शाहिद अंसारी
मुंबई: महाराष्ट्र के वित्त विभाग ने साल 2018 के लिए फिर एक बार महाराष्ट्र की जनता से सुझाव मांगने के नाम पर उन्हें लॉलीपॉप दिया है। इस बार वित्त विभाग ने फिर से महाराष्ट्र भर से सुझाव मंगाए हैं और उसके लिए सराकारी वेबसाइट पर हमेशा की तरह यह लिंक दिया गया है।https://maharashtra.mygov.in/mr/महाराष्ट्र-राज्याच्या-सन-२०१८-अर्थसंकल्पासाठी-सूचना
यह सुझाव इसलिए मंगाया गया है कि वित्त विभाग की हालत कैसे बेहतर बनाई जा सके। हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह लॉलीपॉप नई सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार साल 2015 से दिया गया था लेकिन जनता के एक भी सुझाव पर अब तक अमल नहीं किया गया। जबकि सुझाव देने वालों में खुद वित्त विभाग के अदना से आला अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे जिनमें कुछ रिटाएर हो चुके हैं और कुछ कार्यरत हैं।
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुगंटिवार की ओर से 2015 में जारी सरकुलर नंबर ( 2015/प्र.क्र.42/अर्थ-1 ) में बेहतर सुझाव देने वालों के लिए लाखों रूपए के इनाम की राशि भी तय की गई थी। इनमें सर्वोत्कृष्ट प्रथम सूचना ( पहला बेहतर सुझाव ) वाले एक व्यक्ति को 10 लाख रूपए नक़द और सर्वोत्कृष्ट द्वितीय सूचना ( दूसरा बेहतर सुझाव ) देने वाले के लिए 7 लाख 50 हज़ार जबकि इनके बाद के बेहतर सुझाव देने वाले 25 लोगों को एक-एक लाख की नकद राशि देने की घोषणा की गई थी।
पिछले साल महाराष्ट्र के वित्त विभाग को पूरे महाराष्ट्र से 3114 सुझाव से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे और इन में तकरीबन 30 सरकारी विभाग शामिल थे। बेहतर सुझाव देने वालों को लाखों रूपए के इनाम की राशि देने की घोषणा भी की गई थी लेकिन इनाम तो दूर की बात राज्य के इस विभाग के अधिकारियों ने इन 3114 सुझोवों पर ध्यान तक नहीं दिया। बेहतर सुझाव देने वालों को के लिए 4200500 रूपए को नक़द इनाम रखा गया था। हालांकि मुंगटिवार ने जब घोषणा की थी तो उसके बाद ही इस विभाग में विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया था जो कि इन सुझावों पर नज़र डालते हुए बेहतर सुझावों की फहरिस्त तय्यार कर उन्हें इनाम की राशि देते लेकिन किसी भी सुझाव पर अब तक नज़र नहीं डाली गई और वह सारे सुझाव वित्त विभाग मे पड़े धूल चाट रहे।सुझाव देने वालों मे 30 से ज़्यादा सरकारी विभाग के अधिकारी और कर्माचारी शामिल थे। मुंगटिवार ने जो घोषणा की थी वह मात्र दिखावा था क्योंकि जिस टीम को बेहतर सुझाव का चयन करने के लिए नियुक्त किया गया था उस टीम के तत्तकालीन अधिकारी विजय कुमार का ही उस जगह से तबादला हो गया। उनके बाद इस जगह पर नियुक्त किए गए वित्त विभाग के नए वरिष्ठ अधिकारी गिरिराज थे उन्होंने भी इस पर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया और वह रिटाएर हो गए
पिछले साल वित्त मंत्री सुधीर मुगंटिवार ने Bombay Leaks से बात करते हुए कहा था कि “ हम ने एलान तो किया था लेकिन अब तक कोई बेहतर सुझाव ही नहीं आया इस वजह से अब तक इनाम की यह राशि किसी को नहीं दी गई हम अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हैं अगर कोई बेहतर सुझाव आएगा तो से वह राशि दी जाएगी ”। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर हज़ारों लोग जिन्होंने अबतक अपने सुझाव यह सोच कर भेजे की उससे वित्त विभाग का भला हो क्या वह किसी काम के नहीं जबकि सुझव देने वाले अदना से आला अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।
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