शाहिद अंसारी
मुंबई : महाराष्ट्र के भिवंडी इलाके के सांसद कपिल पाटिल ने ट्रैक्शन रेलवे बोर्ड के सदस्य घंश्याम सिंह की रेलवे मंत्री प्युष गोयल से शिकायत करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। पाटिल ने अपने पत्र में यह आरोप लगाया है कि घंश्याम सिंह ने अपने निजी स्वार्थ के लिए दादागिरी करते हुए रेलवे का ठेका लेकर काम करने वाले महाराष्ट्र के एक ठेकेदार को न सिर्फ मासिंक रूप से उत्पीड़न दे रहे हैं बल्कि उसके सारे काम जो हो चुके हैं उन्हें टर्मिनट कर रहे है और उसके पेमेंट जानबूझ कर रोक रहे हैं।
अपनी शिकायत में उन्होंने लिखा है कि घंश्याम सिंह जब से नार्दन रेलवे के इचांर्ज बने गए उसके बाद से जम्मू से उधमपुर में डीज़ल इंजन को एलेक्ट्रिकल इंजन में कनवर्ट करने का काम चल रहा था। इसे घंश्याम सिंह ने टर्मिनेट करने की बात कही। उन्होंने नीचे के मौजूद अफीसर पर इसके लिए दबाव बनाने लगे और इस ठेके को बंद करने के लिए कहा। नार्दन रेलवे के अंतर्गत फरीदाबाद में एक काम चल रहा था उसे भी उन्होंने टर्मिनेट कर दिया हालांकि इसके लिए संबंधित ठेकेदार कंपनी को किसी प्रकार की कोई वजह नहीं बताई गई। इसके बाद घंश्याम सिंह जनरल मैनेजर इस्टेन रेलवे बन गए। इसी साल 2017 में ही वह ट्रैक्शन रेलवे बोर्ड सदस्य के पद पर कार्यरत हुए। उस समय तक वह चुप रहे और ठेकेदार कंपनी की किसी तरह की बिलिंग न होने के लिए कहा ताकि सारे पैसे अटक कर रह जाऐं।
रेलवे के काम के ठेकेदारी लेने वाली कंपनी का नाम क्वालिटी एंजीनियर्स ऐंड कंट्रेक्टर्स है जो कई सालों से रेलवे द्वारा ठेके पर दिए जा रहे काम करती है। कंपनी के मालिक सतीश मंडावकर ने Bombay Leaks से बात करते हुए बताया कि दरअसल 2015 की बात है हमने घंश्याम सिंह चीफ़ इंजीनियर थे और उस दौरान न्यु दिल्ली के टेंडर में साड़े नौ करोड़ में L1 था। यह काम इन्हें दिया जाना था जो कि दूसरे को को दे दिया गया उस कंपनी का नाम सिकाका इंजीनयरिंग कंपनी था यह कांम उन्हें सौंप दिया। जबकि यहां उसी अमाउंट में यह टेंडर इशू किया गया जिसमें सतीश मंडावकर की कंपनी क्वालिटी इंजीनयिर्स एंड कंट्रेक्टर्स का था।
इस दौरान सतीश मंडावकर ने घंश्याम सिंह के खिलाफ़ इस बात की शिकायत सतर्कता विभाग में की जिसके बाद घंश्याम सिंह ने इसका बदला लेन के लिए सतीश मंडावकर की कंपनी क्वालिटी इंजीनयिर्स एंड कंट्रेक्टर्स के बुरे दिन शुरु हो गए और घंश्याम सिंह ने अपनी पावर और ओहदे का गलत इस्तेमाल करेत हुए संबंधित कंपनी के काम में खामी और किए गए काम के पैसे रिलीज़ करने में जम कर दबाव बनाया।
इस तरह से हाल ही में उन्होंने 23 करोड़ के काम को लेकर क्वालिटी इंजीनयिर्स एंड कंट्रेक्टर्स टर्मिनेट किया यह काम था सीएसीटी से पनवेल के बीच में 1500 वोल्ट की डीसी सप्लाई को एसी सप्लाई में कनवर्ट करना था। क्वालिटी इंजीनयिर्स एंड कंट्रेक्टर्स कंपनी को यह ठेकेदारी साल 2010 में मिली थी और उन्होंने उसे साल 2016 में पूरा किया। जिसके बाद रेलवे की ओर से उन्होंने इस काम को लेकर क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी मिला। और काम के तकरीबन 20 करोड़ रूपए भी मिले लेकिन बकाया की रकम के लिए उन्हें इस लिए परेशान होना पड़ा क्योंकि यहां भी घंश्याम सिंह के दखल के बाद इस काम में भी उन्हें टर्मिनेशन लेटर दे दिया गया जिसके बाद रेलवे ने बकाया के पैसे रोक दिए।
घंश्याम सिंह ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन बनने के लिए जी तोड़ कोशिश की लेकिन चेयरमैन अश्विनी लोहानी के आजाने की वजह से उनका मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिसके बाद उन्होंने क्वालिटी इंजीनयिर्स एंड कंट्रेक्टर्स कंपनी का जहां भी काम चल रहा है या हो चुका है उन सब को धड़ल्ले से टर्मिनेट करने के लिए नीचे के अधिकारियों पर दबाव बनाने लगे। जिसका मकसद साफ़ है कि जो काम पहले हो चुका है उसे भी टर्मिनेट कर दिया जाए ताकि मौजूदा जो भी काम वह कर रहे हैं उस पर उका असर हो और वह खुद बखुद काम न कर सकें।
हमने इन मामलों को लेकर जब ट्रैक्शन रेलवे बोर्ड के सदस्य घंश्याम सिंह का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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