मुंबई : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध करने की आड़ में आज आज़ाद मैदान दंगे और हत्या का मुख्य आरोपी तथाकथित धर्म धुरंधर भूमाफिया दो टांकी का बाहुबली नथानी बिल्डर का पंटर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली ने पुलिस गिरफ्तारी की नौटंकी की लेकिन जनता को यह नौटंकी जमीनहीं और उन्होंने समझ लिया नुक्कड़ नाटक के जैसे बाबा बंगाली ने मीडिया मीडिया पब्लसिटी पब्लसिटी करने के लिए किया था।
आज मदनपूरा में बाबा बंगाली बिल्कुल नाटकी अंदाज़ में हरी मस्जिद से निकल कर सीधा पुलिस की गाड़ी के दरवाज़े पर खड़ा होकर बतोलेबाज़ी किया लेकिन उसकी बतोलेबाज़ी में कहीं भी बीजेपी सरकार के विरुद्ध नारेबाज़ी दिखाई नहीं दी बल्कि खुद देशभक्त साबित करने वाले बतोलेबाज़ी करने वाला नारा लगा रहा था।
चूंकि बंगाली बाबा खुद को बीजेपी का पंटर बताने की जम कर फेकम फाक कर रहा है हालांकि बीजेपी पार्टी के लोग इसे घास तक नहीं डालते यही वजह है कि बीजेपी सरकार की तारीफें करते नहीं थकता और हमेशा बीजेपी लीडरों के साथ फोटो खिचावाने का संघर्ष करते रहता है ताकि उस फोटो के माध्यम से किसी भी शिकार से झोल आसानी से कर लेता है
बंगाली बाबा का यह नाटक थोड़ी देर में खतम हुआ पुलिस ने उसे एक फेरा लगा कर छोड़ दिया इस दौरान बंगाली बाबा ने अपनी वीडियोग्राफी और फोटोबाज़ी की मंशा भी पूरी कर ली लेकिन ऐसा में हैरानी इस बात की आज़ाद मैदान दंगे का कुख्यात आरोपी बाबा बंगाली जो कि इस दंगे के बाद से पुलिस की गिरफ्तारी से बच रहा है वह इस बार भी पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद भी बच निकला।जानकारी में यह पता चला कि पुलिस वालों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी की जो बाबा बंगाली पुलिस गिरफ्तारी को नाटक के रुप में पेश किया वह असल में आज़ाद मैदन दंगों का मुख्य आरोपी है।
वहीं दूसरी ओर आज अगस्त क्रांति मैदान में 50000 लोग जमा हुए और शांतिपूर्वक प्रदर्शन रहा 3 घंटे चलने वाले इस प्रदर्शन में सेंट्रल रीज़न के एडिशन कमिशनर निशिथ मिश्रा ज्वाइंट सीपी विनय चौबे पूरे समय मैदान मे ही मौजूद रहे साथ में 1500 पुलिसकर्मी की तैनाती रही और यह प्रदर्शन पूरी तरह से कामयाब रहा। दरअसल इस प्रदर्शन से आज़ाद मैदान दंगे के आरोपियों को पूरी तरह से दूर रखा गया जबकि प्रदर्शन में मुसलमानों समेत दूसरे धर्म के लोगों की खासी तादा मौजूद रही और किसी ने बाल के बराबर भी शांति भंग करने की कोशिश भी नहीं की।
वहीं पुलिस वाले इस बात की फिराक मे थे अगर बंगाली बाबा या उसकी गैंग का कोई भी पंटर वहां आस पास भी दिखाई देता तो उसे सीधा हवालात की हवा खिला देते लेकिन मुसलमानों को तथाकथित ठेकेदार डरपोक बंगाली बाबा मदनपूरा की गली तक ही सीमित रहने में अपनी भलाई समझी।
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