शाहिद अंसारी
मुंबई: शीना की डायरी मे लिखे पहले ही वाक्य में शीना अपने आप को खुश बता रही है शीना अपने आपको अपने ही जनमदिन की बधाई दे रही है।अगर Psychological नजरिए से इसे देखा जाए तो लिखी गई भाषा का पहला शब्द ‘ ओह ’ चिन्ह को भाषा के माहिर ओह का मतलब हैरान करदेने वाले लम्हों के बारे में कहते हैं जिसमें सुख और दुख दोनों शामिल हैं और साथ साथ इसका इशारा चौंकान वाला भी जाहिर किया है।मतलब इससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि पहले निराशा नजर आरही है और साथ मे गम और खुशी दोनों है वह इस बात से हैरान परेशान है लेकिन जिस ढंग से शीना ने लिखा है वह शीना को चौकाने वाले लगते हैं।शीना की लिखावट नें यह जाहिर किया कि शीना का यह लम्हा चौकाने वाला तो है ही क्योंकि वह यह जानती है।अगर इसकी और गहराई मे जाऐंगें तो इसमे शीना ने अपने चाहत भरे जजबात शब्दों मे बयान करने की कोशिश की है।यह लिखावट उस लम्हे की है जब लिखने वाला अपने जजबात और अपने अरमान लिख रहा हो।इससे साफ जाहिर होता है की शीना जहां एक तरफ खुश है वहीं दूसरी तरफ बहुत मायूस है।इस लिखावट में शीना ने अपनी जिंदगी की दास्तां बयान की है शीना ने इसमें अपने और इंद्रायणी के रिश्तों की कडुवाहट बयान की है जिसमे उसने शब्द Bitch ,Witch कुत्ती और डायन जैसे शब्दों को बयान किया है।वह अपनी डायरी मे यह भी लिख रही है कि उसकी आगे की जिंदगी दुखों से भरी रहेगी।
शीना की लिखावट से विशेषज्ञ यह अंदाजा लगाते हैं कि शीना की लिखावट में एक शब्द से दूसरे शब्दों के दरमियान का फासला है एक शब्द दूसरे शब्द से दूरी बनाए हुए है जो इस बात को जाहिर करते हैं कि शीना की अंदुरूनी दुनिया में रिश्तों मे काफी दूरियां रही है और वह इन रिश्तों की डोर मे उलझी हुई है यह एक तरफ अपने परिवार से बहुत नजदीक रही लेकिन अपने पिता की ओर से बहुत परेशान थी।
शीना अपनी मां से कभी खुश नहीं रही।शीना अपने आप मे एक दिलेर और आत्मविश्वास रखने वाली लडकी थी।उसकी लिखावट में ग्रामर की गलती या कोई दूसरी गलतियां नहीं है वह बचपन से अपनी लिखावट में माहिर है जिसे उसने बहुत ही अच्छे अंदाज में लिखा है।
उसकी लिखावट यह भी जाहिर करती है कि वह अपनी परेशानियों को छुपाना अपनी दिक्तों और मुश्किलों पर खुद कंट्रोल करना जानती थी उसपर बाहरी या किसी दूसरे तरीके कोई दबाव नहीं बनाया जासकता था जिससे वह खुदकुशी करने का कदम उठाती उसकी लिखावट उसकी हिम्मत की निशानदही करती है।
शीना ने जो डायरी लिखी उससे वह अपने हाल बयान कर रही है वह ऐसे ही लिख रही हैं जैसे दुसरी लाइन के तार पहली लाइन से जुडे हुए हैं।यानी पहली लाइन को पकड कर वह लिख रही हैं ।कई लोग दूसरी लाइन को पकड कर पहली लाइन लिखते हैं लेकिन शीना की लिखावट पहली लाइन से दूसरी लाइन की तरफ जारही है।जो कि साफ सुथरी और ग्रामर के साथ है जो कि वह स्कूल से ऐसे ही लिखती आरही है।जिसका मतलब होता है कि वह अपने आप को अनुशान का पालन करने वाली जाहिर करती है वह बचपन से वक़्त की बहुत पाबंद थी।जिस तरह शीना की लिखाई है उससे यह बयान होता है की उसे सेहतमंद रहना और प्यार से रहना पसंद था।वो काफी भाउक थी और दोस्तना मिजाज़ की थी उसे जिन्दा दिली से रहना पसंद था उसकी लिखावट से ये भी बयां होता है की वो कम लोगों में रहना पसंद करती थी किसी भी चीज़ को समझने की काफी क्षमता थी उसमें।
शीना की लिखावट मे जिस तरह से दो शब्दों के बीच मे जगह छोडी है उससे साबित होता है कि शीना की जिंदगी मे कुछ गलत हुआ है जिसकी वजह से उसने अपनों से ही किनारा कशी करली थी।दूसरी लिखावट ऐसी है वह बडे मजमे मे या बडे ग्रूप में रहना पसंद नहीं करती थी वह छोटे ग्रूप के बीच रहना पसंद करती थी।उसने ने जिस तरह से (i) लिखने की कोशिश की उसका मतलब है माँ से दुरी और बाप -बेटी के और फासले और प्यार ना मिलने के इशारे थे।वह ख्वाबो की दुनिया में रहकर आसमान की बुलंदियों को छूने की ख्वाहिश और उम्मीदें रखती थी। Solutions-pune के जरिए इस तरह की तहकीकात सामने आई हैं जिसके बाद हम यह नतीजे पर पहुंच सकते हैं कि शीना अपनी जिंदगी मे अपने परिवार से किनाराकशी या दूरियां बनाते हुए जिंदगी में काफी आगे जासकती थी जो कि इंद्रायणी को खटकती थी।
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