Bombay Leaks Desk
रियाज़ ( सऊदी अरबिया) : 29 जून को सऊदी के अलसहाफा पुलिस थाने के अंतर्गत के मुहम्मद अज़ाज़ नाम के लखनऊ के रहने वाले भारतीय युवक ने बिल्डिंग के तीसरे माले की खिड़की से कूद कर आत्महत्या करली।मृत्तक दिमागी बीमारी का शिकार था और उसकी हालत सही नहीं थी।दिमागी हालत सही न होने के कारण उसके भाई को जो कि सऊदी में ही काम करता है उसे फोन कर बताया गया कि उसका मांसिक संतुलन बिगड़ गया है और उसे संभालना मुश्किल होगया है।मृत्तक सिलाई का काम करता था उसके भाई को जैसे ही इसकी जानकारी दी गई उसने उसे रोक कर रखने के लिए कहा जिसके बाद उसे तीसरे माले पर रूूूम नम्बर 16 में यह सोच कर बंद कर दिया गया कि दिमागी रूप से बीमार इधर उधर न चला जाए।उसे जिस रूम में बंद किया गया उसने उसी रूम की खिड़की से छलांग लगा दी।इस दौरान घर के दूसरे कमरे में मौजूद लोगों को इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि वह घर से कूद गया है।यह जानकारी जैसे ही पुलिस को हुई पुलिस घटना स्थल पर मौजूद 1 बंगलादेशी समते 6 भारितियों को हत्या के शक में गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी।
सऊदी अरब के रियाज़ शहर में एक्जिट 6 के पास मौजूद हैयल नफ्ल मार्केट की इस इलाके की एक शाखा उतहेम मार्केट के सामने की ही बिल्डिंग में मौजूद है यह बिल्डिंग अलसहाफा पुलिस थाने के अंतर्गत आती है जहां सारे भारतीय मृत्तक मुहम्मद अज़ाज़ा एक साथ रहते थे यह सारे लोग उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले हैं और लंबे समय से सऊदी अरब में सिलाई का काम करते हैं इनके नाम मसरूर अंसारी,मुहसिन अंसारी,साकिब अंसारी,शमीम,फैजान हैं।
घटना की जानकारी सऊदी अरब में ही मौजूद रईस अहमद ने मुंबई स्थित पत्रकार शाहिद अंसारी को दी जिसके बाद अंसारी ने तुरंत मामले की जानकारी भारतीय दूतावास में तौनात मुंबई के पूर्व कमिश्नर और भारतीय राजदूत अहमद जावेद से संपर्क कर के उनसे सहायता के लिए विनती की जिसके बाद अहमद जावेद ने गिरफ्तार सारे आरोपियों की तफ्सील मांगी उन्हें सारे लोगों की जानकारी दे दी गई।जानकारी में उनकी पास्पोर्ट की तफ्सील और दूसरी जानकारियां शामिल थीं।
16 जूलाई को भारतीय दूतावास से राजदूत अहमद जावेद के आदेश के बाद दूतावास अधिकारी वसीउल्लाह ने सऊदी में मौजूद सारे आरोपियों के दोस्त रईस अहमद को फोन कर मामले की जानकारी ली और 17 जूलाई को भारतीय दूतावास के अधिकारी वसीउल्लाह ने रईस अहमद के साथ अलसहाफा पुलिस थाने पहुंच गए।सारे आरोपियों का बयान दर्ज किया और मामले की सच्चाई जानी जिसके बाद सारे लोगों ने अपनी आपबीती कह सुनाई और मामला क्या था इसकी सही जानकारी उनके सामने कह सुनाई।दूतावास अधिकारी वसीउल्लाह ने उन सब का बयान दर्ज किया चूंकि हत्या का मामला था इसलिए इस मामले की जांच सऊदी की लोकल क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी।
20 जूलाई को मृत्तक के शव को उनके भाई के हवाले किया गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया।चूंकि सऊदी के कानून के अनुसार जांच पूरी होने तक आरोपियों को जेल में ही रहना पड़ता है इसलिए पुलिस हिरासत में रहने वाले सारे आरोपी बहुत परेशान थे।23 जूलाई को उन्होंने एक पत्र भी लिखा जिसमें उन्होंने अपनी आपबीती कह सुनाई और बताया कि वह लोग बेगुनाह हैं और यहां जेल में शायद ज्यादा दिनों तक वह जिंदा नहीं रह पाऐंगे।
