मुंबई : नौकरी से वीआरएस लेकर डोंगरी डिवीज़न के एसीपी मंगेश पोटे एसबीयूटी की गोद में जा बैठे पोटे अब मुंबई पुलिस की नौकरी छोड़ दी लेकिन एसबीयूटी जहां 37 लोगों की मौत के ज़िम्मेदार आरोपी को पोटे के ही कार्यक्षेत्र जेजे मार्ग पुलिस थाने में गिरफ्तार किया गया था।
हुसैनी मंजिल हादसा किसी ने अब तक भूला नहीं इस हादसे के दौरान मुख्य आरोपी एसबीयूटी के जिम्मेदारों को किस तरह से इसी मंगेश पोटे ने इस तरह से राहत और छूट दे रखी थी कि ममला दर्ज हो जाने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही थी और न ही किसी तरह की कार्रवाई।
इसके पीछे की वजह साफ़ मानी जाती है कि मुंबई पुलिस के अदना से आला अफसर एसबीयूटी के टुकड़ों पर पल रहे थे उनमें पोटे की भूमिका सब से अहम थी लेकिन जब इसके खिलाफ़ याचिका दाखिल की गई तो मजबूरन इसी जे जे मार्ग ने एसबीयूटी के जिम्मेदार को गिरफ्तार करना पड़ा।
केवल यही नहीं बल्कि कई अफसरों ने खुद को बतौर एसबीयूटी का दलाल बन कर सौदेबाज़ी की और कर रहे हैं पोटे उनमे से एक है जिसने पहले वीआरएस लिया बल्कि वह ऑन ड्युटी रहते हुए एसबीयूटी के इस गोरख धंधे मे अपने कदम जमाने की मेहनत कर रहे थे और आखिर में जब उनकी बात पक्की हो गई तो उन्होंने वीआरएस लिया और एसबीयूटी की गोद में जा पहुंचे।
पोटे के एसबीयूटी में जाने के पीछे की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि अब उनके गोरख धंधों को पोटे की पुश्तपनाही रहेगी और स्थानी पुलिस थाने जहां के वह कभी एसीपी रह चुके वहां एसबीयूटी के खिलाफ़ जो मामले दर्ज किए गए हैं या आने वाले समय में दर्ज होंगे उन मामलों में पोटे बिचौलिया दलाल का कम करेंगे।
हालांकि इलाके के वह लोग जो एसबीयुटी के सताए हुए हैं वह अभी इस इंतेज़ार बैठी है कि अगर पोटे किसी मामले में स्थानी लोगों पर रुआब दिखाऐंगे तो लोग उनके साथ वैसे ही पेश आऐंगे जैसे एसबीयुटी से पेश आते हैं।
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