Bombay Leaks desk
मुंबई : आज़ाद मैदान दंगों और हत्या के मुख्य आरोपी नंबर 7 तोड़ु-ए-नागपाड़ा भूमाफिया तथाकथित स्वघोषित धर्म धुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली और वक्फ़ माफिया शब्बीर अंसारी ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णविस के साथ फोटो खिचवाने में कामयाबी हासिल कर ली है। शब्बीर के साथ दूसरे वक्फ़ माफिया अब्दुलकय्यूम नदवी भी इस फोटो में दिखाई दे रहा है। दोनों महीने भर पहले वक्फ़ बोर्ड कार्यालय के पास गुंडई करते हुए गिरफ्तार किए गए थे।
जानकारी में इस बात का पता चला है कि जैसे ही साल 2014 से राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णविस ने कार्यभार संभाला उसके बाद से ही बंगाली बाबा उनके साथ फोटो खिंचवाने की फ़िराक़ में था। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री के पास सतर्कता विभाग और स्टेट इंटिलिजेंस की रिपोर्ट पहुंच चुकी थी कि यह आज़ाद मैदान दंगों और हत्या का आरोपी नंबर 7 है इसलिए मुख्यमंत्री ने इसे भाव नहीं दिया। इस बार नागपुर में चल रहे अधिवेशन के दौरान कांग्रेस एमएलए भाई जगताप के ज़रिए बंगाली बाबा ने फोटो खिचाने का जुगाड़ लगाया और आज नागपुर पहुंच कर फोटो खिचाने में कामयाबी हासिल की।
फोटो खीचने के तुरंत बाद ही बंगाली बाबा के गुर्गे आसिफ़ अत्याचार उर्फ़ बाबा भौंकाली ने तुरंत अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट कर वायरल कर दी। जिसके बाद नागपाड़ा इलाके के बिल्डर और पुलिस में खौफ़ का माहौल बन गया है क्योंकि बंगाली के गुर्गे इस फोटो के माध्यम से स्थानी पुलिस थाने में लोगों के ऊपर यह कहकर फर्ज़ी केस दर्ज करवाने की कोशिश करेंगे कि राज्य के मुख्यमंत्री से उनके बाबा की टच है। इसके साथ साथ वह लोगों के घरों को हड़पने ,बिल्डरों के मामले हल करने का काम जोरो शोर से शुरु करने की कोशिश करेंगे।
पिछली सत्ताधारी सरकार कांग्रेस के समय इसने कांग्रेस को मुसलमानों के वोटबैंक का लॉलीपॉप दिया था लेकिन कांग्रेस की बुरी तरह से शिकस्त हुई और इसका वोटबैंक का लॉलीपॉप बेकार साबित हुआ और राज्य में बीजेपी की सत्ता आ गई। जैसे ही बीजेपी सरकार राज्य में आई उसके बाद से इसने बहुत कोशिश की सत्ता धारी सरकार को मुसलमानों के वोटबैंक का लॉलीपॉप देने की लेकिन बीजेपी सरकार ने भाव नहीं दिया। क्योंकि बीजेपी को यह पता चल गया था कि इसके भक्तों की संख्या मात्र 300 है। जबकि इसका दावा है कि पूरे भारत के मुसलमान इसके भक्त हैं।
ध्यान रहे कि बीजेपी ने आज़ाद मैदान दंगे में इसी बाबा और तत्कालीन गृहमंत्री आर आर पाटिल के रिश्तों को उजागर करते हुए दंगों से कुछ ही दिनों पहले की फोटो दिखाते हुए प्रेस कांफ्रेंस लेते हुए यह आरोप लगाया था कि आज़ाद मैदान दंगा करने से पहले इसकी साज़िश रची गई थी और जुमा के दिन मस्जिदों में एलान कर के लोगों को भारी संख्या में आज़ाद मैदान पहुंचने के लिए कहा गया था।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिन लोगों के कहने पर लोग आज़ाद मैदान पहुंचे थे उन्ही लोगों पर मामले दर्ज हुए और वह सलाखों के पीछे पहुंच गए जिन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। लेकिन वह 17 लोग जिनके खिलाफ़ नामज़द एफआईआर हुई है वह आज भी बाहर हैं उनमें बंगाली बाबा आरोपी नंबर 7 है। इसलिए नागपाड़ा की जनता को यह जान लेना चाहिए कि फोटो खींचने से किसी की पहुंच राज्य के मुख्यमंत्री तक नहीं होती।
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