शाहिद अंसारी
मुंबई : लाल बाग मामले में महिला पुलिस कर्मियों की दरिंदगी का वीडियों सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने जांच बिठादी क्योंकि राज्य सरकार का रवय्या काफी सख्त था इसलिए पुलिस नें प्राथमिक जांच में वर्षा पाटिल और अनुराधा सालुंखे को सस्पेंड करदिया।ज्वाइंट सीपी ला ऐंड आर्डर दीवेंद भारतीय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि वीडियो के आधार पर जांच की गई है और प्राथमिक जांच में ही इन दो महिला पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करदिया गया है।जबकि अभी इस मामले की जांच जारी है।
ताज्जुब इस बात का कि हर मामलों की बाल की खाल निकाल कर वाहवाही लूटने वाली मुंबई पुलिस के सामने सुबूत के तौर पर वीडियो मौजूद थी।जिसमे साफ दिखाई देरहा है कि किस तरह से एक महिला को दो नही बल्कि पुलिस की पूरे दल ने घेर कर बडे ही वहशियाना तरीके से लात जूतों से मारा और उसके बाद पीडिता को धक्के मारते हुए अंदर लेगए।ऐसे में सवाल उठता है कि प्राथमिक जांच मे मात्र 2 महिलाओं को ही क्यों सस्पेंड किया गया।इससे जाहिर होता है कि पुलिस जांचकर दो को सस्पेंड कर बाकी पुलिस कर्मियों को बचाना चाहती है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी और वरिष्ट वकील वाईपी सिंह ने कहा कि उस ग्रुप में जितने भी महिला या पुरुष पुलिस कर्मी मौजूद थे।उन सब को सस्पेंड किया जाना चाहिए इन दो को सस्पेंड करने के मतलब है कि मुंबई पुलिस दो के बदले दस को बचाना चाहती है।इसके साथ साथ इस बात की जांच की जानी चाहिए कि पुलिस थानें में भी उस दिन पुलिस वालों के सामने महिला को पीटा गया।पुलिस थाने मे मौजूद पुलिस वालों ने महिला पुलिस कर्मियों को उस दौरान पीडिता को पीटने की इजाजत कैसे दी।जांच अधिकारियों को उस समय पुलिस थाने मे मौजूद पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ कर उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
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