शाहिद अंसारी
मुंबई:पत्रकारों के साथ मुंबई पुलिस के बरताव को लेकर Bombay Leaks ने अपील की थी की मुबंई मे पत्रकारिता करने वाले पत्रकार राजेश कुमार के साथ एक घटना घटी जिसमें राजेश की घर वापसी की बात सामने आई यह घर वापसी किसी राजनीतिक पार्टी के ज़रिया नहीं बल्कि मुंबई पुलिस के ज़रिये थी।पुलिस ने कहा वापस बिहार जाओ। Bombay Leaks इस पूरे मामले पर प्रकाश डालते हुए मामले की सच्चाई आपके सामने रख रहा।
राजेश पिछले दस सालों से मुबंई मे क्राइम रिपोर्टर हैं जी न्युज,आजतक जैसे बडे चैनलों मे काम करने के बाद राजेश इस समय इंडिया न्युज मे काम कररहे हैं।अपनी कम बात चीत और चुपचाप रहकर काम करने वाले राजेश को 20 सितंबर को एक्रिडीशन कार्ड के वेरिफिकेशन के लिए मुंबई के वनराई पुलिस थाने में जाना पडा सारे दस्तावेज दिखाने के बाद पुलिस थाने में मौजूद वेरिफिकेशन कर रहे पुलिस कर्मी अजीत वर्तक ने कहा कि तुम्हारे दस्तावेज में पिता का नाम तुम्हारे नाम के साथ क्यों नहीं लिखा।पिता का नाम नहीं लिखा तो वापस जाओ बिहार।
दर असल महाराष्ट्र मे किसी भी छात्र के नाम के साथ उसके पिता उसकी माता का नाम साथ में लिखने का रवाज है लेकिन यह रवाज केवल महारष्ट्र मे ही है।यूपी बिहार में छात्रों के नाम के स्थान पर केवल छात्रों के नाम होते हैं उसके बाद मार्कशीट के अलावा दूसरे दस्तावेजों पर जहां पिता के नाम का कालम होता है वहां लिखा जाता है।राजेश ने इस मामले को लेकर ज्वाइंट सीपी एल ऐंड ओ देवेंद भारती से शिकायत की।जिसके बाद राजेश का बयान दर्ज किया गया।रजेश के साथ हुई इश घटना को लेकर सोशल साइट्स पर जमकर आलोचना हुई।
इस बात को लेकर राजेश को महिला पुलिस के सामने बार बार पुलिस कर्मी जलील करता रहा और बार बार यही सवाल कि तुम लोग बाप का नाम क्यों नही लगाते वापस बिहार जाओ।अब ऐसे में सवाल उठता है कि कि क्या अब मुबंई पुलिस की रगों में क्या मनसे का खून दौडने लगा क्योंकि इस तरह से वापस बिहार भेजने का ठेका मनसे ने ही ले रखा था।हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हमेशा इस बात का जोर देते हैं कि पुलिस थाने में आने वाले हर शख्स से पुलिस वाले तमीज से पेश आऐं।लेकिन पुलिस वालों पर इसका असर ही नहीं पडता।
इस बारे मे जब देवेंद भारती से बात की गई तो उन्होंने कहा की अभी मामले की जांच चल रही है और अबतक रिपोर्ट नहीं आई।
Post View : 2