मुंबई : छोटा सोनापुर कबरस्तान मुकदमा हारने के बाद आज़ाद मैदान दंगे और हत्या का मुख्य आरोपी तथाकथित धर्म धुरंधर भूमाफिया दो टांकी का बाहुबली नथानी बिल्डर का पंटर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली इन दिनों वक्फ़ बोर्ड के जज पर पैसे मंगने का आरोप लगाते फिर रहा है हालांकि उसके आरोप में कोई दम नहीं है महेज़ एक टेबल पर बैठे कुछ लोगों को लेकर बाबा बंगाली कह रहा कि उसके मन मुताबिक फैसला सुनाने के लिए जज ने उस से पैसे मांगे हालांकि इस बातचीत का या पैसे मागने का कोई रिकार्ड बंगाली बाबा के पास नही है लेकिन मुकदमा हारने के बाद ऐसे तिलमिलाया हुआ है कि जज पर आरोप लगाने से भी बाज़ नहीं आया। हालांकि इस झूटे आरोप के बाद अब बंगाली के खिलाफ़ कभी भी संगीन कार्रवाई हो सकती है क्योंकि माननीय जज सय्यद मकसूद ने इसकी जानकारी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और पुलिस को दे दी है जिसकी वजह से बंगाली गैंग कभी भी नप सकती है।
आपको बताते चलें कि बंगाली बाबा जिस सीसीटीवी को दिखा कर बतोलेबाज़ी करते नज़र आ रहा है असल में वह उस समय की है जब बंगाली के बारे में माननीय जज सय्यद मकसूद अली को किसी ने यह बताया की यह बहुत बड़ी पाया शख्सियत है और यह परेशान हाल लोगों का एलाज करते हैं।
जज सय्य मकसूद का परिवार कुछ परेशानियों से जूझ रहा है तो उन्हों किसी ने इस बंगाली बाबा से एलाज कराने और उनकी दुवाओं का सुझाव दिया उस दौरान उनकी इससे मुलाकात हुई चूंकि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि उनके समक्ष बाबा बंगाली गैंग का छोटा सोनापुर प्रकरण का मुकदमा चल रहा है।
मुलाकात के दौरान बाबा बंगाली ने अपनी असलियत दिखाते हुए जज सय्य मकसूद से छोटा सोनापुर प्रकरण में अपने पक्ष में फैसला सुनाने के लिए कहा जिसके बाद जज सय्य मकसूद वहां से बिना एलाज कराए चले गए।
बंगाली ने उस समय साथ में उनके जलपान करने की सीसीटीवी रिकार्डिंग कर ली और वह अपने पास रखा हुआ था जैसे ही बंगाली बाबा के खिलाफ़ मामले में फैसला सुनाया गया यह तिलमिला गया और उसने उस सीसीटीवी को लेकर जज सय्य मकसूद पर आरोप लगाने लगा ताकि वह उनकी छवी खराब कर सके। फैसले से पहले भी बाबा बंगाली ने उन पर दबाव बनाने की जी तोड़ कोशिश की लेकिन नाकाम रहा।
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व एसीपी शमशेर पठान ने कहा कि बाबा बंगाली को अगर फैसला हार गया तो उसे चाहिए की वह जमीन अब अंजुमन इस्लाम के हवाले कर दे इससे पहले की पुलिस उसे जलील कर के यहां से खदेड़ दे।
पठान ने बंगाली बाबा से सवाल करते हुए कहा कि इस मामले में बाबा बताऐं कब मीटिंग हुई थी ? जब भी मीटिंग हुई तो इतने दिनों तक बंगाली शांत क्यों बैठा था ? फैसला हारा तब क्यों तमाशा किया ? इससे साफ़ पता चलता है कि बंगाली की मंशा जज सय्य मकसूद को बदनाम करने और न्याय प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए कर रहा है।
यह मुलाकात कहां हुई ? यह बंगाली ने नहीं बताया इस मुलाकात की पहेल किसने की थी ? अगर बंगाली ने यह पहले की थी तो क्यों की थी ? अगर पैसे की मांग की गई तो उसी समय क्योंकि प्रेस कांफ्रेंस नहीं लिया ? हाईकोर्ट में शिकायत क्यों नहीं की ?
आदेश के बाद तमाशा करने का मतलब यह है कि बंगाली ने धोखे से उन्हें बुलाकर बाबागिरी करते हुए उनकी फोटेज बनाई ताकि उन्हें ब्लैकमेल कर सके यह गलत बात है साथ मेँ किसी के खाना खाने का यह मतलब नहीं है कि किसी ने पैसे डिमांड किया है बंगाली बाबा बिना सुबूत के जो भी आरोप लगा रहे हैं यह न्यायालय की अवमानना है चूंकि यह सरासर झूटा आरोप है इसलिए बंगाली कोर्ट नहीं गया और तमाशा किया इससे साबित होता है कि बंगाली बाबा अपने फाएदे के लिए कौम को बेचने पर तुला हुआ है इसलिए मैं बाबा बंगाली की इस हरकत की घोर निंदा करता हूं।
मैं गुजारिश करता हूं कि आज सच्चाई की जीत हुई है और बंगाली बाबा बुरी तरह से हार गए हैं और अपने आप को आल-ए-रसूल कहने वाला इस तरह से कौम की मिलिकियत में अमानत में खयानत नहीं करता।
वहां पर लडकियों के लिए कालेज बनने जा रहा है इसलिए कौम के रोशन मुस्तकबिल के लिए उस जगह का छोड़ कर बिल्डरों का साथ छोड़कर अपना ध्यान इबादत और बाबागिरी में लगाऐं।
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