मुंबई : डीसीपी विक्रम देशमाने को झूले से एलर्जी है इसलिए वह सारे मुंबईकरों का मनोरंजन के खोलों को बंद करने पर तुले हुए हैं ताजा मिसाल है माहिम मेले की।
माहिम मेला शुरु होने से पहले माहिम पुलिस थाने ने झूला लगाने वाले व्यापारियों को फोन आया कि माहिम मेले बड़ा झूला और मौतका कुंआ जैसा खेल के लिए पुलिस इजाज़त नहीं देगी।
इस बात को लेकर परेशान झूला व्यापारियों ने सीनियर पीआई कैलाश चौहान ने कहा कि यह आदेश स्थानी डीसीपी विक्रम देशमाने का आदेश है इसलिए इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता।
व्यापारियों ने परेशान लोगों जब विक्रम देशमाने से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि मुझे इन सब खेलों से एलर्जी है और जिसने भी मनोरंजन के लिए अगर किसी ने झूला लगाया तो मैं सब पर फर्ज़ी केस बनओंगा। इन बातों के देख व्यापारियों ने 21 दिसंबर से शुरु हुआ लेकिन पुलिस की गुंडई और दादागिरी की वजह से डर की वजह से व्यापारियों ने झूला नहीं लगाया।
26 दिसंबर को लोगों ने रात 8 बजे शुरु किया लेकिन पुलिस वालों ने आकर बंद करा दिया।जबकि यह झूला और यह मनोरंजन का खेल बीते 50 सालों से चल रहा है और इसके लिए व्यापारियों हर तरह के दस्तावेज़ और लाएसेंस के साथ यह कारोबार कर करते हैं।
बंद करने की वजह
दर असल जिस मैदान बीपीटी का है जबकि दूसरा मुंबई कलेकटर लैंड है और इसी जगह पर बीते 50 सालों से मनोरंजन के इस खेल को लेकर झूले वाले कारोबरा करते हैं।
लेकिन माहिम दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टी सुहील खंडवानी ने सारे झूले वालों से कहा कि अगर मेला लगाना है तो उसके लिए माहिम दरगाह ट्रस्ट से एन.ओ.सी लेना होगा जिसको लेकर झूला व्यापारियों में आक्रोष है क्योंकि इस एनओसी के कारण झूले वालों के हमेशा के लिए हांथ बांध दिए जाऐंगे और फिर एक समय ऐसा भी आसकता है जब इन झूले वालों की रोज़ रोटी छीन कर खंडवानी अपने पंटरों से धंधा लगा कर जम कर मलाई खाऐंगे।
क्योंकि बाबा फालूदा से लकर माहिम दरगाह तक 100 से ज्यादा लोग कारोबार करते हैं और यह सब खंडावानी के ही पंटर रहते हैं यहां साल क 12 महीने कारोबार अच्छा होता है क्योंकि यहां से ही जाएरीन भारी संख्या में दरागह पर जियारत करने के लिए जाते हैं।
एक झूला व्यापारी ने बताया कि जब हम संम्बधित विभाग से इसके लिए एनओसी लेते हैं तो आखिर इनसे एनओसी क्योंकि लें। दरअसल खंडवानी के इस नए फंडे की वजह यह मानी जाती है कि यहां तकरीबन 100 से ज्यादा झूले वाले हैं जिनसे खासी रकम इस आड़ से ऐंठी जा सकती है।
व्यापारियों का कहना है कि पहले ही कई दिनों तक कारोबार बंद किया गया था जिससे हमें काफी ज्यादा नुकसान हुआ इसलिए हमारी यह मांग है कि इतने दिनों तक जो हमारा नुकसान हुआ है उसके लिए हमें और मोहलत दी जाए ताकि हम कारोबार कर सकें।
हमने इस बारे में डीसीपी विक्रम देशमाने और सुहैल खंडवानी से संपर्क कर के उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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