Bombay Leaks Desk
मुंबई : शालीमार हुक्का बार बंद होने के बाद हुक्का चलाने वालों ने अपने पार्टनर मुनीम जुनेद शेख को निकाल बाहर किया जिसके बाद उसके खाने के लाले पड़ गए हैं। हुक्का पानी बंद होने के बाद तिलमिलाया मुनीम पिछले एक महीने से जेजे मार्ग पुलिस थाने के चक्कर काट रहा है और एक महीने बाद जेजे मार्ग पुलिस थाने ने उसकी एनसी दर्ज की है। अपनी शिकायत में हुक्का पार्टनर जुनेद शेख ( मुनीम ) ने बताया कि उसकी फोटो को लेकर दो मीडिया पब्लिकेशन ने ख़बर प्रकाशित की है जिसमें से हफ्ता रोज़ा सीरत उर्दू अखबार जिसने पाखंड और ढोंगी मुल्लों के खिलाफ़ मुहिम छेड़ रखी है उन्होंने मुनीम की बदनामी की है।
एक महीने जेजे पुलिस थाने के चक्कर काटने के बाद अपने सारे असर-व-रुसूख लगा लेने के बाद हुक्का पार्टनर की शिकायत पर जेजे मार्ग पुलिस थाने ने एनसी दर्ज की है। जिसके बाद हुक्का पार्टनर खुशी से फूला नहीं समा रहा है। यही नहीं इसके साथ साथ बंगाली बाबा के भक्तों ने तो तारीफ के ऐसे पुल बाँधे कि हुक्का पार्टनर ने एनसी दर्ज करा कर मानो बहुत बड़ा तीर मार लिया है। इससे पहले मुनीम ने बंगाली बाबा को अपना दुखड़ा कह सुनाया लेकिन बंगाली ने जो अंजुमन इस्लाम की जगह क़ब्ज़ा की है उसको लेकर खुद परेशान है इसलिए वह मुनीम की मदद नहीं कर सका।
सब से पहली बात हुक्का पार्टनर लोगों में यह अफवाह उड़ा रहा है कि उसने एफआईआर दर्ज करवाई है। लेकिन उसे यह नहीं पता कि बदनामी को लेकर एफआईआर नहीं होती बलकि एनसी दर्ज की जाती है और ऐसी एनसी दर्ज कराना किसी भी शख्स के लिए बाऐँ हाथ का खेल है जो पुलिस थानों में तुरंत दर्ज की जाती है। लेकिन जेजे मार्ग ने पिछले एक महीने से मुनीम की शिकायत पर पहले मुनीम को जम कर चप्पल घिसवाई फिर मुनीम को एनसी का लॉलीपॉप दे दिया जिसके बाद मुनीम जैसे छोटे बच्चे को चॉकलेट देने पर खुश होता है वैसे ही हवा में बातें करने लगा।
हफ्ता रोज़ा सीरत के एडीटर मुईन अजमेरी ने कहा कि यह बंगाली बाबा का गुर्गा है जब बंगाली एफआईआर दर्ज कर के भी सच्चाई लिखने से नहीं रोक सका तो गुर्गा बेचारा क्या करेगा। संभव है कि गुर्गे की इस एनसी दर्ज कराने की वजह से बंगाली खुश हो कर इसे नज़राना दे दे। क्योंकि हुक्का पानी बंद होने के बाद पता चला है कि खाने के लाले पड़ गए हैं। और जब से साबिरा सिकवानी का मौत हुई है तब से उधर से भी माल पानी कुछ नहीं मिल रहा मैं बच्चे की परेशानी समझ सकता हूं। लेकिन यही कहूंगा कि जब बाप कुछ नहीं कर पाया तो कल के बच्चे क्या कर पाऐंगे बच्चों को लगता है कि हुक्का पार्लर चला कर वह जवान हो गए हैं तो यह गलत फहमी है इसी गलत फहमी को लेकर बंगाली के सारे गुर्गे खुश हो गए हैं। नोटिस और NC , FIR इस तरह के झुटे मामलों में पहले बंगाली ने काफी कोशिश की लेकिन वह नाकाम साबित हुआ। पुलिस किसी की शिकायत सुनने के लिए बैठी है लेकिन वह नियम कायदे से हट कर कुछ नही कर सकते।
मुनीम पहले नुक्कड़ हुक्का पार्लर चलाता था उसके बाद सऊदी मे ऊंट चराने का काम करता था। लेकिन ऊंट चराने का काम नहीं हो सका तो वह वापस मुंबई आया और शालामीर हुक्का पार्लर यानी अपना पुराना धंधा शुरु कर दिया। शालीमार से धक्का मार के बाहर करने के बाद अब खाने के लाले पड़ गए हैं हालंकि साबरा सिकवानी के बाद उनके जानशीन रिज़वान ने इसकी पेट भरने की ज़िम्मेदारी ली है उसके बदले में वह रिज़वान के तारीफ़ भरी पोस्ट सोशल साइट पर पोस्ट करेगा। जिस दिन पोस्ट बंद उस दिन से यहां से भी हुक्का पानी बंद होजाएगा।
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