मुंबई : मुंबई में आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथाकथित धर्मधुरंधर दो टांकी के बाहुबली भूमाफिया श्री श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली का चमत्कार पूरी तरह से असफल रहा जो कि चमत्कार कम बतोलेबाज़ी ज्यादा साबित हुई क्योंकि बंगाली ने गोवंडी से समाजवादी पार्टी के लीडर अबुआसिम आज़मी और भिवंडी के उम्मीदवार रईस शेख को कांग्रेस से इन्हें हराने की सुपारी ली थी लेकिन दोनों उम्मीदवार दोनों जगहों से जीत गए जिसके बाद बंगाली बाबा की दो टांकी और अग्रीपाड़ा मे जम कर थू थू हो रही है और अब लोगों के सामने यह साफ़ हो गया है कि यह कोई चमत्कारी बाबा नहीं है बल्कि यह बाबा बोलबचन और बतोलेबाज़ है।
वहीं दूसरी तरफ़ एमआईएम के उम्मीदवार वारिस पठान भी हार गए वारिस पठान को बबर शेर और शेर -ए- महाराष्ट्र का खिताब इसी बंगाली ने दिया था हालांकि साथ में एक तलवार भी वारिस पठान को दी गई थी जिसे पाने के बाद बंगाली और उसके चमचे ऐसा जाहिर कर रहे थे कि जैसे वारिस पठाने को बंगाली बाबा नहीं राष्ट्रपति के हाथों पदमश्री अवार्ड से नवाज़ा जा रहा हो हालांकि वारिस पठान भी तलावार पा कर ऐसे फूले नहीं समाए जैसे लगता है था की बस अब इस तलवार से सल्तनत फतेह कर के ही दम लेंगे।
दरअसल बतोलेबाज़ी मे माहिर बाबा बंगाली को अबुआसिम या समाजवादी पार्टी का की भी कार्यकर्ता भी भाव नहीं देता न तो हाथ चूमता है और न ही हदिया (झोलझाल) की रकम देता है इसी लिए बंगाली चला था अबुआसिम से पंगा लेने लेकिन सारी गुंडई उस वक्त धरी की धरी रह गई जब अबुआसिम ने कहा कि मैं इस बंगाली बाबा को जानता ही नहीं जिससे बंगाली बाबा और ज्यादा पगला गया और गोवंडी , भिविंडी सब जगह कांग्रेसियों से सुपारी ले ली लेकिन बंगाली के हाथ नाकामी लगी और जनता ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों का चयन कर के बंगाली को दरकिनार किया।
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