गुजरात : भारतीय जंता पार्टी की सदस्यता को लेकर बीजेपी के साथ अब देेेश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देने का एलान करने वाले सय्यद रईस अशरफ़ और उनके बेटे सय्यद जामी अशरफ़ ने अपने 600 भक्तों के साथ मिलकर मोदी भक्ति स्वीकार की है सय्यद रईस अशरफ़ ने कश्मीर में 370 हटाने और कश्मीर में तिरंगा लहराने को कर मोदी सरकार की जम कर प्रशंसा की है।सय्यद रईस अशरफ़ और उनके बेटे सय्यद जामी अशरफ़ गुजरात के खंबाट इलाके में डेरा जमाए हुए हैं हालांकि यह रहने वाले यूपी के हैं लेकिन कछौछा से खदेड़े जाने के बाद इन लोगों ने यह डेरा जमाकर यहां मोदी भक्ति में विलीन हो चुके हैं।
सोशल मीडिया पर जैसे ही सय्यद रईस अशरफ़ और उनके बेटे सय्यद जामी अशरफ़ दोनों की वीडियो वायरल हुई उसके बाद से ही लोगों मे चर्चा होने लगी क्योंकि यह दोनों मुंबई के आज़ाद मैदान दंगे के हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथाकथित धर्मधुरंधर भूमाफिया श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली के रिश्तेदार हैं रिश्ते में सय्यद रईस अशरफ़ बंगाली बाबा के ससुर हैं जबकि सय्यद जामी अशरफ़ बाबा बंगाली के साले हैं।
जिस प्रकार से इन दोनों ने मोदी भक्ति में पूरी तरह से विलीन हो चुके हैं उससे अब अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि बंगाली बाबा भी जल्द ही बीजेपी की सदस्यता के लिए आवेदन कर के बीजेपी का ऐक्टिव सदस्य बन सकता है क्योंकि उसे कांग्रेस या किसी दूसरी पार्टी से कोई भाव नहीं दिया जिसकी वजह से उसके सर से नेतेगिरी का भूत उतर सके।
हालांकि सय्यद रईस अशरफ़ द्वरा बीजेपी में शामिल होने की ख़बर से मुसलमानों में नाराज़गी भी पाई जा रही है क्योंकि अब यह साफ हो चुका है कि धर्म का चोला पहेन के धर्म की ठेकेदारी करने वाले लोग जो बीजेपी के नाम से मुसलमानों को डरा कर अपना उल्लू सीधा करते थे अब वही लोग बीजेपी की तारीफें करते नही थक रहे इसके पीछे कुछ साठगांठ लग रही है हालांकि की अब लोगों की निगाहें बंगाली पर टिकी हुई हैं क्योंकि उसके पास नागपाड़ा इलाके का 250 वोट है जिसके दम पर वह बहुत बतोलेबाज़ी करता था लेकिन जब उसका खुद का भाई सय्यद अली अशरफ़ उर्फ़ क्लीन शेव बाबा मुंब्रा से हार गया तब इसकी पोल पट्टी खुल गई और लोगों को यह समझ में आगया कि यह चमत्कारी बाबा नहीं बल्कि फेकम फाक और बतोलेबाज़ी का माहिर खिलाड़ी है।
Post View : 1286450