शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई में इस समय कई कंपनियों ने 4G कनेक्शन के केबल ज़मीन के अदंर बिछाने का काम ज़ोर शोर से जारी किया है और इसके पीछे बीएमसी के नियमों को जिस तरह से ताक़ पर रख कर धड़ल्ले से केबल लाइन बिछाई जारही हैं।इसके पीछे किस तरह से और कौन कौन से लोग अपनी जेबें गरम कर रहे हैं यह जानना से ज़्यादा यह जानना ज़रूरी है कि जिस तरह से केबल बिछाने के लिए BMC की गाइड को साइड लाइन किया जारहा है।
पूरी मुंबई में तकरीबन 2015 से लेकर अबतक 24 वार्ड में केबल बिछाने का काम जोर शोर से चालू है उनमें रिलाइंस समेत एयरटेल महानगर गैस वोडा फोन आइडिया जैसी कंपनियों के केबल धड़ल्ले से बिछाए जाते रहे हैं।तकरीबन 500 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में जिस तरह से पैसों के वारे नियारे कर बीएमसी के ज़रिए सुरक्षा का गाइड लाइंस को किस तरह से अंदेखा किया गया है उसकी पड़ताल हमारी टीम ने मुंबई के तकरीबन 500 जगहों पर किया।इन 500 जगहों मे मात्र एक फिट की गहराई पर ही 4G केबल लाइन बिछाई गई हैं जिसकी जांच अगर बीएमसी को करनी है तो आसानी से कर सकता है लेकिन चूंकि खुद बीएमसी के ही वार्ड ऑफीसर औऱ विजलेंस विभाग और इंजीनियर मिले हुए हैं तो यह कार्रवाई भला बीएमसी क्यों करेगी।इस लापरवाही मे जहां करोंडों के रूपए बीएमसी और ठेकेदारों के ज़रिए डकार गए।वहीं आने वाले मानसून में इसका नतीजा मुंबईकरों को भुगतना पड़ेगा जिसके लिए हमसब को तय्यार होना पड़ेगा।
काम करने का तरीका
संबंधित कंपनी को बीएमसी वर्क आर्डर देती है सेक्युरियी डिपोजिट भी जमा काराया जाता है उसके बाद खुदाई का काम शुरू किया जाता है खुदाई और भराई के बाद बीएमसी ठेकेदार की नियुक्ति की जाती है फिर भराई का काम शुरू किया जाता है।
हज़ारो के काम को ठेकेदार इलाके से दलालों से काफी कम पैसे में कराते हैं क्योंकि काम की क्वालिटी बहुत ही घटिया होती है जो सरासर नियमों को ताक पर रख के किया जाता हैं।जिसके नतीजे खतरनाक साबित होसकते हैं।इसमें बीएमसी के इंजीनियर वार्ड आफीसर विजलेंस विभाग सबकी मिली भगत होती हैं।इसी इस गैर कानूनी काम के होते इन सब की आंख बंद होती है और छेकेदार धड़ल्ले से बीएमसी के नियमों को ताक पर रख कर थूक पट्टी कर अपना काम पूरा करते हैं।और इस थूक पट्टी मे बीएमसी समेत इलाके के कारपोरेटर भी जनकर मलाई खा रहे।
क्या है गाइड लाइंस
बीएमसी के एडिश्नल कमिश्नर एस.वी.आर श्रीनिवास के ज़रिए जारी की गई गाइड लाइंस जिसका नंबर AMC/ES/7725/11 है जिसके बारे में बीएमसी केबल लाइन बिछाने के लिए गड्ढे खोदने से लेकर उसे बंद करने तक के लिए जो निर्देश दिए हैं वह बहुत ही अहम हैं।
बीएमसी के ज़रिए केबल बिछाने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वह कुछ इस तरह से किसी भी तरह के केबल वाएर बिछाने के लिए तकरीबन 1 मीटर गहरा और चौड़ाई 2 मीटर गड्ढा होना चाहिए।इस गड्ढे में केबल खुदाई के वक्त जो मिट्टी वहां से निकाली जाती है उसे ट्रक में लोड कर ठेकेदारा के द्वारा फेक दी जाती है।और उस गड्ढे में केबल बिछाने से पहले उसकी तह में रेत डाली जाती है।और यह इस गड्ढे की भराई में कुल आठ स्तर होते हैं।
पहले स्तर में केबल बिछाने से पहले उस गड्ढे में काफी ज्यादा मात्रा में रेत और सेमेंट से बने मसाले को डाला जाता है और ज़मीन का स्तर बराबर किया जाता है ताकि केबल को बिछाने के बाद किसी तरह का निचले स्तर पर नुकसान ना हो।उसके बाद जब उसपर केबल बिछाई जाती है तो केबल के ऊपर फिर से वही मसाला डाला जाता है जो नीची की सतह पर पहले की तरह जाता है।इस तरह से चार स्तर तक यही प्रक्रिया पूरी की जाती है इस प्रक्रिया में यानी कुल 4 स्तर की गहराई के बीच 150mm का अंतर होता है।
