शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर अरुप पटनाएक के बाद मुंबई में डांस बार के खिलाफ़ कार्रवाई तकरीबन तकरीबन बंद हो गई थी क्योंकि मुंबई पुलिस के अनुसार अब डांस बार में गैर कानूनी काम उसी तरह से बंद हो गए जैसे पूर्व डीजी प्रवीण दिक्षित के जाने के बाद ऐंटी करप्शन ब्युरो में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ़ बंद हो गई है। इस आड़ से पुलिस मुहकमा सरकार और जनता की आँखों मे धूल झोंकने की कोशिश कर रहा है लेकिन एक पुलिस अधिकारी की 6 रातों की कार्रवाई ने मुबंई पुलिस की पोल पट्टी खोल दी।
मुंबई में अचानक 26 मई के बाद से फिर एक बार मुंबई में चल रहे डांस बार के खिलाफ़ कार्रवाई का बिगुल बज गया यह बिगुल बजाने वाले सुपरकॉप और मुंबई ऐंटी नार्कोटिक सेल में तैनात डीसीपी शिवदीप लांडे थे। शिवदीप लांडे को सोशल सर्विस ब्रांच का मात्र 6 दिन का एडिश्नल चार्ज दिया गया था इस 6 दिन में उनकी कार्रवाई के बाद मुंबई पुलिस में तैनात उन ज़ोनल डीसीपी की नींद उड़ी हुई जो ईमानदारी और फर्ज़शनाशी में राजा हरिश्चंद्र से भी 5 हाथ आगे होनेका दावा करते हैं क्योंकि लांडे की कार्रवाई ने मुंबई के सारे पुलिस थाने और ज़ोनल डीसीपी की पोल खोल कर रख दी जिनकी बदौलत डांस बार में गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
लांडे ने अपनी कार्रवाई उसी दिन से शुरु की जिस दिन उन्हें सोशल सर्विस ब्रांच के डीसीपी राजेंद्र दभाड़े का एडिश्नल चार्ज दिया गया हालांकि दभाड़े के इस विभाग में आने के बाद यह दावा किया जा रहा था कि मुंबई में डांस बार पूरी तरह से नियम और कायदे के दाएरे में रह कर ही चलाए जा रहे हैं इसी लिए डांस बार के खिलाफ़ कार्रवाई पर रोक लग गई थी। लेकिन लांडे के पहले ही दिन की कार्रवाई के बाद से न केवल सोशल सर्विस ब्रांच की पोल खुली बल्कि स्थानी पुलिस थानों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की भी पोल खुल गई जो डांस बार और जिस्म फरोशी के ज़रिए होने वाली कमाई की मलाई खाने में बराबार के हिस्से जार रहे हैं।
लांडे ने 26 मई को जो छापेमारी की वह मुंबई के दहिसर स्थित शर्मीली बार में थी इस छापेमारी में 50 लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई की गई और इस में बार में जब तलाशी ली गई तो 11 बार गर्ल को गुप्त स्थान जहां गुफ़ा बना कर छुपा कर रखा गया था पुलिस ने यहां से कैश भी बरामद किया और स्थानी पुलिस थाने में पीटा समेत आईपीसी का धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) समेत कई धाराओं के तहेत एमएचबी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया। ध्यान रहे इसी इलाके के बार पर कार्रवाई करने वाले एक पुलिस वाले को ज़ोनल डीसीपी विक्रम देशमाने ने थप्पड़ मारा था। अब लांडे के सामने देशमाने की हैसियत बराबरी वाले पुलिस के जैसे हो गई है। क्योकि इस बार कार्रवाई करने वाला अधिकारी और देशमाने का स्तर बराबर का रहा है।
28 मई को अंधेरी पुलिस थाने की हद में रामभवन बार पर कार्रवाई की गई जहां छापे मारी के दौरान 29 बार गर्ल पाई गई पुलिस ने यहां से 63000 रूपए कैश बरामद करते हुए बार मालिक और सभी जिम्मेदारों के खिलाफ़ पीटा के तहेत कार्रवाई की है।
30 मई को शिवदीप लांडे की ही टीम के ज़रिए शिवाजीपार्क पुलिस थाने की हद में चल रहे जुए क अड्डे से 24 लोगों को गिरफ्तार किया और 34105 रूपए कैस बरामद किया। उसी रात परेल इलाके में भी जुए के अड्डे पर 12 लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई की और उन्हें स्थानी पुलिस थाने भोईवाड़ा के हवाले किया।
31 मई को लांडे की टीम ने तिलक नगर पुलिस थाने की हद मे नटराज बार पर कार्रवाई की जिसमें 13 बार बालाऐं बार मे पाई गई उसके साथ साथ 30 लोगों के खिलाफ़ कार्रावाई की गई और 60250 रूपए कैश जब्त किए।
शिवदीप लांडे की इस हफ्ते भर की कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि मुंबई में रात के समय डांस बार जुए के अड्डे और दूसरे गैर कानूनी गोरख धंधे धड़ल्ले से चल रहे हैं और इसके लिए मुंबई पुलिस के नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों की मिली भगत है। यही वजह है कि इस हफ्ते भर की कार्रवाई के बाद डिपार्टमेंट मे लांडे के विरोधियों की संख्या में इजाफा हो रहा है क्योंकि कुछ ज़ोनल डीसीपी को डांस बार की काली कमाई की मलाई खाने मिलती है जिसकी वजह से डांस बार धड़ल्ले से चल रहे हैं। अब लांडे के ज़रिए हुई कार्रवाई क बाद उनके पेट में दर्द उठना लाज़मी है।
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