शाहिद अंसारी
मुंबई : 3 सितंबर को मुंबई के ताड़देव आरटीओ में ऐंटी करप्शन ब्युरो ने शंकर सोनावणे शिकायतकर्ता की शिकायत पर जाल बिछाया और एक बिचौलिये को 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।शिकायतकर्ता टैक्सी की पासिंग करवाने के लिए आरटीओ के चक्कर काट रहा था लेकिन बिना रिश्वत के उनका काम नहीं हो रहा था।थक हार कर एसीबी की दहलीज़ पर दस्तक दी।एसीबी के जाँच अधिकारी एसएस गावस की देख रेख में इस ट्रैप को अंजाम दिया गया।
बिचौलिये की गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने इस मामले को लेकर कुछ शक हुआ क्योंकि बिचौलिए के पास से कई अहम सुबूत एसीबी को मिले लेकिन मात्र बिचौलिए को गिरफ़्तार कर के किसी और अधिकारी को गिरफ्तार ना करने पर एसीबी अधिकारी एसएस गावस ने एसीबी को शक करने पर मजबूर करदिया।
पूर्व एसीबी प्रमुख प्रवीन दिक्षित की छानबीन में इस बात का पता चला की ताड़देव आरटीओ के कई बड़े अधिकारियों की गर्दन तक एसीबी के हाथ पहुँच चुके थे।लेकिन उन अधिकारीयों की और एसएस गावस की सांठगाठ होने की वजह से उनपर गावस ने कार्रवाई नहीं की बदले में उनसे मोटी रकम वसूल की।एसीबी ने पहले गावस को मुबई एसीबी से महाराष्ट्र एसीबी में तबादला किया और जाँच बिठाने का विचार बना लिया।लेकिन जाँच पूरी होने से पहले ही गावस ने एसीबी से खिसकने का मन बनालिया।गावस ने एसीबी में खुद को एसीबी से मुंबई पुलिस में जाने का आवेदन दिया ताकि उसपर कार्रवाई ना हो सके।इससे पहले की एसीबी की जाँच पूरी होती गावस ने खुद ही आवेदन कर खुद को एसीबी से अलग करने में ही अपनी भलाई समझी।हालाँकि ताड़देव में हुए इस ट्रैप को लेकर गावस और आरटीओ अधिकारीयों के बीच साठगांठ का राज़ राज़ नहीं रहा यह बातें जंगल ले आग की तरह फैल चुकी थीं।जिसे एसीबी ने गंभीरता से लेकर गावस को मुंबई पुलिस में वापस जाने का रास्ता दिखाया।गावस के मुबंई पुलिस में वापस आने के बाद भी एसीबी इस मामले की छानबीन कर रही है।इससे पहले भी एसीबी नें इस तरह की हरकत करने वाले कई पुलिस कर्मियों को वापस मुंबई पुलिस का रास्ता दिखाया है।जो एसीबी मे रहकर खुद ही रिश्वतखोरी का बाजार गरम करते हैं।
हालांकि इस मामले में गावस की मिली भगत सामने आने के बाद एसीबी मुंबई ताड़देव आरटीओ मामले की जाँच दुसरे अधिकारीयों से करवा रही है उम्मीद की जाती है की जाँच के बाद ताड़देव आरटीओ के कई बड़े अधिकारियों पर एसीबी कार्रवाई करेगी जो आरटीओ के अंदर बैठकर रिश्वतखोरी का गोरख धंधा करते हैं।
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