शाहिद अंसारी
मुंबई: रविवार की रात मुंबई के धरावी पुलिस थाने की हद में एक एक्सिडेंट की रिपोर्टिंग करने वाले एएनआई न्युज़ एजेंसी के कैमरामैन और रिपोर्टर के साथ धरावी पुलिस थाने के पुलिस रूपी दादा इंस्पेक्टर कैलाश बोंद्रे द्वारा गुंडई करने ,पीटने और फर्ज़ी मामला दर्ज करने की साजिश रचने के मामले को लेकर आज पत्रकारों का समूह राज्य के गृह राज्य मंत्री रंजीत पाटिल की दहलीज़ पर दस्तक देते हुए धरावी पुलिस थाने के पुलिस रूपी गुंडे कैलाश बोंद्रे के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायतपत्र सौंपा है। जिसके बाद पाटिल ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है कि एक आफीसर का पत्रकारों के साथ इस तरह का रवय्या है जो अपनी ड्युटी अंजाम दे रहे थे पुलिस ने उन पर ही जुल्म ढाना शुरु कर दिया यह हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि हम 24 घंटे में पुलिस रूपी गुंडे बोंद्रे समेत संबंधित अधिकारियों को तलब कर के उनके खिलाफ़ कार्रवाई करेंगे। पाटिल ने यह भी कहा कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की ओर से पत्रकारों के लिए जारी की गई गाइडलाइंस पर फिर से अमल करने के लिए भी वह मौजूदा मुंबई पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी करेंगे इस गाइडलाइंस में मारिया ने पुलिस वालों की गुंडई को देख यह आदेश जारी किया था कि अगर काम के वक्त कोई पुलिस वाला उनसे गुंडई करता है तो उसके खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगा जिसे पुलिस वाले भूल चुके हैं।
पत्रकारों ने धरावी पुलिस थाने की हद में हुई वारदात के बारे में रंजीत पाटिल को जानकारी देते हुए बताया कि कैलाश बोंद्रे ने न सिर्फ़ घटना की रिपोर्टिंग करने वाले कैमरामैन को पीटा बल्कि अपने पंटरों को झूटा चश्मदीद गवाह बना कर उनके विरुद्ध झूटा मामला दर्ज करने की साजिश भी रच रहा था। लेकिन रात के समय मुंबई भर के पत्रकार धरावी पुलिस थाने पहुंचे और एडिशनल कमिश्नर एस जैकुमार और डीसीपी विरेन्द्र मिश्रा के पहुंचने से बोंद्रे का झूट पकड़ा गया और वह झूटा मामले में फंसाने में नाकाम साबित हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जगह पर जांच करते हुए खुद कहा कि कैमरामैन की इसमें कोई गलती नहीं जिसके बाद कैलाश बोंद्रे झूटा साबित हुआ और तरह तरह के बहाने बनाने लगा।
पत्रकार इंद्रजीत चौबे ने बताया कि हमने देखा कुछ लोग पुलिस वालों के साथ उलझे हुए हैं हमने तुरंत अपने मुबाइल से रिकार्ड करना शुरु कर दिया ताकि पुलिस उन लोगों पर कार्रवाई कर सके। थोड़ी देर बाद कैलाश बोंद्रे वहां पहुंचे और उन्होंने हमें पीटना शुरु कर दिया हमारे फोन तोड़ दिए गए और उसमें से वीडियो भी डिलीट की। पीटते हुए कैलाश बोंद्रे ने कहा मादर **** तुम पत्रकार लोग को बहुत चर्बी आ गई है मैं तुम सब की आज रात मां **** दूंगा पत्रकारों से मेरी पुरानी ठसन है उसके बाद मारते हुए अपनी गाड़ी में ज़बरदस्ती ठोस दिया और कहा अब पुलिस थाने में मैं तुम लोगों के साथ साथ पूरी मीडिया की मां ****** दूंगा। मेरा नाम कैलाश बोंद्रे हैं जेजे, पायधूनी सब कर के इधर आया हूं। चौबे ने कहा कि हमने बताया कि हम वह कवर कर रहे हैं हमने अपने अपने आई कार्ड दिखाए जिसे बोंद्रे ने छीन कर अपनी जेब में रख लिया।
इसी दौरान मुंबई पुलिस प्रवक्ता दीपक देवराज ने एएनआई के पत्रकार रंजीत सिंह को फोन कर कैलाश बोंद्रे से बात करनी चाही लेकिन कैलाश बोंद्रे के सर पर खून सवार था पुलिस की वर्दी का रुआब और गुंडई के नशे में चूर बोंद्रे ने कहा कि मैं बात नहीं करूंगा। बोंद्रे ने कहा कि इधर का डीसीपी तो मैं हूं और आज इन पत्रकारों पर मैं केस भी दर्ज करूंगा और इनकी लॉकप में मां **** गा।
हमने बोंद्रे से फोन कर उनसे मामले को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो पहले बोंद्रे ने कहा कि फोन पर किसी भी ख़बर पर पक्ष जानने का प्रावधान नियम में नहीं है एक बार पुलिस थाने आ जाओ फिर देता हूं कायदे से पक्ष। पत्रकार लोग सब झूट बोल रहे मैं सच्चा और ईमानदार और फर्ज़ का पालन करने वाला और राजा हरिशचंद्र के सिद्धान्तों का पालन करने वाला पुलिस आफीसर हूं।
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