शाहिद अंसारी
दिल्ली : भ्रष्टाचार के मामले में घिरे बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी उर्फ़ निरव मोदी पर सेंट्रल रजिस्ट्रार अशीश कुमार भूटानी की जम कर मेहरबान हैं। मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई को लेकर भूटानी ने जो आदेश जारी किया उसमें वह ज़ीशान मेंहदी उर्फ़ निरव मोदी के खिलाफ़ कार्रवाई करने के बजाए कन्नी काटते नज़र आए बल्कि उन्होंने कार्रवाई के लिए आरबीआई पर ठिकरा फोड़ा है। जबकि इससे पहले मुंबई हाईकोर्ट में आरबीआई ने अपने हलफनामे में यह स्पष्ट लिखा था कि ज़ीशान मेंहदी बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के लिए हानिकारक है और उस पर कार्रवाई करने का अधिकार उन्हें नही बल्कि सेंट्रल रजिस्ट्रार को है। लेकिन सेंट्रल रजिस्ट्रार ने कार्रवाई करने के बजाए अपने हाथ खड़े कर लिए। इससे जाहिर होता है कि करप्शन के इस दलदल में भूटानी ने भी जमकर गोता खाया है। Bombay Leaks के पास भूटानी के ऑर्डर की कापी मौजूद है।
वहीं बैंक के एक जिम्मेदार और मुंबई पुलिस के रिटाएर्ड एसीपी इक़बाल शेख ने कहा कि यही वह भूटानी हैं जो इससे पहले बैंक के ही एक व्यक्ति के खिलाफ़ धड़ल्ले से कार्रवाई की थी और आज वह ज़ीशान मेंहदी उर्फ़ निरव मोदी के खिलाफ़ कार्रवाई करने के बजाए अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। यह सीधे सीधे मेंहदी के काले कारनामों पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है इससे साफ़ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार के इस दलदल में खुद भूटानी शामिल हैं इसी लिए उन्होंने कार्रवाई करने के बजाए आरबीआई के सर पर ठिकरा फोड़ दिया है। शेक ने कहा है कि वह भूटानी की ओर से इस तरह से मेंहदी को सहयोग देने को लेकर फिर से कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाऐंगे। क्योंकि एक व्यक्ति के काले कारनामोंक बारे में जग जाहिर हो चुका है और हमने सारे सुबूत भूटानी के सुपुर्द किए लेकिन उन्होंने कार्रवाई करे के बजाए उनको बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर एक जिम्मेदार अधिकारी का यह रवय्या रहा तो इस तरह न जाने कितने निरव मोदी घपले करते रहेंगे और लोग केवल देखते रहेंगे और एक न एक दिन उसका नुकसान बैंक और उसके कस्टमर को होगा।
क्या है पूरा मामला
आरबीआई द्वारा बैंक की जो जांच हुई उसमें पाया गया कि बैंक में मौजूद कई डायरेक्टर पैसों की चोरी में शामिल हैं जो कि निरव मोदी की राह पर चलते हुए बैंक को खोखला कर रहे हैं।मुबंई पुलिस के रिटाएर्ड एसीपी इक़बाल शेख ने इन तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा उनमें सब से खास यह कि बैंक के मुख्य डायरेक्टर ज़ीशान मेंहदी उर्फ निरव मोदी को लेकर खास खुलासे हुए हैं। जीशान मेहंदी उर्फ निरव मोदी बैंक येचरमैन के साथ साथ हिंदुस्तान ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और स्टील इंडिया कंपनी के पार्टनर हैं और इन्होनें सम्बंधित कंपनी का 3 करोड़ का ब्याज़ माफ़ कराया यही नहीं इनकी मिली भगत की वजह से शान ट्रेडर्स और युनिवर्सल इंटरप्राइज़ेज़ इन दो कंपनियों को 15 करोड़ का लोन दिया गया जबकि इनके ऊपर पहले से ही कुछ कंपनी जिसके यह पार्टनर हैं उसका पैसा बाकी है। 15 कराड़ो के लोन जो बैंक को वापस आने चाहिए वह आज तक वापस नहीं आए और यह अकाउंट भी बंद कर बैंक को चूना लगा दिया गया। ज़ीशान मेंहदी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से सटे नैनी पुलिस थाने में साल 2008 में धोखाधड़ी,और फर्ज़ी दस्तावेजों में हेर फेर कर प्रॉप्रटी क़बज़ा करने का मामला (FIR 195/2008) 2008 में दर्ज हुआ है।
