शाहिद अंसारी
मुंबई : इस खबर को पढ़ने से पहले खबर से जुडी इस वेडिओ को ध्यान से देंखे।घटना मुंबई के लालबाग का राजा के दरबार के बाहर की है जहाँ एक महिला को कई महिला पुलिस कर्मी बड़ी ही दरिंदगी से पीट रही हैं।पहले तो देखने वालों को यकीन नहीं आया की की पुलिस की वर्दी पहेन कर यह पुलिस कर्मी हैं या कोई दरिंदे।लेकिन जल्द ही साफ़ हो गया की महिला वर्दी पहने हुई यह महिलायें मुंबई पुलिस की हैं जिन्हें राजा के दरबार के बाहर सुरक्षा बेहतर बनाने के लिए तैनात किया गया है।लेकिन जिस तरह से इन महिला पुलिस कर्मियों ने दर्शन करने वाली महिला को बेरहमी से पीटा उससे यह फैसला करना मुश्किल होगया है की क्या खाकी का चोला पहेन कर महिलायें महिलाओं के साथ गुंडागर्दी कर रही हैं या महिलाओं की सुरक्षा।
छान बीन में इस बात का पता चला की यह महिला अपने परिवार के साथ शुक्रवार को लालबाग़ दर्शन करने पहुची इसके साथ परिवार के और भी लोग थे महिला पुलिस कर्मी जब इस महिला को बे रहमी से लात और जूते से पीट रही थीं उसी दौरान महिला के घर वाले उसे बचाने के लिए आगे आये लेकिन किसी की एक ना चली।
पुलिस के मुताबिक़ इस पुलिस के ज़ुल्म का शिकार हुई महिला का नाम नंदनी दीपक गोस्वामी है।और वह मीरा रोड की रहने वाली है वह लालबाग में वीआईपी गेट से घुसने की कोशिश कर रही थी वह मीरा रोड की रहने वाली है और मानसिक रूप से बेहतर नहीं है।
मुंबई पुलिस प्रवक्ता डीसीपी दहिकार ने कहा की इस मामले को मुंबई पुलिस ने गंभीरता से लिया है और इसकी जाँच जोनल डीसीपी खुद कर रहे हैं रिपोर्ट के बाद गलती करने वालों पर कार्रवाई की जायेगी।सवाल यह उठता है की जब कोई आम आदमी पुलिस पर हाथ उठाता है तो उसपर तुरंत कार्रवाई होती है लेकिन जब यही हरकत पुलिस करती है तो जाँच के नाम पर लॉली पॉप क्यों दिया जाता है जबकि यहाँ मामला आईने के जैसे साफ़ है।
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