मुंबई : तंबाकू खा कर नशे के नाम पर 50 लोग को एकट्ठा कर के नाटक करने वाले बेईमानी ग्रुप के झोलर सरदार आसिफ़ अत्याचार और आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के मुख्य आरोपी तथा कथित धर्मधुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली नशे की नौटंकी करने वालों को मुंबई की नागपाड़ा पुलिस थाने ने 149 के तहेत नोटिस भेजा है इस नोटिस से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस को इस नशे की नोटंकी की आड़ से झोल झाल के फंडे का अदाज़ा हो गया है।
इस नोटिस के बाद से बाबा बंगाली गैंग और अत्याचार बुरी तरह से छटपटाया हुआ है क्योंकि हाल ही में बंगाली गैंग उलटा चोर कोतवाल को डांटने वाली तर्ज़ पर मुंबई सीपी के पास पहुंची थी और लोगों के निकट सीना चौड़ा कर के नागपाड़ा के सीनियर पीआई का तबादला करने का राग अलाप रही थी लेकिन यह सब भी छलावा साबित हुआ। क्योंकि मुंबई पुलिस ने जब से सिंघम देखी है तब से उन्हें वर्दी की कीमत और पावर दोनों का अंदाजा हो गया और यह भी पता चला कि पाखंडी बाबाओं की क्या अवकात है।
ज्ञात हो के नशे के नाम पर नौटंकी करने वाले बेईमानी ग्रुप के झोलर सरदार आसिफ़ अत्याचार और उसका भांजा सऊदी से तड़ीपार है और मुंबई में बाबा बंगाली के साथ नौटंकी कर के वसूली का काम करते हैं इससे पहले भी इन लोगों ने नशा मुक्ति केंद्र के लाखों रूपए डकार चुके थे जो इन्होंने नशा में लत युवकों को घर वालों से वसूली थी।
नशे की नौटंकी में विधायक वारिस पठान भी शामिल थे लेकिन भीड़ को इकट्ठा करने में वह भी नाकाम साबित हुए इससे साबित होता है कि आने वाले चुनाव में बंगाली के साथ में वारिस पठान की भी लुटिया डूबने वाली है इसलिए वारिस पठान को अभी भी समय है कि वह बंगाली का साथ छोड़ कर खुद का विकास करें।
वारिस पठान का बंगाली के पीछे की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि हाल ही में अबू आसिम से पंगा बंगाली को भारी पड़ गया इसलिए अब रईस शेख का साथ न कर के बंगाली वारिस पठान की शरण में जा पहुंचा।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि नागपाडा जैसे इलाके में जहां मदारी का खेल देखने के लिए हज़ारों लोग इकट्ठा हो जाते हैं लेकिन नशे के नाम की नौटंकी को देखने के लिए 500 लोग भी इकट्ठा नहीं हुए।
इससे साबित होता है कि बाबा बंगाली गैंग और बेईमानी ग्रुप के छलावे से लोग ऊब चुके हैं और लोगों को पता चल चुका है कि इसकी आड़ से झोल झाल का कारोबार होता है क्योंकि यह सब फोकटिया लोग हैं।
इनके पास कोई काम धंधा नहीं है न ही कोई आय का स्रोत है इस आड़ से यह लोगों से पैसों की भीक मांग कर पेट पालते हैं क्योंकि आसिफ़ अत्याचार का बाप भी पुलिस खबरी थी और उसने भी इस पेशे में कदम रखने की कोशिश की लेकिन इसे झोलर समझ कर मुंबई पुलिस ने भाव नहीं दिया।
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