इसी बैंक के दूसरे निरव मोदी है मैनेजिंग डायरेक्टर शाह आलम जो कि साल 2003 में निरव मोदी के जैसी हरकत करते हुए पाए गए और उन्हें बैंक से निकाल दिया गया था। निकाले जाने की वजह थी कि इनके खिलाफ़ बैंक में विजलेंस ने जांच में पाया कि इन्होंने बैंक द्वारा साठगांठ कर 8 खाते में 5 करोड़ 32 लाख रूपए जमां कराए और बाद में वह सारे खाते बंद हो गए और वह पैसे भी इनकी जेब में चला गया। शाह आलम को इस धांधली के बाद भी बैंक ने वापस रखा और फिर इनका गोरख धंधा फिर से चल पड़ा। 29 जूलाई 2015 को बालाजी सेंफोनी नाम की कंपनी को इन्होंने 50 लाख के लोन दिलाए थे। इसके अलावा शीज़ान कंस्ट्रक्शन कंपनी जिसके मालिक मुहम्मद हारून आज़मी हैं उन्हें 45 लाख का लोन दिलाया उसके पीछे की वजह यह है कि 50 लाख तक का लोन देना कोई मुश्किल काम नहीं और न इसके लिए बैंक के किसी दूसरे डायरेक्टर से सहमति की जरूरत होती है जबकि मुहम्मद हारून आज़मी का पहले भी एक्सिस बैंक में खाता सीज़ किया गया है और उस पर भिवंडी पुलिस थाने में मामला दर्ज है लेकिन इन सब बातों को नज़र अंदाज़ कर दूसरे निरव मोदी शाह आलम ने लोन जारी कर दिया।
बैंक में मौजूद अरशद खान के खिलाफ़ लखनऊ सीबीआई ऐंटी करप्शन ब्योरो में मामला दर्ज हुआ है और इसके खिलाफ़ लखनऊ में ऐंटी करप्शन ब्युरो विशेष अदालत लखनऊ में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। अरशद खान के ज़रिए मात्र 24 घंटे के अंदर अनीस इंटरप्राइजेज जिसके मालिक अनीस मोटा है इन्होंने इसे 24 घंटे में 7.5 कोरड़ रूपए के लोन दिए 10 अगस्त का उसका आवेदन है और उसे लोन 11 अगस्त को दिया गया और उसमें से एक पैसा भी वापस नहीं आया। बैंक के एक और डायरेक्टर सलाहुद्दीन राजमी हैं जिन पर उत्तर प्रदेश के फतेहपुर पुलिस थाने में धोखाधड़ी,फर्ज़ी कागजात के दम पर जायदाद हड़पने का मामला (FIR 382/2010) दर्ज हुआ है। इस तरह से बैंक में इन लोगों की मौजूदगी में वही बात होती है कि दुध की रखवाली बिल्ली से कराई जाए।
मुंबई पुलिस के रिटाएर्ड एसीपी इकबाल शेख का कहना है कि आरबीआई की 2014-15 की वह रिपोर्ट है जिसमें आरबीआई ने बॉम्बे मरकंटाइल बैंक में बहुत बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया है जिसको लेकर हमने उन्हें बेनकाब करते हुए कोर्ट मे घसीटी जो अपने स्वार्थ और अपने फाएदे के लिए बैंक को इस्तेमाल कर बैंक और आरबीआई दोनों को चूना लगाते हुए आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लघन करते हैं और यह करते हुए एक बार भी नहीं सोचते कि बैंक का क्या हाल होगा। वह अवाम जो बैंक पर भरोसा कर अपनी कमाई जमां करती है उसका क्या होगा। ताज्जुब इस बात कि बैंक में जो जिम्मेदार हैं उन पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं और वह शराफत का लेबादा ओढ़ कर बैंक पर कबजा जमाए बैठे हैं। इस आपसी बंदर बांट की वजह से बैंक कभी A श्रेणी में थी जो अब D में पहुंच गई।किसी भी बैंक का D श्रेणी में पहुंचने का मतलब होता है कि बैंक दीवालिया के कगार पर पहुंच चुकी है।
मुंबई के पूर्व कमिशनर ने खरीदे 200 करोड़ के एनपीए
बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के 200 करोड़ रूपए का एनपीए समाप्त करने का मामला सामने आया है लेकिन इस एनपीए को समाप्त करने के लिए बैंक के चेयरमैन जीशान मेंहदी ने हमेशा की तरह बैंक को ही चूना लगाया दिया। इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी इकबाल शेख ने आरबीआई से शिकायत की है और बताया है कि एनपीए समाप्त करने के नाम पर बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के चेयरमैन जीशान मेंहदी बैंक के ही पैसों का इस्तेमाल कर बैंक को पहले के जैसे चूना लगा चुके हैं वह एनपीए की भरपाई के लिए बैंक के पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं इस तरह से एनपीए की जो भरपाई करने की बात सामने आ रही है वह असल में बैंक के साथ बहुत बड़ा धोखा है। शेख ने शिकायत में बताया कि 200 करोड़ रूपए के एनपीए को बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक ने 117 करोड़ रूपए में बेचा है और इसे खरीदने वाली कंपनी इनवेंट है इस कंपनी के डायरेक्टर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एम.एन.सिंह हैं। जानकारी में इस बात का पता चला है कि बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक और इनवेंट कंपनी ने मिलकर एक ट्रस्ट बनाया है और इस फंडे का इस्तेमाल करते हुए बैंक ने ट्रस्ट में 99.50 करोड़ रूपए निवेश किए और इनवेंट कंपनी ने 17.50 करोड़ रूपए निवेश किए।यह दोनों रकम मिलाकर 117 रूपए करोड़ रूपए निवेश किए और इस फंडे का इस्तेमाल करते हुए बैंक के एनपीए को समाप्त करने करने का डंका पीट रहे हैं।पिछला एनपीए यानी बैंक का जो 200 करोड़ रूपए का बकाया एनपीए समाप्त हो गया लेकिन इसके पीछे करोड़ों रूपए का जो खेल खेल कर बैंक को डुबाने की साज़िश रची गई है बहुत ही दिलचस्प है जिसे जानना बहुत ज़रूरी है।क्योंकि बैंक के ही पैसे से बैंक को ही चूना लगाया गया है। बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी और संबंधित कंपनी मिलकर पहले के जैसे ही बैंक को फिर से चूना लगा चुके हैं क्योंकि इनविंट कंपनी के जिस ट्रस्ट में बैंक ने निवेश किया है वह पैसे तो बैंक के ही हैं। इस तरह से बैंक के पैसे को ही 200 करोड़ के एनपीए को समाप्त करने के लिए उपयोग किया गया और पुरने एनपीए को समाप्त करने का यह गोरख धंधा बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी काफी पहले से करते आरहे हैं और वह इस गोरख धंधे के मढ़े हुए खिलाड़ी हैं। इस बार भी बैंक को ही पहले के जैसे 200 करोड़ से अधिक यानी दुगना नुकसान हो गया। इस तरह से एनपीए के जो बाकी 83 करोड़ हैं उसके लिए बैंक प्रोविहिजन के लिए बैंक में रिज़र्व की गई रकम का इस्तेमाल कर यह 200 करोड़ के एनपीए एक झटके में खतम कर दिया गया और आरबीआई के सामने यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि 200 करोड़ का एनपीए बैंक ने क्लियर कर दिया लेकिन इसके पीछे की सच्चाई यह है कि बैंक और संबंधित कंपनी इनविंट मिलकर बैंक को तो चूना लगा ही रहे हैं बल्कि आरबीआई की भी आंख में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि इसी फंडे का इस्तेमाल कर बैंक के चेयरमैन जीशान मेंहदी ने खुद बैंक को 15 करोड़ का चूना लगाया है। अब बारी है 200 करोड़ के डुबाने की क्योंकि यह आज तक बैंक में पैसे वापस नहीं आए और इसकी भरपाई के लिए बैंक के ही पैसों को निवेश करने के नाम पर संबंधित कंपनी इनविंट के द्वारा बनाए हुए ट्रस्ट को दिया गया है जो कि कभी वापस आने वाले नहीं है। 200 करोड़ रूपए के एनपीए को समाप्त करने के लिए जिस रकम का इस्तेमाल किया गया है वह बैंक के ही पैसे को इस्तेमाल कर बैंक को ही चूना लगा कर एनपीए की भरपाई की गई है और यही वजह है कि बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के करोड़ों रूपए के एनपीए को लेकर यह बैंक आज डी कटेगरी मे पहुंच गई है जो कि कभी भी बंद हो सकती है।
