डेस्क
मुंबई : मैं देवेन भारती का आदमी हूं पैसा दे कर नागपाड़ा नहीं आया मैं एल ऐंड ओ का खास हूं । कुछ इसी घमंड और हेकड़ी के परिचय के साथ नागपाड़ा सीनियर पीआई संतोष बागवे ने एक लोकल अख़बार के द्वारा उनके कार्यक्षेत्र में वैश्यावृत्ति के फल फूल रहे कारोबार की ख़बर लिखने वाले के खिलाफ़ वसूली का मामला दर्ज करने का प्लान बनाया है।
चूंकि कुछ लोकल अखबार के पत्रकार इस प्रकार की खबरें प्रकाशित कर के इस तरह के गोरख धंधा करने वालों से वसूली करते हैं हालांकि यह सारे गोरख धंधे एक जमाने से फल फूल रहे हैं और स्थानी पुलिस इन्हें बढ़ावा इसलिए देती है की यहां से उन्हें मलाई खाने का भरपूर मौका मिलता है।फिलहाल नागपाड़ा सीनियर पीआई के लिए वसूली के लिए दो वफादार पुलिसकर्मी हैं जिनके नाम खैरे और गुघे हैं यह दोनों नागपाड़ा सीनियर पीआई के अर्दली हैं और वसूली के लिए पूरी वफादारी से अपने काम को अंजाम देते हैं।
वह एल ऐंड ओ के खास हैं इसी लिए रात 9 के बाद फोन नहीं उठाते और इस बात को लेकर ज़ोनल डीसीपी अभिनाश सिंह नें उन्हें खरी खोटी भी सुनाई थी लेकिन एल ऐंड ओ के खास होने की वजह से वह अपनी ढिटाई पर पूरी तरह से अड़े हुए हैं और ज़ोनल डीसीपी को खून के घूंट पीना पड़ा। अब ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जब ज़ोनल डीसीपी के साथ यह व्यवाहार है तो जनता के साथ और उनके खुद के स्टाफ़ के साथ कैसा होगा।
जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि जनता के साथ साथ नागपाड़ा पुलिस थाने के स्टाफ़ भी बागवे के आचरण और व्यवहार से खून के आंसू रो रहे हैं और वहीं सतीश कदम नाम के पुलिस अफसर जो हमेशा ड्युटी से गायब रहते हैं उनकी केवल सीनियर से ट्युनिंग है कदम का कहना ऐसा है कि उन्हें धोखाधड़ी के मामले उनके सुपुर्द किए जाऐं ताकि वहां उन्हें मलाई खाने का बेहतर मौका मिले क्योंकि वह हवाला इस बात का देते हैं कि वह पहले पंत नगर में थे और धोखाधड़ी के केस उनके ही सुपुर्द किए जाते थे।
एडोकेट यासमीन शेख का कहना है कि संतोष बागवे को लेकर कई लोगों ने उनसे शिकायकत की है और यह बात बताई है कि उनका रवय्या लोंगों के सात बेहतर नहीं है गर किसी अफसर को पुलिस विभाग मे अपनी सेवाऐं देनी हैं तो उसे जनता के साथ अपना तालमेल बेहतर बनाना पड़ेगा तभी वह लोगों के दिल में और इलाके में जगह बना सकता है। शेख का कहना है कि वह इस बात की लोगों को धैंस देते हैं कि उनका संबंध देवेन भारती से है तो इसके लिए वह लोगों से घटिया व्यवहार रखेंगे तो हम इसके खिलाफ़ जल्द ही आवाज़ उठाऐंगी।
चूंकी पुलिस की वसूली की स्थानी व लोकल पत्रकार के द्वारा खबर प्रकाशित किए जाने का मतलब है कि पुलिस को जो मलाई मिल रही है उसमें हिस्सेदारी करना जिसे नागपाड़ा के सीनियर पीआई बर्दाश्त करने में असमर्थ हैं इसलिए उन्होंने यह प्लान बनाया है कि शुरु में ही वसूली का मामला दर्ज कर लिया जाएगा तो आने वाले समय के लिए उनकी धाक बनी रहे गी और इस तरह से कोई दूसरा पत्रकार भी उनके थाने के अंतर्गत चलने वाले काले कारनामों की ख़बर कोई ईमादार पत्रकार भी ख़बर प्रकाशित करने से पहले डरेगा कि कहीं उसके ऊपर झूटा मामला न दर्ज कर लिया जाए और नागपाड़ा पुलिस थाने को मिलने वाली मलाई में कोई और साझेदारी करने की हिम्मत भी नहीं करेगा और वह पैसे देकर भले ही अपनी नियुक्ति न कर सके लेकिन मलाई जरूर खाऐंगें।
लेकिन उन्हें शायद इस बात की जानकारी नहीं है कि जैसे मुंबई पुलिस विभाग में ईमानदारों की संख्या बहुत अधिक है उसी प्रकार से पत्रकारों में भी सच्चाई लिखने और ईमानदारी से अपना काम करने का जौहर है क्योंकि भले ही कोई पुलिस वाला किसी का भी खास हो और अपनी नियुक्ति पैसे दे कर न कराई हो बिल्कुल उसी तरह से एक ईमानदार पत्रकार भी बिना किसी शिफारिश के नौकरी करता है और पूरी सच्चाई से खबरें भी लिखता है और वह किसी का खास नहीं होता।
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