मुंबई : आचार सहिंता लागू होने के बाद मुबंई के उर्दू अखबारों (कांग्रेसी मुखपत्र) ने कांग्रेसियों के कसीदे पढ़ना शुरु कर दिया है ताकि मुंबई के मुसलमान उन पेड न्युज़ जो खबरों के फार्मेट में लिखी जाती है वह पढ़ कर गुमराह हों और अपना कीमती वोट कांग्रेसियों के देकर जैसे 60 साल तक ब्लैकमेल होते आए आगे भी उसी तरह से ब्लैकमेल होते रहें।
हलांकि सोशल साइट ने जनता को अब पेड न्युज़ और चाटूकार खबर के बीच में फर्क पैदा करना सिखा लिया है इसलिए अब इस चुनाव में उर्दू अखबार जिनमें से मुंबई का उर्दू न्युज़ और उर्दू टाइम्सपास हैं कितनी भी चाटूकारिता कर लें अवाम को गुमराह नहीं कर सकते यह वही दोनों अखबार हैं जो बीते 6 महीने से अपने कर्माचारियों का वेतन नहीं दे रहा हैं।
कल आचार सहिंता लागू हुआ है और कल ही से उर्दू अखबारों में मुसलमानों की भलाई की बतोलेबाज़ी करने वाले मुस्लिम नेता आरिफ नसीम खान के बारे में पेड राइटप प्रकाशित किया था अधिकतर उर्दू अखबारों में यह कसीदे लिखे गए थे।
हैरानी की बात यह है कि इस कसीदा गोई और उनके तारीफों के पुल बांधने में कई उलमाओँ और शैक्षणिक संस्था से जुड़े लोगों की ओर से जम कर तारीफों के पुलिस बांधे गए इनमें आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथाकथित धर्मधुरंधर भूमाफिया श्री मुईन अशरफ उर्फ़ बाबा बंगाली पहले नंबर पर है जो आरिफ़ नसीम खान को मुसलमानों का कायद-ए-आज़म होने का सर्टिफिकट दे रहा है ऐसा लगता है कि मुंबई के मुसलमानों का कायद यह बंगाली है।
नसीम खान की कल की यह पेड न्युज़ देखने में एक जैसी हैं लेकिन यह दोनों अलग अलग अखबारों में है एक मुंबई उर्दू न्युज़ और दूसरा उर्दू टाइम्स
हैरानी की बात यह है कि ऐसे उलमा भी इसमें शामिल हैं जो कभी किसी की तारीफों के कसीदे पढ़ते या किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ़दारी करते आज तक नज़र नहीं आए लेकिन जिस दिन आचार सहिंता लागू हुआ उसी वह सारे लोग आरिफ़ नसीम खान की बतोलेबाज़ी करते नज़र आए।
दरअसल मुसलमानों का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए करना यह कांग्रेस और आरिफ़ नसीम खान से बेहतर कोई नहीं जानता और जो बाबा बंगाली उन्हें शारफ़त का सर्टिफिकट दे रहा है असल में वह जाहिल और कांग्रेस के रुपए पर पलने वाला भाड़े का टट्टू है जो मुसलमानों की कयादत की बात करता है वह अपने सगे भाई को मुंब्रा से नहीं जिता पाया अब वह नसीम खान को जिताने के लिए उन्हें सर्टिफिकट बांट रहा है।
दूसरा सब से अहम यह कि आज़ाद मैदान दंगे में सईद नूरी और बाबा बंगाली दोनों मुख्य आरोपी हैं लेकिन मजाल है कि कौम का दर्द रखने वाले यह लोग आज तक जेल गए हों जेल गए हैं वह भी मासूम बेगुनाह मुसलमान वैसे ही बेगुनाह जिन्हें कांग्रेस सरकार ने बम ब्लास्ट मे एक लंबी मुद्दत से जेल में ठोंस कर उन्हें सड़ा रही है उनके परिवार वालों का न उनकी सुध लेने वाला यह बाबा बंगाली और न ही नसीम खान कोई नहीं है। हालांकि दंगे के समय नसीम खान ने बाबा बंगाली को जम कर खरी खोटी सुनाई थी थोड़े दिन तक मन मोटाव रहा बाद में बंगाली फर कांग्रेसियों के तलुवे चाटने लगा क्योंकि उसे मौजूदा सरकार बीजेपी से भाव तो मिल नहीं रहा।
केवल यही नहीं मुसलमानों की पीठ में छूरा घोंपने का काम वक्फ़ की सारी प्रॉपर्टी जिसे औने पौने भाव मे न केवल बेचा गया बल्कि हाजरों करोड़ों की प्रॉपर्ट पर कांग्रेसियों की मेहरबानी से हथिया लिया गया नसीम खान न केवल कांग्रेस सरकार के मंत्री रह चुके बल्कि वह वक्फ़ मंत्री भी रह चुके बावजूद इसके मुकेश अंबानी ने एंटीलिया जैसी बेशकीमती जमीन जो की वक्फ़ की ज़मीन थी जो दुनिया के सब से महंगे घरों में शामिल है उसके बचाव के लिए उन्होंने या कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया वह जह वक्फ़ लैंड है यह साबित होने में समय के साथ साथ सरकार भी बदल गई और कांग्रेस के ज़रिए किए गए हेरफेर का हिसाब बीजेपी सरकार के दौरान हुआ जब महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई हाईकोर्ट मे हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि यह जगह वक्फ़ की जगह है।
वहीं उर्दू अखबारों की चाटुकारिता को लेकर चुनाव आयोग ने इस बार स्पेशल टीम का घटन किया है जिसमें इस प्रकार के नेताओं के चाटुकारिता वाले लेख को लेकर ने केवल उस संस्था के खिलाफ़ बल्कि उस पर अपना अपना विचार देकर उसे प्रमोट करने और आचार सहिंता का उल्लघन करने वालों पर भी सख्ती से नज़रें जमाए हुए जो उन पर किसी भी समय कार्रवाई कर सकती है।
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3 Comments
Naved
Isi men mahir hain h jholar kahin ke employee mar rhe aor yh aish ke rhe
Shakeel
बहुत ज़ुल्म ढाया है इन चोर लोगों ने
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Yh kamine log hain kaum ke naam par musalmanon ko loote ab khuda inhe gark karega