मुंबई : बालाजी हॉस्पिटल के संचालक चीटर डाक्टर रमेश कागज़ी के हवालात में जाने के बाद Bombay Leaks ने जैसे जैसे इस मामले की पड़ताल की तो बालाजी हॉस्पिटल द्वारा एलाज के नाम पर खोले गए गोरख धंधे की परतें खुलती गई और यह पता चला की हॉस्पिटल की आड़ में यह धोखाधड़ी और मरीज़ों के एलाज के नाम पर लूटमार करने का अड्डा चला रहा है।
ताज़ा जानकारी में यह पता चला कि चीटर कागज़ी ऐंड कंपनी और वसूली के अड्डा बालाजी हॉस्पिल के खिलाफ़ कई शिकायतें हैं और यह तीसरी बार ऐसा हुआ है जब कागज़ी ने सरकारी कंपनियों की इंशुरेंस पॉलिसी में चूना लगा चुका है साल 2013 में कागज़ी ने तकरीबन 50 गरीब मरीज़ों को सराकरी योजनाओं के ज़रिए चूना लगा चुका है।
यही नहीं सरकारी योजनाओं का गैर कानूनी तरीके से लाभ उठाने के चक्कर में कागज़ी ऐंड कंपनी किसी भी मरीज़ को जबरदस्ती और जल्दी ही बालाजी हॉस्पिटल में भर्ती कर देते थे और कम से कम में उसका एलाज कर के योजनओं से ज्यादा से ज्यादा बिल बना कर पैस वसूलता था यही नहीं जो दवाऐं वह मरीज़ों को मुहय्या करता था उनकी भी बाजार से कई गुना ज्यादा कीमत उन योजनाओं के माध्यम से वसूल करता था इसी वजह से साल 2016 में बालाजी हॉस्पिटल को सराकारी योजनाओं की सूचि से बाहर कर दिया गया था।
साल 2018 में डा. सुधार शिंदे को जब महात्मा ज्योतिबा फुले आरोग्य योजना का कार्यभार संभाला तो उन्हों बालाजी हास्पिटल मे चल रहे घपलेबाज़ी की जांच करने के लिए खुद ही मरीज़ बन कर वहां पहुंच गए जिसमे पता चला कि 6 मरीज़ों से एलाज के नाम पर अधिक पैसे लिए गए और सारे मरीज़ इसी योजना के अंतर्गत अपना एलाज़ करवा रहे थे शिंदे ने अपने इस खुफिया आपरेशन में पाया कि यह एक लाख तक के एलाज के लिए बीमा पॉलिसी से पैसे लेने के बाद हॉस्पिटल की बिल दवाओं की आड़ से लूट मार मचा रखी थी।
Kagzi’s Balaji hospital refuses to fall in line despite facing the axe thrice
शिंदे ने जानकारी देते हुए बताया की उन्होंने बालाजी हॉस्पिल के चीटर डा. रमेश कागज़ी को वजह बताओ नोटिस जारी कर के मामले में उसका जवाब मांगा लेकिन कागज़ी जवाब देने में असमर्थ रहा उसका जवाब संतोषजनक नहीं थी इसलिए उसे इस योजना को लेकर निलंबित किया गया जब कि इसी हरकत की वजह से उसे पुलिस पैनल से भी बाहर किया गया।
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