शाहिद अंसारी
मुंबई : Bombay Leaks द्वारा प्रकाशित की गई ख़बर जिसमें BMC मुख्यालय और मुंबई पुलिस मुख्यालय के पास मोथा मार्केट में 750 करोड़ की का अवैध निर्माण D कंपनी के गुर्गे धड़ल्ले से कर रहे हैं। इस ख़बर के प्रकाशित होने के बाद से ही D कंपनी और BMC दोनों में हलचल हो गई हालांकि अब तक इस अवैध निर्माण को रोकने में BMC पूरी तरह असफल रही क्योंकि D के गुर्गों ने ख़बर प्रकाकिशत होने के बाद से ही इस जगह के दरवाज़े पर बाहर से ताला लगा दिया है और बाउंसर बैटा दिए हैं जिसके बाद से बीएमसी और मुंबई पुलिस के जवान यहां कार्रवाई करने के लिए थर थर कांप रहे हैं। सब से चौंका देने वाली बात यह है कि इस अवैध निर्माण की शुरुआत उस समय हुई जब BMC ए- वार्ड के वार्ड आफीसर किरण दिघावकर इंडोनेशिया में एक कांफ्रेंस के लिए गए हुए थे और उनके जूनियर आफीसरों की मिलीभगत से D कंपनी के गुर्गों ने इस अवैध निर्माण को पूरी प्लानिंग के शुरु किया ताकि जब तक वार्ड आफीसर वापस आऐंगे तब तक वह इसे बेच कर रफू चक्कर हो जाऐंगे।
जानकारी में यह पता चला है कि डी कंपनी का यह अवैध निर्माण हनीफ़ बालकिया और मुहम्मद बालकिया कर रहे हैं और सके साथ साथ 2 ऐसे लोग हैं जिन्होंने पुलिस विभाग, बीएमसी, और संबंधित विभाग से साठगाठ करने का ठेका लिया है इसके लिए उन्होंने 25 लाख की मोटी रकम वसूली है और यह आश्वासन दिया है कि साउथ मुंबई में हर एक को मैनेज करने की जिम्मेदारी उनकी होगीजबकि बीएमसी के 2 ऐसे ऑफीसर हैं जिन्होंने बैकडोर से इस अवैध निर्माण करने की शह देते हुए अपनी आंखें बंद की हैं और बदले में उन्होंने भी 750 करोड़ रूपए के इस अवैध निर्माण में गोता खाया है। अब ऐसे में जब कमला मिल जैसा हादसा पेश आया है जिसमें कई लोग मैंत के मुंह में चले गए तो भला इस भीड़ भाड़ वाली जगह पर इस अवैध निर्माण के चलते इस तरह की वारदात होगी तो आखिर इसका जवाबदेह कौन होगा।
इस बंद दरवाज़े के पीछे हो रहा हज़ारों करोड़ के अवैध निर्माण
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