मुंबई : आज बाबा बंगाली कुछ उलमा क्राइम के साथ मुंबई पुलिस कमिश्नर की दहलीज़ पर इंसाफ़ की गुहार लगाने की भीक मांग रहा था ख़बर हैरान कर देने वाली है वह इसलिए जो बंगाली बाबा हमेशा रंगबाज़ी करते नज़र आया जब उसके गुर्गों के खिलाफ़ मामला दर्ज हुआ और नागपाड़ा पुलिस थाने में दबाव और दादा गिरी दिखाने मे नाकाम साबित हुआ तो रोना रो रहा है कि बोगस एफआईआर की गई है।
ऐसा नहीं है कि बंगाली गैंग की गुंडई पहली बार हुई है इससे पहले भी हुई है लेकिन हमेशा की तरह पुलिस थाने में दबाव बनाने में वह कामयाब हो जाता था लेकिन इस बार बंगाली की गुंडई को नागपाड़ा पुलिस ने फांटे पर मार दिया।
मामला 9 जनवरी का था जब एक गरीब ड्राइवर को यह दोनों आरोपी जिनके लिए आज बंगाली गैंग और उसके मदरसे के बच्चे एयर कुछ गुंडे मवाली की फौज मुंबई पुलिस कमिशनर से इंसाफ़ की गुहार लगाने वैसे ही पहुची थी जैसे चोरी और सीना जोरी।
9 जनवरी को दोनों आरोपियों ने बंगाली की दबंगई का साहारा लेकर जब ड्राइवर को पीट रहे थे तो किसी की हिम्मत नहीं हुई कि इन दोनों गुंडों से वोग बचा सकें जिसे लहुलहान हालत में जे जे हास्पिटल में भर्ती कराया गया।
मामला देख नागपाड़ा पुलिस थाने ने आईपीसी की धारा 326,323,504,34 के तहेत तौफीक और गुड्डू के नाम के दो गुर्गों के खिलाफ़ मामला दर्ज कर के दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
बंगाली उसके बाद से शिकायतकर्ता और दूसरे लोगों पर दबाव बनाने लगा कि एफआईआर वापस ले लो लेकिन पीड़ित पक्ष ने बंगाली को फांटे पर मारते हुए एफआईआर वापस नहीं ली।
एफआईआर वापस न लेने पर बंगाली के अहंकार को ठेस पहुंची और उसने प्लान बनाया की अबू आसिम के खिलाफ़ सोशल साइट्स पर बदनामी करे ताकि जब उन पर दबाव बनेगा तो पीड़ित पक्ष एफआईआर वापस ले लेगा क्योंकि पीड़ित अबू आसिम के रिश्तेदार का ड्राइवर था।
दरअसल बंगाली बाबा इस गलत फहमी में जी रह है कि व इलाके का दादा है और उसके गुर्गे किसी के साथ कुछ भी कर सकते हैं और पुलिस उनके खिलाफ़ किसी भी तरह का मामला नहीं दर्ज कर सकती क्योंकि वह बंगाली के भक्त हैं।
लेकिन बंगाली की यह गलत फहमी दूर हो गई क्योंकि पुलिस ने उसके गुर्गों को हवालात की हवा खिला दी है क्योंकि कानून की किताब में अपराधी अपराधी होत और पीड़ति पीड़ित भले ही वह बंगाली भक्त क्यों न हों कानून सब के लिए बराबर है।
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