मुंबई : त्रिपल तलाक को को लेकर बतोलेबाज़ी करने वाला आज़ाद मैदान दंगे और हत्या का आरोपी तोडु-ए-नागपाड़ा भूमाफिया तथाकथित धर्म धुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली आज गिरफ्तारी के डर से मदनपूरा में होने वाले प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ हालांकि इस प्रदर्शन में रज़ा अकैडमी समेत कई उलमा शामिल हुए और सरकार के विरुद्ध आक्रोष जताते हुए अपनी गिरफ्तारी दी बंगाली बाबा बतोलेबाज़ी करने और प्रदर्शन में शामिल न होने को लेकर सुन्नी मुसलमानों में आक्रोष पाया जा रहा है।
हालांकि कल बाबा बंगाली ने बतोलेबाज़ी करते हुए कहा था कि वह इस कानून के विरुद्ध प्रदर्शन करेगा और अपनी गिरफ्तारी भी कराएगा लेकिन हैरानी तब हुई जब मदनपूरा में रज़ा अकैडमी के अध्यक्ष सईद नूरी समेत कई उलमाओं ने अपना विरोध दर्ज कराया लेकिन बंगाली बाबा का दूर दूर तक पता नहीं चला।
त्रिपल तलाक बिल के बाद बतोलेबाज़ी करता बंगाली
दर असल बंगाली का इस विरोध प्रदर्शन में शामिल न होने के पीछे की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि वह जिस प्रकार से तत्कालीन कांग्रेस सरकार के तलुवे चाट रहा था और उसके बाद आज़ाद मैदान दंगे को अंजाम दिया मुख्य आरोपी होने के बाद भी उसकी आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई यह सिर्फ उसी चाटुकारिता का नतीजा था लेकिन जैसे ही राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार आई तो बंगाली बीजेपी की चाटुकारिता करने में दिन रात एक किए बैठा है वह अलग बात है कि उसे किसी प्रकार का भाव नहीं मिल रहा।
इसी वजह से बंगाली ने पहले तो बतोलेबाज़ी करते हुए कहा कि इस बिल के खिलाफ़ प्रदर्शन करते हुए वह अपनी गिरफ्तारी देगा लेकिन उसे इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं बतोलेबाज़ी के चक्कर में सही में पुलिस वाले पकड़ कर रगड़ न दें और फिर गिरफ्तारी का भूत उतर जाएगा।
दूसरी अहम बात यह है कि बंगाली इस प्रकार से विरोध प्रदर्शन न कर के मौजूदा सरकार की नज़र में बड़ा चाटुकार बनने की कोशिश कर रहा है और आज़ाद मैदान दंगे में गिरफ्तार होने से भी बचने की कोशिश कर रहा है ताकि बीजेपी उसे गली कुचे का नेता बना दे हालांकि आज़ाद मैदान दंगे को लेकर बंगाली बाबा का इतिहास जग जाहिर है।
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