इस प्रकार से यह चार स्तर पूरा होता है इसके बाद गाइड लाइंस के अनुसार पांचवे स्तर में 200mm तक पत्थर की गिट्टी के मसाले के साथ भराई होती है और उसके ऊपर 10 टन के रोलर चलाया जाता है। रोड रोलर चलान का उद्देश्य यह होता है कि इसपर प्रेशर के साथ दबाव बनाया जाता है ताकि अंदर की खाली जगहें भर जाऐं और फिर शूरू होती है छटवें सतर की की प्रक्रिया।
एक से लेकर पांच स्तर तक 900mm की चौड़ाई होती है और जगह का भराव 150mm होता है जैसा कि बाकी निचले स्तर की भराई की जाती है।यहां 60 से 120mm की गिट्टी डालकर इस पर रोलर चलाते हैं।लेकिन छठे स्तर तक यही चोड़ाई बढ़ा दी जाती है।छटे स्तर तक यह चौड़ाई 2 मीटर तक होजाती है और इसमें चूंकि पांचवे स्तर में रोड रोलर चलाने के बाद भी कुछ खाली जगहें होती हैं।जिन्हें भरने के लिए उसके सफेद पावडर डालकर 4.7mm से 20mm टक ग्रीट पावडर मिक्स कर के रोड रोलर चलाते हैं।सातवें स्तर में 20mm से 25mm तक की गिट्टी डामर मिक्स गिट्टी डालकर रोड रोलर चलाया जाता है और फिर आखिरी यानी सबसे ऊपर का स्तर जो कि रोड के बाराबर होता है वहां डामर मिक्स बारीक गिट्टी डालकर उसपर रोड रोलर तबतक चलाया जाता है।जबतक वह स्तर बराबर मे मौजूद रोड से मिल ना जाए।रेत मसाले के साथ 99 प्रतिशत नए प्योर ब्लाक लगाने होते हैं लेकिन जब यह खुदाई होती है तब ठेकेदार वही पुराने प्योर ब्लाक का इस्तेमाल बैरिगेटिंग के लिए करते हैं।प्योर ब्लाक cwc मे जमा कराने होते है लेकिन ठेकेदार उसी का इस्तेमाल दोबारा कर लेते हैं।
प्राण घातक साबित होगा गाइड लाइंस को अंदेखा करना
खुदाई कर गाइड लाइंस के अनुसार उसपर अमल ना करने के नुकसान जानलेवा साबित हो सकते हैं।इसका नतीजा इस मानसून में देखने को मिलेगा।इस घटिया तरीके से काम करने की वजह से जब रोड धंस जाएगी तो उसकी भरपाई करने के लिए फिर ठेकेदार बीएमसी की तिजोरी खाली करवाऐंगें।और सबसे अहम यह है कि महानागर गैस की लाइन भी इससे प्रभावित होगी।रोड धंसने की वजह वह कभी भी फट सकती है और बेस्ट की जो एलेक्ट्रिक लाइन है वह भी प्रभावित हो सकती है।बारिश के दिनों में फुटपाथ धंसने की वजह से वहां पानी जमां होने पर एलेक्ट्रिक लाइन के ज़रिए शार्ट लग सकता है और फुटपाथ पर चलने वाले मौत के मुंह मे जासकते हैं।हालांकि बेस्ट के गाइड लाइंस के अनुसार एलेक्ट्रिक लाइन के 2 मीटर के आस पास तक कोई भी किसी भी तरह के केबल लाइन नहीं बिछा सकते सकते।
क्या कहते हैं बीएमसी के ज़िम्मेदार अधिकारी
इस बारे मे जब बीएमसी के एडिशनल कमिश्नर एस.वी.आर श्रीनिवास से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गाइड लाइंस इसी लिए इसी बनाई गई हैं।ताकि इसपर पूरी तरह से अमल हो क्योंकि यह सारी गाइड लाइंस लोगों के हित में बनाई गई है।लेकिन अगर ठेकेदार उसका उल्लघन करते हैं तो हम जल्द ही वार्ड ऑफीसरों को इस बारे में पत्र लिख कर इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करेंगे।अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि यह कार्रवाई कब और किसके खिलाफ़ होगी क्योंकि इसमें खुद वार्ड ऑफीसर समेत दूसरे बीएमसी अधिकारी खुद शामिल हैं इसी लिए धड़ल्ले से यह काम जारी है।
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