Bombay Leaks Desk
मुंबई : शीना बोरा हत्या कांड मामले में तत्कालीन एडिशनल सीपी क्राइम देवेन भारती ने शीना बोरा के मुबाइल लोकेशन का पता लगाने के लिए कहा था यह बात मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर नितन अलकनूरे ने सीबीआई की विशेष अदालत में बतौर गवाह कहते हुुुए अपना बयान दर्ज कराया।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि साल 2012 में जब वह मुंबई पुलिस की Anti-Extortion Cell में कार्यरत थे अप्रेल के महीने में तत्कालीन एडिशनल सीपी क्राइम देवेन भारती ने उन्हें फोन कर के एक नंबर लिखने के लिए कहा और यह कहा कि यह नंबर इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के एक रिश्तेदार का नंबर है उन्हें इसका मौजूदा लोकेशन का पता लगाने के लिए कहा। उन्होंने इस नंबर का लोकेशन पता लगाने की कोशिश की लेकिन नंबर बंद था उन्होंने कोर्ट को दिए गए अपने बयान में बताया कि दूसरे दिन फिर भारती ने उन्हें कॉल कर के कहा कि अब लोकेशन का पता वह न लगाऐं क्योंकि पीटर और इंद्राणी ने कहा है कि उनके रिश्तेदार का उन्हें पता चल चुका है।
अलकनूरे साल 2015 में मुंबई के खार पुलिस थाने में तैनात थे और शीना बोरा हत्या कांड की भी जांच मुंबई के इसी पुलिस थाने में चल रही थी उन्होंने बताया कि जब खार पुलिस इस हत्कांड की जांच कर रही थी तब भारती ने उन्हें जानकारी दी थी कि जिस नंबर के बारे में लोकेशन का पता लगाने के लिए उन्हें कहा गया था उस नंबर का संबंध इस केस से है। सीबीआई के अनुसार भारती ने इंद्राणी और पीटर से मुलाकात की थी ताकि वह शीना बोरा का पता लगा सकें ध्यान रहे यह नंबर शीना बोरा का था। अब ऐसे में सवाल उठता है कि किसी के मुबाइल नंबर का पता लगाने का आदेश देने वाले अधिकारी को क्या शीना बोरा की हत्या का पता नहीं था ? क्या वह जानकर भी हत्या में शामिल मुख्य आरोपियों का साथ दे रहे थे ताकि शीना बोरा की हत्या से पर्दा न उठ सके ?
इस मामले में 23 नवंबर 2015 को Bombay Leaks द्वारा यह ख़बर प्रकाशित की गई थी जिसके बाद भारती ने कॉल कर के ख़बर को डिलीट करने के लिए कहा था लेकिन ख़बर पुख्ता होने के वजह से उनके कहने के बाद भी ख़बर डिलीट नही गई जिसका नतीजा यह हुआ कि Bombay Leaks के पत्रकार शाहिद अंसारी के विरुद्ध साल 2016 में भारती के खासम खास और आजाद मैदान दंगे के आरोपी तथा कथित धर्मधुरंधर बाबा बंगाली ने धार्मिक भावना आहत करने का झूटा मामला दर्ज कराया था।
इस दौरान एबीआई वेब पोर्टल ने यह ख़बर प्रकाशित की थी कि शाहिद अंसारी पर झूटा मामला दर्ज करने में मुंबई पुलिस के कौन कौन से अधिकारी शामिल थे। इस ख़बर के बाद भारती समेत उन सारे आईपीएस अधिकारियों का नाम खुल कर सामने आया जिन्होंने झूटा मामला दर्ज कराने में अहम भूमिका मिभाई थी इसके बाद वह तिलमिलाए हुए थे।
चूंकि भारती ज्वाइंट सीपी लॉ ऐंड ऑर्डर थे अपने ऊपर दर्ज हुए झुटे मामले के बाद 3 दिसंबर 2016 को शाहिद अंसारी ने भारती से मिल कर कहा कि इस मामले में पुलिस को समरी फाइल करनी चाहिए तब भारती ने कहा हां देखते हैं यह कहने के बाद उनके तेवर बहुत सख्त हो गए। भारती ने जिन शब्दों का उपयोग किया था वह यह थे
मुझको लेकर मीडिया में कुछ चल रहा है मैं डे वन से तुम्हारी मदद कर रहा हूँ स्टेशन डायरी का जैसे ही मुझे पता चला मैंने सीनियर को बुलाया हूं मैंने किसी पुलिस थाने का कभी पानी तक नही पिया यह मीडिया में जो भी चल रहा है यह सब से कुछ फर्क नहीं पड़ता मुझे पता चलेगा मेरे खिलाफ़ मीडिया में यह कौन कर रहा है तो मैं उसको बताऊंगा और कौन यह सब कर रहा है ? मुंबई में किसी के बाप में ताकत नहीं है कि वह मेरा कुछ कर ले उन्होंने अपना दाहिना हाथ जिसमें घड़ी पहने थे दिखाते हुए कहा कि यह चमड़ी बहुत मोटी हो गई है।
अंसारी ने इस पर उन्हें कहा कि मैं गलत हूं तो सज़ा भुगतने के लिए तय्यार हूं और अगर मैं बेकुसूर हूं तो मेरे बाप ने भी यही कहा है कि जब सही हो तो किसी के बाप से भी मत डरना।
ध्यान रहे जिस मामले में भारती ने मदद की बात कही थी उस मामले में महीनों बीत जाने के बाद भी पुलिस ने किसी प्रकार की कोई समरी नहीं फाइल की थी जिसके बाद अंसारी ने राज्य के मुख्यमंत्री और मुंबई हाईकोर्ट में दस्तक दी। कोर्ट ने बताया कि यह मामला ही नहीं दर्ज हो सकता और फिर प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने अपने आदेश में मुंबई समेत हर उस पुलिस थाने को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पुलिस को दिमाग ही नहीं है और इस मामले में मुंबई पुलिस की भूमिका को लेकर कहा कि वरिष्ठ अधिकारी और बाबा बंगाली के संबंध होने के चलते अंसारी पर झूटा मामला दर्ज करने वालों के खिलाफ़ कार्रवाई की जाए। अब संभव है कि इस ख़बर के प्रकाशित होने के बाद अंसारी के विरुद्ध फिर से झूटा मामला दर्ज कराने की कोशिश की जाए गी।
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