शाहिद अंसारी
मुंबई : हुसैनी बिल्डिंग हादसा मामले में SBUT के मैनेजर शुएब हाशिम वजीहुद्दीन की हुई गिरफ्तारी के बाद एनसीपी के छुटपुटिया नेता जलालउद्दीन ने अपनी ताल ठोंक कर खुद की पीठ थपथपाते हुए इस गिरफ्तारी की क्रेडिट लेने की कोशिश की है। हालांकि इनके PIL पर कोर्ट ने किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की। सोशल साइट पर जलालउद्दीन अपनी फोटो सर्कुलेट कर के लोगों में यह अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं की उन्होंने SBUT के खिलाफ़ याचिका दाखिल की थी उसी की वजह से जेजे मार्ग पुलिस थाने ने यह गिरफ्तारी की है। लेकिन आपको यह सुन कर हैरानी होगी की जलालउद्दीन की ओर से जो जनहित याचिका दाखिल की गई थी वह याचिका टिक ही नहीं पाई और सुनवाई से पहले ही हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। PIL खारिज करने का मुख्य कारण था कि SBUT के खिलाफ़ दाखिल की गई इस PIL की सुनवाई के दौरान खुद जलालउद्दीन और उनके वकील दोनों कोर्ट से गैर हाजिर थे। इस मामले में SBUT के वकील पोंडा ने कोर्ट का ध्यान जेजे मार्ग पुलिस थाने मे दर्ज FIR की तरफ ध्यान आकर्षित किया और कोर्ट को बताया कि यचिकाकर्ता ने जिस FIR को लेकर PIL दाखिल की है उसी मामले इसके पहले दाखिल हुई याचिका में कोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है जिसके बाद जलालउद्दीन की जनहित याचिका को खारिज कर दी गई।
PIL दाखिल करने के बाद जलालउद्दीन का कोर्ट से गैर हाजिर होना और गिरफ्तारी का ढिंढोरा पीटने के बाद यह सवाल उठता है कि आखिर जब उन्होंने PIL दाखिल की थी तो सुनवाई के दौरान वह गायब क्यों थे ? क्या PIL की धौंस देकर लोगों की मौत की आड़ में किसी तरह की सौदेबाज़ी की गई है ?
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