मुंबई : महाराष्ट्र के 36 विधायकों को मंत्री का दर्जा हासिल हुआ है लेकिन कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल को न तो राज्य मंत्री और न ही कैबिनेट मंत्री की भी दर्जा नहीं मिला जिसकी वजह सेवह शपथ समारोह में भी शामिल नहीं हुए दरअसल अमीन पटेल को मंत्री दर्जा न मिलने के पीछे की बड़ी वजह कांग्रेस की आपसी गुटबाडज़ी मानी जाती है और इस गुटबाज़ी के कारण असलम शेख ने बाज़ी मार ली और अमीन पटेल औंधे मुंह गिर पड़े।
दूसरी सब से बड़ी वजह यह है कि इस गुटबाज़ गैंग जिसमें एक आठवीं पास मुस्लिम लीडर जो कभी राज्य मंत्री रह चुके और इस बार के महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में सब से कम वोट से हारने का रिकार्ड कायम किया उन्होंने अमीन पटेल का पत्ता काटने के लिए ऐसे उल्माओं का चयन कर के उन्हें अहमद पटेल के पास भेजा जो आज़ाद मैदन दंगे और हत्या के मुख्य आरोपी मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली गैंग के साथी अहमद पटेल और कांग्रेस का आला लीडरों से मुलाकात की और बंगाली खुद महाराष्ट्र के एनसीपी के सब से बड़े लीडर से मिलकर अमीन पटेल को मंत्री पद देने को लेकर नाराज़गी जताई जिसको लेकर उस लीडर ने बाबा बंगाली की बात नहीं टाली और अमीन पटेल को मंत्री मंडल से बाहर का रास्ता दिखाया।
अपने आप को नागपाड़ा का शक्तिमान और दो टांकी का बाहुबली समझने वाला बाबा बंगाली अपनी टच बड़ी ऊपर तक बताता है लेकिन उसे नहीं पता कि उसकी हरकतों और झोलझाल की दुकनादारी करने की वजह से उसे की पसंद नहीं करता और पसंद न करने की इस नाराज़गी का खमियाज़ा अमीन पटेल को भुगतना पड़ा इसी लिए शपथ समारोह के दौरान अमीन पटेल अपने कमाटीपुरा की आफिस के ऐंटी चेंबर में धीमी लाइट जलाकर अकेल अपने गम में बैठे नज़र आए हलांकि इससे पहले उनकीआफिस और कमाटिपुरा को तेज़ लाइटों से जमकर सजाया गया था लेकिन उन्हें मंत्री पद न मिलने पर रोशन लाइटें धीमी होगईं।
हालांकि अमीन पटेल भारी बहुमत से जीत कर आए जो कि यह साबित करता है कि उनकी पकड़ मुस्लिम जनता में कितनी है लेकिन बाबा बंगाली के साथ ने उन्हें मंत्री मंडल से बाहर कर दिया ऐसे में उन्हें चाहिए कि कोई ऐसे असली धर्मगुरु को अपने साथ रखना जिसकी समाज में कुछ इज्ज़त हो और लोग उसे पसंद करते हों।
उल्माओं की टोली के माध्यम से अहमद पटेल को यह संदेश दिया गया कि अमीन पटेल सुन्नी मुस्लिम नहीं है अमीन पटेल को दरकिनार करने की पूरी ताकत झोंकने वाले खुद को मंत्री दर्जा की ख्वाहिश रखने वाले इस आठवीं पास पूर्व मंत्री की यह कोशिश ने अमीन पटेल को मंत्री दर्जे से दूर रखने में कामयाबी हासिल की लेकिन इस आठवीं पास के भी हाथ से मंत्री दर्जे का पद दूर होता चला गया और मंत्री पद की गेंद असलम शेख पाले में पहुंच गई।
जानकारी में यह बात पता चली है कि जिन उल्माओं ने अहमद पटेल से मुलाकात की उसकी उनकी पूरी फंडिंग उसी मुस्लिम लीडर ने की है जो खुद को मंत्री मंडल के लिए बात पैर मार रहे हैं चूंकि बरेली उल्मा खुद बाबा बंगाली को पसंद नहीं करते उसकी सब से बड़ी वजह यह है कि बाबा बंगाली पढ़ा लिका नहीं है और नही है वह स्वयं घोषित मौलाना है और मुसलमानों में उसके खिलाफ़ ज़बरदस्त नाराज़गी पाई जाने की वजह से अमीन पटेल के लिए करेला नीम चढ़ा साबित हो गया।
दरअसल अमीन पटेल चुनाव जीतने के बाद मंत्री मंडल को लेकर ऐसी हवाबाज़ी कर रहे थे जैसे लग रहा था मौजूदा सरकार उन्हें बड़ा पद देने वाली है लेकिन बाबा बंगाली और उसकी गैंग ने अमीन पटेल की मलियामैट कर दी अब ऐसे में जनता यह भी कह रही है कि बंगाली बाबा के बोलबचन और चूरनबाज़ खुल कर सामने आरही है और अमीन पटेल को मंत्री दर्जा न मिलने से साबित होता है कि बंगाली बाबा की भक्ति में शक्ति खतम हो चुकी है।
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