पी़ड़ित की हॉस्पिल की वह वीडियो जब बंगाली के शरीफ़जादों ने इस तरह का वार किए थे
मुंबई : जहां सच न चले वहां झूट सही जहां माल न मिले वहां लूट सही की राह पर चलने वाला आज़ाद मैदान दंगे और हत्या का आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा दो टांकी का बाहुबली नथानी बिल्डर का पंटर तथा कथित धर्म धुरंधर भूमाफिया मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली ने इस दौरान समाजवादी पार्टी से भिवंडी से चुनावी उम्मीदवार रईस शेख की कांग्रेस से सुपारी ली है। चूंकि रईस शेख मुंबई के मदनपूरा से कार्पोरेटर हैं और उन्होंने दूसरे उम्मीदवारों के जैसे बंगाली बाबा को न तो मलाई खिलाई और न तो उसका हाथ चूमा और न ही उसके आश्रम की गुफा में उससे अशिर्वाद लेने गए उसके बाद भी वह मदनपूरा से जीत गए वह अलग बात है कि बंगाली अपने सगे भाई को मुंब्रा से कार्पोरेशन के चुनाव में नहीं जिता पाया क्योंकि वहां इसका कोई चमत्कार काम नहीं किया। खुद को शहंशाह अकबर समझने वाला बंगाली बाबा का सिंघम फिल्म के जयकांत शिकरे के जैसे इगोहर्ट हो गया।
इस सुपारी के दौरान अपने ही एक भक्त से बात चीत करते हुए बंगाली अपनी खुद की ऑडियो रिकार्डिंग लीक कर के खुद को बहुत बड़ा बाहुबली साबित करने की कोशिस कर रहा है सका लहजा सुनने के बाद ऐसा प्रतीक होता है कि सच में यह बंगाली है या बंगाली की आवाज़ में कोई भाई सुपारी बाजी की बात कर रहा है और भिवंडी में रईस के विरुद्ध तमाशे करने की बात कर रहा है वैसा ही तमाशा जैसा तमाशा आज़ाद मैदान दंगे का उसने करवा कर खुद भाग खड़ा हुआ था।
उधर यह ऑडियो क्लिप थाने पुलिस और चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है अब वह इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि यह ऑडियो बाबा बंगाली की है या किसी और की गर यह आडियो बाबा बंगाली की है तो संभव है कि उसे चुनाव से पहले प्रिवेंटिव एक्शन में हवालात की हवा खिला सकते हैंताकि चुनाव में या चुनाव से पहले वह किसी तरह की गड़बड़ी न कर दे। चुनावी मौसम में बंगाली की की बात चीत को जल्द ही Bombay Leaks प्रकाशित करेगा जिससे यह पता चल जाएगा कि यह कितना मक्कार और सौदेबाज़ और मांडवाली जगत का बेताज बादशाह है।
यह क्लिप बंगाली ने खुद जानबूझ कर वायरल करवाई है अब यही उसके गले की हड्डी बन गई
अब जिस मामले को लेकर बाबा बंगाली खुद को मजलूम बता रहा है कि उस मामले की हकीकत भी जान ली जिए ताकि आखिर मामला क्या है दर असल इसी साल 9 जनवरी को एक अदना से ड्राइवर को जान से मारने की कोशिश के मामले में नागपाड़ा पुलिस थाने में बाबा बंगाली गैंग के दो गुर्गों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया यह दोनों उसी इमाम के बेटे थे जिसको बंगाली पीड़ित बता रहा है।
चोरी ऊपर से सीना जोरी बंगाली गैंग की फितरत हुआ करती थी लेकिन अब उसकी गुंडई में जब घुन लगा है और वह जिस पर जुल्म करता है तो लोग पुलिस थाने से मदद की गुहार लगाते हैं तो बंगाली को ऐसा लगता है कि उसकी गैंग और उसके गुंडई के सामने पुलिस लाचार है एक वक्त था जब राज्य में कांग्रेस की सत्ता थी तब तक इसे जितना तमाशा करना था कर लिया उस समय ऐसा लगता है कि पुलिस इसकी जेब में हैं।
मौजूदा दौर में बीजेपी सरकार के आने के बाद इसको कोई भाव तक नहीं देता इसलिए जब इसके पंटरों ने उस ड्राइवर को इसी उम्मीद कि पुलिस इसका या इसके पंटरों का क्या बिगाड़ लेगी लेकिन इस बार पुलिस ने इंसाफ़ किया और पीड़ित की शिकायत पर ने केवल मामला दर्ज किया बल्कि इसके पंटरों को हवालात की हवा खिलाई जिससे इसकी चौतर्फा थू थू हुई इससे यह पगलाया हुआ है।
और अब वह अब खुद को बहुत बड़ा पीड़ित बताता है इमाम के बेटे इलाके में गुंडई करते हैं और किसी को भी जान से मारने की कोशिश करते हैं और वह बेहिस और बेगैरत के जैसे कहता है कि मेरे बेटे ने मारा है उसे माफ़ नहीं किया गया बल्कि उसके खिलाफ़ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है जनाब यह यह भारत है तालिबान नहीं और तालिबान भी होता तो शरई कानून में इसकी क्या सज़ा है यह देखने की ज़रूरत नहीं है।
भारतीय संविधान में किसी इमाम के बेटे की गुंडई के लिए छूट नहीं दी गई अब चाहे वह इमाम हो या इबलीस (दानव, शैतान) संविधान हर एक पीड़ित को न्याया देने के लिए ही बना है यह बात उनको याद रखनी होगी और यह जान लेना होगा यह मुंबई है अफगानिस्तान का काबुल नहीं।
हैरानी की बात यह कि इस मामले को लेकर कुछ गुंडे मवाली और बंगाली गैंग के गुर्गे तत्कालीन पुलिस कमिशनर से न्याय की भीख मांगने गए थे मतलब उलटा चोर कोतवाल को डांटे और वह जिसकी गुंडई में घुन लग गया वह न्याय की गुहार लगा कर खुद को पीड़ित बता रहा है।
दूसरी सब से अहम बात यह है कि समाजवादी पार्टी आरंभ से मिनारा मस्जिद और दक्षिण मुंबई के बहुचर्चित गैर सियासी मौलाना सय्यद हामिद अशरफ़ के फालोवर हैं और अंदर की बात यह है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता की वजह से बंगाली तिलमिलाया हुआ है क्योंकि बंगाली की उनके सामने दाल नहीं गलती तो उनके फालोवरों इनके बारे में मक्कारी के शगूफे छोड़ते रहता है।
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