मस्जिद चोरी के बाद सांगली जल प्रलय के नाम पर शकर चोरी
मुंबई :दक्षिण मुंबई में रहमानी नाम की एक एनजीओ जिसे आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथा कथित धर्म धुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाब बंगाली के सबसे बड़े वाले भक्त आसिफ़ अत्याचार संचालित कर रहा है जो साउथ मुंबई की जनता की भलाई के लिए बांगदार दावे करते फिर रहा था वही रहमानी ग्रुप को अब लोगों ने छोड़ने की हौड़ मचा रखी है यही नहीं इनके झोल झाल के कारण लोग अब इन्हें ढूंढ ढूंढ कर पीट रहे हैं जिसकी वजह से यह सब बंगाली के आश्रम में शरण लेने पहुंचे।
लोगों का रहमानी ग्रुप को छोड़ने के पीछे का सब से मुख्य कारण बाबा बंगाली भक्त आसिफ़ अत्याचार और उसका भांजा हाशिम अंसारी है आरोप है कि दोनों मामा भांजे ने रहमानी ग्रुप के नाम पर कई लोगों से मोटी रकम वसूली है जिसमें एसबीयूटी भी शामिल है जिसने हाल ही में मुसाफिर खाना मस्जिद को कब्ज़ा करने की नापाक साजिस रची थी जिसे बंगाली गैंग ने बचाने की बतोलेबाज़ी की लेकिन बाद मे यही अत्याचार ने उनसे सौदेबाज़ी कर ली इसके अलावा कई जगहों से ग्रुप के नाम पर पैसे वसूल कर खा गया उनमें डांस बार तक शामिल है।
केवल यही नहीं आसिफ़ अत्याचार ने हाल ही में सांगली में हुए जल प्रलय के दौरान लोगों से जम कर चंदे वसूले किसी से शकर किसी से तेल किसी से कुछ भी और उनमें से ज्यादा हिस्सा खुद ही खा गया उसके अलावा कई नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर लोगों से पैसे वसूले और वह भी खा गया इस खाने पीने में दोनों मामा भांजे शामिल हैं।
संभव है कि इस खाने पीने में बाबा बंगाली भी बराबर का हिस्सेदार होगा क्योंकि बंगाली के पास भी काम धंधे नहीं हैं और इन लोगों के जैसे वह भी फोकटिया घूमता है चूंकि पहले बंगाली लोगों के घर मकान दुकान खाली कराने की सुपारी लेता था लेकिन Bombay Leaks ने जब उसकी असलियत जनता को बताई तो बंगाली बाबा की गुंडई में घुन लगने लगा और उसे पुलिस तो क्या जनता भी अब नागपाड़े का गुंडा और बाहुबली स्वीकार नहीं कर रही है क्योंकि हाल ही में उसके गुंडों पर नागपाड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ जिसके बाद बंगाली इधर भाग उधर भाग किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई आख़िर मेंं अबूआसिम को घेरने के लिए जम कर नौटंकी किया जो उसे भारी पड़ गई और यहीं से अत्याचार और उसके बाप बाबा बंगाली की तबाही शुरु हुई।
चूंकि बंगाली कभी खुद सामने से लड़ाई नहीं करता वह अपने चमचों और गुर्गों को यह सब करने के लिए छोड़ता है उनमें इस समय आसिफ़ अत्याचार सब से ज्यादा सक्रीय था हालांकि अबुआसिम के सामने उसकी हैसियत क्या है यह जग जाहिर है लेकिन बंगाली की गोटागिरी में चला था अबुआसिफ़ पर कीचड़ उछालने वह खुद उसके मुंह पर आकर गिरा।
चूंकि इस मामले में हाजी अमीन ने सब से पहले शुरुआत की हाजी अमीन इस ग्रुप की रीड़ की हड्डी थे वह कारोबारी हैं मुंबई बीएमसी के कचरे के लंबे समय से ठेका उन्हें ही मिलता है और अबूआसिम और हाजी अमीन के संबंध न केवल व्यक्तिगत हैं बल्कि कारोबारी संबंध होने के वजह से आसिफ़ अत्याचार और बंगाली के कारण उनके रिश्ते दांव पर लगते नज़र आए हाजी अमीन न केवल इस ग्रुप को बल्कि आसिफ़ अत्याचार और उसके भांजे को हर महीने सैलरी देते थे उसके बाद उनका ही कुत्ता जब उन्हें काटने दौड़ा तो अबुआसिम के एहसानों को हाजी अमीन नहीं भुला सके और उन्होंने ग्रुप छोड़ने में अपनी भलाई समझी उसके साथ साथ ग्रुप से जुड़े दूसरे सदस्यों ने भी ग्रुप छोड़ दिया।
दर असल Bombay leaks ने आसिफ़ अत्याचार के काले कारनामे वसूली , झोलझाल , मस्जिदों की सौदेबाज़ी को लेकर खबरें प्रकाशित की हालांकि उन खबरों से अत्याचार बंगाली की नज़रों मे हीरो बन गया लेकिन जनता की नज़रों मे उसकी असलियत उजागर होने के बाद जनता ने उसे उसकी औकात दिखाने की ठान ली और उसकी सब से बड़ी मिसाल यही हैं कि भले ही लोग किसी ग्रुप से ज़ुड़े हों लेकिन कौम की सुन्नियत की और मस्जिदों की सौदेबाज़ी को कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता इसी लिए लेगों ने इन से दूरियां बनानी शुरु कर दी।
कई लोगों का यह भी मानना है कि लोगों के ग्रुप छोड़ने से अत्याचार को राहत होगी और वह झोलझाल की दुकान चलाते रहेगा इसलिए उसे भगाना चाहिए ताकि जिस मकसद के लिए ग्रुप बनाया गया वह पूरा हो।
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