।
हिरासत में हुई इस मौत के बाद स्थानी लोगों ने गम और गुस्सा जाहिर करते हुए पुलिस का घिराव किया और जम कर पत्थर बाज़ी की कल धरावी बांद्रा रोड को रात में बंद कर दिया गया था। साइन पुलिस थाने ने तकरीबन 100 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ दंगा करने पत्थर बाज़ी , मारपीट और पुलिस को ऑन ड्युटी काम मे दखल देने की धाराओं के तहेत मामला दर्ज किया है जबकि ज़ोन 5 के डीसीपी राजीव जैन ने कहा कि अब तक हिरासत में हुई मौत को लेकर किसी भी तरह की विभागी जांच या कार्रवाई नही की गई।
इससे पहले भी धरावी पुलिस थाने में हिरासत में मौत हो चुकी और हैरान कर देने वाली बात यह थी कि पुलिस ने जिसे पीट पीट कर हिरासत में मार डाला था उसके ही परिवार वालों की शिकायत पर मिसिंग रिपोर्ट भी दर्ज कर ली थी।
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