मुबंई : SBUT के ज़रिए मुसाफिर खाना मस्जिद को अवैध रुप से कब्ज़ा करने और फर्ज़ीवाड़े के खिलाफ़ वक्फ़ बोर्ड के सदस्य खालिद बाबू कुरैशी ने जेजे मार्ग पुलिस थाने में मामला दर्ज कराने का लॉलीपॉप दिया था लेकिन हैरानी की बात यह है कि जितने ज़ोर-शोर से खालिद बाबू कुरैशी की कयादत में आज़ाद मैदान दंगे और हत्या का आरोपी भू माफिया नागपाड़े का बाहुबली तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथाकथित धर्म धुरंधर श्री श्री मुईन अशरफ़ उर्फ बाबा बंगाली अमीन पटेल ने बड़ी बड़ी बातें की थी वह सब फेकम फाक साबित हुई और बंगाली अब वहां से ऐसे गायब हुआ जैसे आज़ाद मैदान दंगे के बाद से गिरफ्तारी के डर से बिल में छुपा बा था।
इस मामले को कर और जानकारी Bombay Leaks के हाथ लगी है जिसमें यह पता चला है कि इस मामले को लेकर खालिद बाबू कुरैशी को राज्य सरकार ने यह डोज़ दिया है कि अगर SBUT की गुंडई के खिलाफ़ ज्यादा तीन पांच किए तो उन्हें वक्फ़ की सदस्यता से हाथ धोना पड़ सकता है यही वजह है कि इस मामले में न तो खालिद बाबू कुरैशी ने अबतक SBUT के फर्ज़ीवाड़े के खिलाफ़ किसी प्रकार का कोई मामला दर्ज कराया और न ही उसके बाद से वह कभी वह पुलिस थाने गए।
अब ऐसे में सवाल उठना लाज़्मी है कि धर्म का ठेकादार जो अपनी टच सीधे राज्य के मुख्यमंत्री और देश के पीएम मोदी तक बताता है वह कहां गायब हो गया क्या वह मात्र झूटे मामले ही दर्ज करा कर अपनी गुंडई साबित करना चाहता है या वह भी आसिफ़ अत्याचार उर्फ़ बाबा भौंकाली के जैसे मांडवाली कर बैठा। क्योंकि बंगाली के पास भी कुछ काम धंधा है नहीं और वह भी इधर उधर बिल्डरों के मैटर पटाने और पुलिस के नाम पर सेटिंग करने के अलावा और कोई काम धंधा करता नहीं इसलिए SBUT को लेकर जम कर नारे बाज़ी करने के बाद संभव है कि बंगाली ने भी मांडवाली कर ली है।
इसलिए अब इलाके के लोग खास कर मुसाफिर खाना के लोग यह जान लें कि समाजके ठेकेदारों के भरोसे न रह कर वह कानूनी लड़ाई लड़ें और मस्जिद चोरों और मस्जिद के सौदेबाज़ों से सावधान रहें।
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