Bombay Leaks Desk
मुंबई:इतिहास और पत्रकार तुम्हें हमेशा याद रखेगा बल्कि याद ही नहीं रखेगा तुम्हारे काले कारनामों को लेकर आने वाली पीढ़ी जो पत्रकारिता के क्षेत्र में समाज को आइना दिखाने का काम करेगी वह तूम्हारे काले कारनामों को जनता के सामने रखेगी तब शायद तुम नहीं रहोगे लेकिन तुम्हारे द्वारा भ्रष्टाचार,दादागिरी,और पावर का दुरपयोग करने की इस सच्चाई को बयान कर के जनता को आवगत कराई जाएगी।
पत्रकार सुरक्षा कायदा और कानून महाराष्ट्र सरकार ने लागू किया है हालांकि इस कानून को कांग्रेस एनसीपी सरकार द्वारा लागू करने की बात काफी पहले की गई थी लेकिन वह करने में असमर्थ रहे लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे महसूस किया और इसे न सिर्फ़ लागू किया बल्कि यह साबित भी किया कि पत्रकारों के लिए सरकार कितनी गंभीर है लेकिन राज्य भर के पत्रकारों को यह नहीं भूलना चाहिए कि जितना इसे लागू करने में हर पत्रकार यूनियन ने सहयोग किया वैसे ही महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सेंट्रल रीज़न के एडिशनल कमिश्नर आर.डी.शिंदे और तथाकथित स्वयं घोषित धर्म के ठेकेदार धर्मधुरंधर भूमाफिया श्री मुईन अशरफ उर्फ़ बाबा बंगाली का भी उतना ही योगदान रहा इन्हें भी हमेशा याद रखा जाएगा।क्योंकि इन दोनों के ही वजह से आखिरी बार महाराष्ट्र भर के पत्रकारों ने फिर एक बार पत्रकारों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर एक साथ आवाज़ उठाई थी जिसकी वजह से सरकार ने इस बात को महसूस किया कि अगर अब पत्रकारों के बारे में नहीं सोचा गया तो आर.डी.शिंदे जैसे भ्रष्ट अधिकारी और बाबा बंगाली जैसे पाखंडी और भूमाफिया पत्रकारों पर इसी तरह से झूटे मामले दर्ज कर उनकी कलम तोड़ने और उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश करेंगें ताकि इनकी धर्म की आड़ मे दुकानदारी अपनी चरम सीमा पर चलती रहे।
पत्रकार हल्ला विरोधी समिती के अध्यक्ष एम.एम.देशमुख ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि सरकार ने आखिर इस बिल को पास ही किया जिसको लेकर हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे वहीं वरिष्ठ पत्रकार गुरबीर सिंह ने कहा कि हम सब के लिए बहुत की खुशी की बात है कि सरकार ने हमारी सुरक्षा को लेकर विचार किया और कानून बनाया वहीं प्रेस क्लब के सेक्रेटरी धर्मेंद्र जोरे ने कहा कि हमें खुशी है कि हम सब की मेहनत रंग लाई और सरकार ने हमारी सुरक्षा को लेकर कानून बनाया वहीं वरिष्ठ पत्रकार और न्युज़ 24 के ब्युरो चीफ़ विनोद जगदाले ने कहा कि हमने मेहनत तो की है लेकिन इसका श्रेय एस.एम.देशमुख को जाना चाहिए जिन्होंने हर कोशिश के बाद हिम्मत नहीं हारी जगदाले ने कहा कि अब कम से कम बाबा बंगाली जैसे पाखंडियों की दादगिरी से तो छुटाकार मिलेगा और उन्हें पता चलेगा कि नियम कानून नाम की भी कोई चीज़ होती है और पुलिस किसी के बाप की जागीर नहीं कि उसे कोई भी कठपुतली के जैसे इस्तेमाल कर के सलाम ठोंकने के लिए मजबूर करे।आजतक के डिप्टी एडिटर कमलेश सुतार ने कहा हमें अपने काम और सुरक्षा पर अधिक से अधिक फोकस करना चाहिए और मुश्किल की हर घड़ी मे ंपत्रकारों को एक दूसरे के साथ खड़े होना चाहिए एन.डी.टी.वी के वरिष्ठ पत्रकार प्रसाद काथे ने कहा कि इस नियम के बाद हर एक ने सुकून की सांस ली अब सरकार ने इस कानून कोे लागू किया है तो हम पत्रकारों को भी इस बात का ख्याल रखना होगा कि इसका दुरपयोग न हो और पत्रकारों के साथ अन्याय हो तो सब को एक साथ आवाज़ उठानी होगी।
