मुंबई : पिछले रविवार को मुंबई के गोरेगांव इलाके में रॉयल स्मॉक हुक्का पार्लर में हुई तकरार के बाद एक युवक की हत्या के बाद ज़ोन 11 के डीसीपी विक्रम देशमाने सारे पुलिस थानों के सीनियर पीआई के साथ मीटिंग करते हुए यह हिदायत दी कि इलाके के सभी हुक्का बार पर कार्रवाई की जाएगी। लेट नाइट चलने वाले बियर बार पर भी नज़र रखी जाएगी इस दौरान मुंबई पुलिस के ज्वाइंट सीपी लॉ ऐंड ऑर्डर देवेन भारती ने भी सख्ती की है और कहा है कि जिस इलाके में इस तरह के अवैध कार्य होंगे उस इलाके के पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। हालांकि रॉयल स्मॉक हुक्का पार्लर अवैध तरीके से चलाने के लिए स्थानी पुलिस ने इजाज़त दे रखी थी बदले मे काली कमाई से खासा हिस्सा स्थानी पुलिस थाने को दिया जाता था।
ज़ोन 11 इलाके रॉयल स्मॉक हुक्का बार में हुई इस हत्या के बाद फिर एक बार सवाल उठने लगे हैं कि इस तरह की सख्ती का क्या मतलब है जब वरिष्ठ अधिकारी अवैध हुक्का बार और बियर बार पर कार्रवाई का आदेश दें और नीचे मौजूद पुलिसकर्मी उसी जगह से मलाई खा कर उसे अवैध तरीके से चलाने के लिए अपनी आँखें बंद कर लेते हैं तो इस तरह की हिदायत किस काम की।
पिछले महीने ही मुंबई के ग्रांट रोड इलाके में शालीमार हुक्का बार पर पुलिस कार्रवाई के नाम पर एक महीने तक बंद रखा गया लेकिन एक महीने के बाद से फिर इसे अवैध तरीके से शुरु कर दिया गया। आलम यह है कि इस बारे में ज़ोनल डीसीपी द्यानेश्वर चौवान से जब पूछा गया तो चौवान ने बड़ी ही ढिटाई और सफाई से जवाब दिया कि शालीमार हुक्का बार बंद कराने का काम पुलिस का नही बल्कि बीएमसी का है। मतलब साफ़ है कि जिस प्रकार से अवैध धंधों और अवैध हुक्का बार से डीसीपी चौवान समेत स्थानी पुलिस थाने को मलाई खाने को मिलती है उसी तरह से स्थानी पुलिस थाने और ज़ोल डीसीपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी इसे संरक्षण भी देते हैं। अब ऐसे में यह सवा उठता है कि आखिर यहां किसी तरह की वारदात होगी तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
शालीमारी हुक्का बार शालीमार सिनेमा बंद होने के बाद स्थानी पुलिस थाना डीबी मार्ग ने अपनी शह पर इसे अवैध तरीके से शुरु किया गया नीचे से लेकर ऊपर तक के हिस्से में युवकों समेत नशेड़ियों की खासी तादाद यहां देखने को मिलती है और इसे चलाने वाला अब्दुल्लाह शेख जो कि मुंबई पुलिस को जिम के सामान सप्लाई करता है यही वजह है और यह जगह इमरान फर्नीचरवाला फैमिली की है जिन्होंने 10 साल पहले मेमन बैंक को डुबा दिया था और रोपोश हो गए थे। अब वही लोग फिर से इस गोरख धंधे के ज़रिए स्थानी युवकों और बच्चों की ज़िंदगियां खराब करने पर तुले हुए हैं और इसके लिए ज़ोनल डीसीपी द्यानेश्वर चौवान समेत मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा सहयोग है। अब अगर इस इलाके में अवैध हुक्का बार और तबाही के अड्डे को बंद करना है तो क्या उसके लिए हत्या जैसी वारदात का होना ज़रूरी है ? क्या तब मुंबई पुलिस की आंख खुलेगी ?
शाहिद अंसारी
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