Bombay Leaks Desk
मुंबई:मुबंई पुलिस पर हाईकोर्ट का डंडा चलने के बाद आज पुलिस ने मजबूरन शीफू संस्कृति की आंड़ सोशल मीडिया पर गोरखधंध चलाने वाले डॉक्टर सुनील कुलकर्णी को मुबंई क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है उन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शीफू संस्कृति को लकेर हाईकोर्ट की कड़ी फ़टकार के बाद पुलिस और सरकार दोनों जाग गए हैं।सोशल जस्टिस राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने कहा कि शीफू संस्कृति की आंड़ में अंधश्रद्धा फैला कर लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई की जाएगी उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।सरकार ने अँध श्रद्धा कानून इसी लिए बनाया है कि इस तरह के गोरखधंधा करने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
मुंबई के मलाड के रहने वाली दो बहनों ने बॉम्बे हाईकोर्ट से मदद की गुहार लगाई थी।उन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर कहा कि न तो हम वेश्याएं हैं और न ही हमें नशे की लत है। 23 वर्षीय शिवंगी सूले ने अपनी 21 वर्षीय बहन समीरा के साथ एक स्वतंत्र जीवन जीने के लिए अपने माता-पिता का मालाड स्थित घर छोड़ दिया है।
दोनों बहनें बॉम्बे हाईकोर्ट से मरिन ड्राइव गईं जहां वह तख्तियां लिए थीं जिसमें लिखा था माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट हम पीड़ित हैं और हमें न्याय की जरूरत है। उनके सामने से गुजरने वाले हर व्यक्ति का ध्यान वे आकर्षित कर रही थीं क्योंकि उनके हाथों में दिख रहे प्लेकार्ड में उनके मामले की पूरी जानकारी थी।
माता-पिता की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई न करने के बाद हाई कोर्ट ने मालाड पुलिस को फटकार लगाई थी जिसके एक दिन बाद दोनों बहनों ने यह विरोध प्रदर्शन किया। दोनों बहनों ने आरोप लगाया कि पिछले साल 24 दिसंबर को उनके माता-पिता ने उनके कमरे में बंद करके प्रताणित किया था।
डॉक्टर सुनील कुलकर्णी के साथ मिलकर उनके दोस्तों ने मलाड पुलिस की मदद से दोनों बहनों को बचाया था। इसके बाद दोनों बहनों ने मलाड पुलिस में अपने माता-पिता के खिलाफ शिकायत देकर मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था।
मलाड पुलिस ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचना दी कि वह शिफू संस्कृति और इसके संस्थापक सुनील कुलकर्णी के खिलाफ कथिततौर पर सेक्स रैकेट और ड्रग रैकेट चलाने की एफआईआर दर्ज कर सकता है। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि वह मामले को हल्के में नहीं ले और गंभीरता से मामले की जांच करे।
कोर्ट ने यह निर्देश लड़कियों के माता-पिता की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए थे। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कथित पंथ समूह ने उनकी बेटियों को फंसा लिया है। मगर, समीरा ने कहा कि उनके माता-पिता उनके बारे में झूठ फैला रहे हैं और बॉम्बे हाई कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। शिफू संस्कृति शरीर और दिमाग को नकारात्मकता से दूर करने का एक तरीका है।
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