शाहिद अंसारी
मुंबई:मुबंई के विक्रोली (पार्क साइड) पुलिस थाने की हद में बिरला कंपनी में रुनुवाल बिल्डर के जरिए तोडक कार्रवाई को लेकर कंपनी के कर्मचारियों नें रोकने के कोशिश की तो वहां पर मौजूद बिल्डर और पुलिस वालों नें मिलकर महिलाओं और बच्चों को जमकर पीटा और उलटा उनपर FIR दर्ज कर 19 लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन आज उन सारे लोगों को भोईवाडा कोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया।लेकिन मामले की वीडियो रिकार्डिंग जैसे ही बाहर आई उसके बाद फिर एक बार खाकी की दरिंदगी सामने आगई इस वीडियो मे जिस तरह से महिलाओं और बच्चों को जानवरों के जैसे पुलिस और सिक्युरिटी गार्ड के जरिए पीटा गया उनके कपडे फाडे गए यह देखकर कोई भी यह कह सकता है कि मुबंई पुलिस और यूपी बिहार की पुलिस मे शायद फर्क खत्म होगया।हालांकि इस सीसीटीवी को लेकर ज्वाइंट कमिश्नर देवेंद भारती ने कहा कि वीडिया की जांच के लिए जोनल डीसीपी को भेज दिया गया।लेकिन सवाल यह कि क्या पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की वह किस आधार पर है क्या पुलिस पावर और रुनुवाल ब्लिडर एक होकर कंपनी के कर्मचारियों पर जुल्म के पहाड तोड रहें हैं।और बिल्डर की तरफ दारी करते हुए खुद पुलिस भी पीडित की तरह कर्मचारियों के खिलाफ मामले की FIR दर्ज करके केस को मजबूत बनाने के लिए बिल्डर की तरफ दारी करते हैं।
हालांकि इस मामले को लेकर जब विक्रोली के सीनियर पीआई राजेंद्र कुलकर्णी से बात की गई तो पहले उन्होंने बात की लेकिन जब इस मामले की बात की गई तो उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया लेकिन जब फोन चालू करने के बाद बात हुई तो उन्होंने मुद्दे से हटकर कहा कि “मैं तुम्हें नोटिस दूंगा तुम कैसा पत्रकार है” जब उन्हें कहा गया कि आप नोटिस भेजिए आपका फोन रिकार्ड किया जा रहा है और आपकी इस बातचीत को सीपी साहब तक भेज रहा हूं तो उन्होंने फोन काट दिया।
Bombay Leaks से बात करते हुए बिरला कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि पुलिस और बिल्डर के सेक्युरिटी गार्ड ने जिस तरह से पीटा उसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते बावजूद इसके कि पुलिस ने उलटा हमारे खिलाफ ही मामला दर्ज कर कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया।इस कार्रवाई में पुलिस ने 2 नाबालिग लडिकयों के खिलाफ भी FIR दर्ज की है।
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