शाहिद अंसारी
मुंबई : 55 करोड़ से भी ज्यादा के महाडा के घरों पर कबज़ा कर के उसे किराए पर देने के मामले में साबरा के पती असलम और बेटे रिज़वान के खिलाफ़ महाडा ने जांच के आदेश जारी किए हैं। महाडा सीओ सुमंत भांगे ने Bombay Leaks से बात करते हुए बताया कि
हमने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं इसकी जांच आर आर बोर्ड और ज्वाइंट सीओ महाडा कर रही है जल्द ही वह इस मामले में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे जिसके बाद जिन लोगों ने ट्रांज़िट कैंप के तौर पर महाडा के 55 रूम पर कबज़ा कर उसे किराए पर दे दिया है उनके खिलाफ़ और जो लोग किराए पर रह रहे हैं उनके खिलाफ़ भी कार्रवाई करते हुए उनसे घर खाली कराऐ जाऐंगे।
लंबे समय से चल रहे इस घपले को लेकर 29 नवंबर को Bombay Leaks ने ख़बर प्रकाशित की थी जिसके बाद रिज़वान सिकवानी औऱ असलम सिकवानी ने वहां पर किराए पर रहने वालों को इस बात की ताकीद की है कि महाडा या कोई भी जांच के दौरान पूछताछ में यह नहीं बताना है कि वह किराए पर रहते हैं बल्कि यह कहना है कि उनके घर के बदले में ट्रांज़िट कैंप के तौर पर उन्हें यहां रहने दिया जा रहा है।
ध्यान रहे साबरा की सल्तनत में महाडा के 55 रूम हैं जिनकी मौजूदा कीमत 55 करोड़ के आस पास है। दरअसल मुंबई के भेंडी बाज़ार के टनटनपुरा इलाके में साबरा की बिल्डिंग साबरा मंजिल में 18 घर थे जिसके बाद साबरा ने इस बिल्डिंग को ध्वस्त कर माहाडा से ट्रांज़िट कैंप के तौर पर साइन इलाके में इसके बदले में महाडा के 18 रूम लिए। हैरान कर देने वाली यह है कि जब हमने इन बिल्डिंगों की पड़ताल की तो पता चला कि इसमें एक भी रूम किसी रहिवासी को नहीं बल्कि यह सब रूम किराए पर दिए गए हैं और किराए पर दिए जाने वाले 18 नहीं बल्कि 55 रूम हैं।
जानकारी में पता चला कि एक रूम का किराया एक महीने का तकरीबन 10000 से 13000 रूपए वसूला जाता है और इस तरह से 55 रूम के बदले में तकरीबन 10 लाख रूपए का किराया वसूल किया जाता है। यह किराया साबरा के पती असलम सिकवानी की जेब में जाता है यह बिल्डिंग साइन इलाके में है।
महाडा के नियम और कानून के मुताबिक अगर किसी भी बिल्डर को या बिल्डिंग के मालिक को इस तरह के ट्रांज़िट रूम अगर किसी को दिए जाते हैं तो यह उन रहिवासियों के लिए होता है जिनके घर डेव्लपमेंट किए जाते हैं और उसके बदले में उन्हें वहां रहने का बंदोबस्त किया जाता है।
साबरा मंजिल में जहां 18 घर थे उन सारे घरों को साबरा ने औने पौने भाव में खरीद लिया था। जिन लोगों ने नहीं बेचा उन्हें डरवा धमका कर साम दाम दंड भेद फंडा आज़माते हुए उनसे घर लिए गए। जब सारे 18 घरों पर साबरा का कबज़ा था तो महाडा के ज़रिए वहां ट्रांज़िट रूम देने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन महाडा के अधिकारियों की मिलीभगत से साबरा सिकवानी ने ना केवल 18 बल्कि 55 रूम हड़प कर उसे किराए पर दे दिया और महाडा इसके लिए मुखदर्शक बनी हुई है।
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