मुंबई : आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथाकथित धर्मधुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बबा बंगाली के छोटा सोनापुर मैदान में फोटोबाज़ी और शक्ति प्रदर्शन के कार्यक्रम में इस बार आईपीएस अफसर नहीं पहुंचे। हालांकि बीते 3 सालों मे कई आईपीएस अफसर बाबा के आश्रम और कार्यक्रम दोनों में पहुंचते थे जिसकी वजह बंगाली जमकर फोटो खिंचवा कर उन तक अपनी पहुंच जाहिर करता था जिसकी वजह स्थानी पुलिस थाने में उसकी तूती बोलती थी और वह जिसे चाहे जब चाहे इस फोटो दम पर उठवा लेता था।
लेकिन इस बार के कार्यक्रम में वह आईपीएस अफसर जो कभी बाबा के आश्रम में जाते थे उन्होंने समझादारी का सुबूत देते हुए न तो आश्रम में पहुंचे और न ही कार्यक्रम में जिसके बाद पूरे इलाके में बंगाली बाबा की थू थू हो रही है। कई लोगों का कहा है कि इसका वर्चस्व और गुंडई दोनों खतम हो गई जिसकी वजह से अब इसे कोई बाहुबली नहीं समझता और हर एक को पता चल गया कि यह आज़ाद मैदान दंगे का मुख्य आरपी है जो चमत्कार दिखाने की बात करता है लेकिन इस बार पिछली बार और इस बार मिलिंद देवरा का हार जाने की वजह से लोग समझ गए की यह किसी भी प्रकार का चमत्कार नहीं कर सकता बल्कि छलावा देता है क्योंकि मुंब्रा ससे इसके भाई को भी यह नहीं जिता सका।
दरअसल आईपीएस अफसरों का इसके आश्रम में जाने की पीछे की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि तत्कालीन ज्वाइंट सीपी देवेन भारती से इसके संबंध होने की वजह नीचे के अफसर इसके आश्रम मे मजबूरी मे जाते थे लेकिन जैसे ही भारती का तबादला हुआ उसके बाद से कोई भी अफसर इसके आश्रम में और कार्यक्रम दोनों जगह जाने से कन्नी काट लिए
कुल मिला कर अब ऐसा लगता है कि बीते 3 सालों मे बंगाली की गुंडई मे घुन लग गया है कि क्योंकि नागपाड़े के दबंग सीनियर पीआई ने हाल ही में इसकी गैंग के खिलाफ़ जमकर कार्रवाई की जिसकी वजह से इसकी कमर टूट गई और पिलपिलाते भागते पहुंचा था तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर के पास और वहां से बाहर निकल कर अबुआसिम के खिलाफ़ नौटंकी किया हालांकि उसका कोई असर न तो स्थानी पुलिस थाने को हुआ न तो अबुआसिम को। ऐसे में बंगाली बाबा और उसकी गैंग से जुड़े लोग बंगाली को प्रमोट करने के लिए जगह जगह ले जाकर फोटो बाज़ी करते हैं लेकिन उसका किसी भा तरह का कोई दबदबा नहीं रहा।
Post View : 220