उधर भारतीय दूतावास को जब इस पत्र की जानकारी दी गई तो दूतावास ने बताया कि सऊदी नियम कानून के अनुसार आरोपियों को तब तक जेल मे रहना पड़ता है जब तक जांच पूरी न हो जाए।दूतावास अधिकारियों ने मृत्तक के भाई से संपर्क उन्हें क्राइम ब्रांच और स्थानी पुलिस के सामने हाजिर किया जिसमे उन्हों बताया कि उनके भाई से किसी की कोई दुशमनी नहीं थी और यह सब अपने लोग हैं उन्होंने अपने बयान मे बताया कि नके भाई की मांसिक स्थिति बेहतर नहीं थी और जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उन्होंने कुछ नहीं किया उनके भाई ने आत्महत्या की है।मृत्तक के भाई के बयान के बाद सऊदी में मौजूद स्थानी क्राइम ब्रांच की जांच पूरी हो गई और 31 जूलाई की शाम कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सारे आरोपियों बाइज़्ज़त बरी कर दिया गया।
बरी होने वालों मे मसूर का कहना है कि हमने यह कभी नहीं सोचा था कि हम स तरह से बेगुनाह जेल पहुंच जाऐंगे लेकिन जिस प्रकार से भारतीय राजदूत अहमद जावेद साहब हम सब के लिए मददगार बन कर आए उस एहसान को हम कभी फरामोश नहीं कर पाऐंगे हमने जीने की और जेल से बाहर आने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।क्योंकि 33 दिन जेल मे रहना वह भी बेगुनाह यह बहुत ही मुश्किल काम था।
अहमद जावेद के ज़रिए बेगुनाह भारतियों के लिए इस मदद को लेकर भारत में हर जगह चर्चे मे आ गए हैं।बरी होने वाले मोहसिन अंसारी जो कि कौशाम्बी के खोंपा गांव के रहने वाले हैं उनके पिता सईद अहमद ने कहा कि हम अहमद जावेद साहब का शुक्रिया किन अलफाज़ों मे करें जिन्होंने हमारे बच्चों की इतनी मदद की और फिकर की जिसकी वजह से वह मुश्किल से निकल पाए।वहीं साकिब के पिता मुस्लिम का कहना है कि हम बहुत परेशान थे लेकिन जिस तरह से भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने हमारी मदद की हम उसे कभी नहीं भूल सकते।
इस मामले को लेकर भारतीय राजदूत अहदम जावेद ने कहा कि उन्होंने इस काम में भी पुलिस टीम वर्क किया है जैसे वह मुंबई में पुलिस मुहकमा में करते थे चूंकि आरोप गंभीर थे इसलिए जांच भी गंभीरता से करनी पड़ती है और सऊदी के कानून के तहेत जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक आरोपी पुलिस हिरासत में ही रहते हैं।हमें जैसे ही जानकारी मिली हमने मामले में कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए गिरफ्तार भारतियों की कानूनी मदद की जिसके बाद जांच पूरी हुई और वह बरी हो गए।अहमद जावेद के ज़रिेए इस मामले में जिस तरह से तुरंत सहायता की गई और उन्होंने जो दिलचस्पी दिखाई उससे जाहिर होता है कि एक ईमानदार,दर्दमंद पुलिस अधिकारी के लिए यह ज़रूरी नहीं कि वह पुलिस सेवा में कार्यरत रह कर ही जनता के दर्द को समझ सकता है बल्कि वह कहीं भी रहे किसी भी हाल मे रहे उस शख्स के अंदर वह पुलिस की खूबी जिंदा रहती है जिसकी जीती जागती मिसाल खुद अहमद जावेद हैं जो कि भारतीय राजदूत जैसे बड़े ओहदे पर होते हुए अपने अंदर उस पुलिस को जिंदा रखा जिसे जनता की सेवा के लिए याद किया जाता है।
उस घर की वीडियो जहां से मृत्तक ने आत्महत्या की थी
https://youtu.be/R-lnq-VUh5Q
Post View : 74