1 सितंबर 2016 का पत्रकारिता के इतिहास का वह मनहूस और काला दिन था जब डायरी गुरू एडिशनल कमिश्नर आर.डी.शिंदे ने तथाकथित स्वयं घोषित धर्म के ठेकेदार धर्मधुरंधर भूमाफिया श्री मुईन अशरफ उर्फ़ बाबा बंगाली को खुश करने के लिए सेंट्रल रीज़न की ऑफिस में बैठ कर बंगाली बाबा के साथ एक खतरनाक और घिनावनी साज़िश रची थी यह साज़िश थी पत्रकार शाहिद अंसारी के खिलाफ़ झूटा मामला दर्ज कर हिरासत में हत्या करवाने की।इस साजिश के दौरान जो मीटिंग की गई उसमें बावला कंपाउंड स्थित आर.डी.शिंदे के दफ्तर में ताड़देव डिवीज़न के एसीपी नागेश जाधव,नागापाड़ा सीनियर पीआई संजय वसवत,और जिस अधिकारी पर आर.डी.शिंदे और एसीपी नागेश जाधव द्वारा प्रेशर डाल कर शाहिद अंसारी के खिलाफ़ झूटा मामला दर्ज करवाया गया वह अधिकारी खुद वहां मौजूद थे।कमाल की बात तो यह है कि इस मीटिंग के बारे में जब इन से पूछा गया तो यह बताने में आना कानी कर रहे थे यही नही उस दिन पुलिस थाने में बाबा बंगाली और आर.डी.शिंदे के जो लोग इस साज़िश को अंजाम देने वाले थे पुलिस थाने में उनकी मौजूदगी की सीसीटीवी फुटेज तक नागपाड़ा पुलिस थाने से गायब कर दी गई ताकि किसी को भी इस साजिश के बारे में कोई पुख्ता सुबूत न मिल सके।लेकिन शिंदे की इस साज़िश का पर्दा तब फाश हुआ जब नागपाड़ा पुलिस ने आर.डी.शिंदे की इस करतूत को स्टेशन डायरी में लिख दिया।इसके बाद भी आर.डी.शिंदे लगातार झूट बोलते रहे कि उन्होंने ऐसी कोई साज़िश ही नहीं रची।
नागपाड़ा पुलिस थाने में ताड़देव डिवीज़न के एसीपी नागेश जाधव को खुद आर.डी.शिंदे ने फोन कर झूटा मामला दर्ज करने के लिए कहा था और नागेश जाधव ने जांच अधिकारी सुहास माने पर प्रेशर डाल कर मामला दर्ज करने के लिए कहा।नागेश जाधव ने खुद कहा कि मैं खुद आर.डी.शिंदे जैसे भ्रष्ट अधिकारी को पसंद नहीं करता लेकिन मजबूरी है कि मेरे वरिष्ठ हैं इसलिए गैर कानूनी आदेशों का पालन करना ज़रूरी हो जाता है।
शिंदे की जब यह हरकत पकड़ी गई तो नागपाड़ा सीनियर पीआई को खरी खोटी सुनाई और स्टेशन डायरी की कॉपी कैसे शाहिद अंसारी के हाथ लगी इस बात को लेकर उन्होंने नागपाड़ा सीनियर पीआई के खिलाफ़ पनिश्मेंट प्लान किया।क्योंकि स्टेशन डायरी में शिंदे का नाम लिखा गया इस बात को लेकर वह कार्रवाई नहीं कर सकते थे इसलिए भड़ास निकालने का कारण यह बनाया कि नागपाड़ा सीनियर पीआई संजय बसवत का उनके थाने पर कोई कंट्रोल नहीं इसको आधार बना कर उनके खिलाफ़ विभागी कार्रवाई करने का प्लान बनाया है।
हालांकि शाहिद अंसारी पर दर्ज किए गए झूटे मामले में ना सिर्फ़ शाहिद अंसारी को मामला दर्ज कर मांसिक उत्पीड़न से गुज़रना पड़ा बल्कि आर.डी.शिंदे और बंगाली बाबा की धमकियों का भी सामना करना पड़ा लेकिन पत्रकारों की एकता ने यह साबित कर दिया कि इस तरह के भूमाफिया और आर.डी.शिंदे जैसे भ्रष्ट अधिकारी किसी एक पत्रकार के खिलाफ़ झूटा मामला दर्ज कर उन सारे पत्रकारों के हौसले को नहीं तोड़ सकते जिनको तोड़ने के लिए आर.डी.शिंदे जैसे लोगों ने साज़िश रची थी।
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