शाहिद अंसारी
औरंगाबाद : गुर्गा-ए-बंगाली वक्फ़ माफिया शब्बीर अंसारी और दूसरा गुर्गा ज़मानत पर बाहर आने के बाद प्रेस काफ्रेंस लेते हुए कहा कि वक्फ़ बोर्ड को समाप्त किया जाए यहां बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है।
दरल असल शब्बीर अंसारी ज़मानत पर रेहा होने के बाद अब यह समझ चुके है कि बंगाली की दलाली उन्हें भारी पड़ गई है और अब छोटा सोनापुर के जैसे वक्फ़ की प्राप्रटी को कबज़ा करना उनके बस की बात नहीं है क्योंकि शब्बीर ऐंड कंपनी जहां भी भी वक्फ़ की जगह पर गैर कानूनी कबज़ा करेगी तो भला वक्फ़ बोर्ड के सदस्य या वक्फ़ बोर्ड कैसे शांत बैठेगा इसलिए गुर्गा-ए-बंगाली वक्फ़ माफिया शब्बीर अंसारी ने वक्फ़ बोर्ड को ही खत्म करने की मांग की है ताकि उसका और उसके गुरु आज़ाद मैदान दंगों और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा भूमाफिया तथाकथित स्वघोषित धर्म धुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली अब कोई और जगह कबज़ा करने का लिए सोच भी नहीं सकते और अगर कहीं ताला लगाए तो पहुंच जाऐंगे हवालात के पीछे। पुलिस ने शब्बीर अंसारी को जब गिरफ्तार किय तो बड़ी बड़ी बातें करने वाला शब्बीर अंसारी भीगी बिल्ली बना पुलिस हिरासत में खड़ा था और उसका दूसरा गुर्गा अब्दुलक्य्यूम नदवी भी पुलिस वालों से रहेम की भीक मांग रहा था। अंसारी जांचं अधिकारी को बोल रहा था कि साहब मुझे छोड़ दो अब ताला नहीं लगाऊंगा और सीधा मुंबई ही जा कर रुकूंगा।
दरअसल गुर्गा-ए-बंगाली वक्फ़ माफिया शब्बीर अंसारी ने पुलिस को बड़ी चुनौती दी थी की मामला दर्ज कर के दिखाए जब मामला दर्ज हो गया तो गिरफ्तार कर के दिखाने क चुनौती दी उसे ऐसा लगा कि बाबा बंगाली की बहुत ऊपर तक पहुंच है और वह उसे बचा लेगा लेकिन बंगाली का कोई भी दांव काम न आया और दोनों गुर्गे पहुंच गए हवालात के पीछे। और आखिर में उन्हें कोर्ट से जमानत लेना ही पड़ा।
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