दर असल बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी एनपीए क्लियर कराने के लिए इस फंडे का बहुत ही पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं पहले के 15 करोड़ के एक एनपीए समाप्त कराने के लिए जीशान मेंहदी ने ऐसे ही फंडे का इस्तेमाल करते हुए खुद दो कंपनी खोली थी और दोनों में बैंक की ओर से 15 करोड़ निवेश किए थे और कंपनी बंद हो गई और यह 15 करोड़ भी डूब गए। जीशान मेहंदी बैंक चेयरमैन के साथ साथ हिंदुस्तान ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और स्टील इंडिया कंपनी के पार्टनर हैं और इन्होनें सम्बंधित कंपनी का 3 करोड़ का ब्याज़ माफ़ कराया यही नहीं इनकी मिली भगत की वजह से शान ट्रेडर्स और युनिवर्सल इंटरप्राइज़ेज़ इन दो कंपनियों को 15 करोड़ का लोन दिया गया जबकि इनके ऊपर पहले से ही कुछ कंपनी जिसके यह पार्टनर हैं उसका पैसा बाकी है। 15 कराड़ो के लोन जो बैंक को वापस आने चाहिए वह आज तक वापस नहीं आए और यह अकाउंट भी बंद कर बैंक को चूना लगा दिया गया।ज़ीशान मेंहदी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से सटे नैनी पुलिस थाने में साल 2008 में धोखाधड़ी,और फर्ज़ी दस्तावेजों में हेर फेर कर प्रॉप्रटी क़बज़ा करने का मामला (FIR 195/2008) 2008 में दर्ज हुआ है।
आरबीआई ने कहा ज़ीशान मेंहदी बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के लिए हानीकारक है
करोड़ों रूपए के भ्रष्टाचार में घिरे बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी को लेकर पिछले साल आरबीआई ने मुंबई हाईकोर्ट में हलफ़नामा दाखिल करते हुए कहा था कि ज़ीशान मेंहदी बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के लिए हानिकारक है अगर यह बैंक में रहते हैं तो यह बैंक के लिए बहुत ही बड़ी समस्या होगी। इस विषय में मुंबई हाईकोर्ट में दाखिल हुई याचिका की सुनवाई के दौरान आरबीआई ने बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी के ज़रिए बैंक में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर हलफ़नामा दाखिल किया है जिसमें आरबीआई ने कोर्ट को बताया कि जीशान मेंहदी द्वारा बोगस खाते खोल कर बॉम्बे मर्कंटाइल को करोड़ों रूपए का चूना लगाया है और इस काम में बैंक के एमडी शाह आलम भी शामिल हैं। आरबीआई ने अपने जवाब में यह लिखा है कि चूंकि इन्हें बैंक से निकालना उनके अधिकार क्षेत्र में नही है इसलिए उन्होंने सेंट्रल रजिस्ट्रार को पत्र लिख कर ज़ीशान मेंहदी को बाहर का रास्ता दिखाने की बात कही है। आरबीआई के अधिकारी शशिकांत मेनन ( असिस्टेंट जनरल मैनेजर डीपार्टमेंट आफ कोपरेटिव बैंक ) ने अपने हलफनामे में बताया कि हमने सेंट्रल रजिस्ट्रार को 5 जून 2017 को पत्र लिख कर जीशान मेंहदी द्वारा किए गए घपले के बारे में जागरुक किया है। मेंहदी के दो बोगस एनपीए अकाउंट 10 करोड़ 30 लाख के थे यह खाते बंद करने के लिए उन्होंने शान ट्रेडर्स और यूनिनर्सल इंटर प्राइजेज के नाम से 2 और बोगस खाते खोले और बोगस खाता खोलने में एमडी शाह आलम खान का पूरा सहयोग रहा।बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक का यह पैसा इलाहाबाद बैंक में परपल ट्रेडर्स के नाम से खोले गए खाते में ट्रांस्फर किया गया इस परपल कंपनी के पार्टनर खुद जीशान मेंहदी थे।इसी तर्ज़ पर यूनियन बैंक में लकी इंटरप्राइजेज के नाम से बोगस अकाउंट खोला गया और बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के 15 करोड़ की मोटी रकम हड़प करली गई और इस तरह से पहले के खोले गए बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक में दोनों खाते बंद होगए। आरबीआई ने अपने हलफनामे में यह स्वीकार किया है कि जीशान मेंहदी द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है।और इस तरह से जीशान मेंहदी ने मल्टीस्टेट कॉआपरेटिव सोसायटीज़ ऐक्ट की धारा 29 (d) का उल्लघन किया है।
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