शाहिद अंसारी
मुंबई : 21 नवंबर 2017 को मुंबई हाईकोर्ट ने बॉम्बे स्टॉक एक्सेचेंज के विरुद्ध कार्रावाई को लेकर बीएमस को आखिरी चेतवानी देते हुए 2 हफ्तों का समय दिया है। ध्यान रहे 2013 में सीनीर सिटीज़न योगेश मेहता ( शेयर दलाल ) ने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाते हुए शिकायत की थी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सेचेंज बिल्डिंग को ओसी नहीं है और उसके ऊपर के बने कुछ फ्लोर अवैध हैं। जिसको लेकर कोर्ट ने BMC को चार महीनों के अंदर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे लेकिन BMC ने इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। BMC की ओर से कोर्ट के आदेशों का पालन न किए जाने पर योगेश मेहता ने कोर्ट में BMC के विरुद्ध कोर्ट के आदेशों का उल्लघन करने को लेकर कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी।
शिकायतकर्ता योगेश मेहता ने साल 2013 में मुंबई हाईकोर्ट में बीएमसी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के खिलाफ़ बिल्डिंग के अवैध निर्माण के साथ साथ कई गैर कानूनी गतिविधियों को लेकर याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद 9 जून 2016 को हाईकोर्ट ने बीएमसी को 4 महीनों का समय देते हुए कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था। लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी बीएमसी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सर पर जूं तक नहीं रेंगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायतकर्ता ने फिर से हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने को लेकर लेकर कोर्ट की अवमानना करने पर हाईकोर्ट में शिकायत की थी।
शिकायत के बाद कोर्ट ने बीएमसी को कई बार अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा लेकिन बीएमसी कोर्ट के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया। जिसकी वजह से 21 नवंबर को कोर्ट ने आखिरी मौका उन्हें दिया है कि वह इस पर अपना जवाब दाखिल करें।
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