मुंबई : बाबा बंगाली को लगता है कि हमें आज़ाद मैदान दंगे का षडयंत्र समझता नहीं यह बात आज मुबंई मराठी पत्रकार संघ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बंगाली बाबा पर निशाना साधते हुए हिंदू विधिज्ञ परिषद के सचिव कहा संजीव पुनालेकर न कहा ।
उन्होंने कहा कि रज़ा अकैडमी और बाबा बंगाली के तत्कालीन सरकार के साथ साठ गांठ थी और मौजूदा सरकार से साठगाठ में लगा हुआ है यी वजह है कि अब तक मामले में सरकार ने कड़ा रुख इख्तियार नहीं किया क्योंकि रज़ा अकैडमी के वकील और मौजूदा सरकार के संबंध बेहतर हैं। इसी लिए अब तक रज़ा अकैडमी के अध्यक्ष सईद नूरी और बाबा बंगाली बचे हुए हैं। हम जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए कदम उठाने वाले हैं।
ध्यान रहे बाबा बंगाली मुस्लिम इलाके नागपाड़े का तोड़ू है और उसे नागपाड़ा की जनता ने तुड़ु- ए- नागपाड़ा का खिताब दिया है लेकिन हमेशा उसके काले कारनामों के बारे में ख़बर लिखने वालों पर तुरंत नागपाड़ा पुलिस थाने पहुंच कर झूटा मामला दर्ज कराने वाला बंगाली पिछले 2 साल से बिल में घुसा बैठा हुआ है और अब झूटा मामला तो दूर की बात उसकी एन.सी भी कोई नहीं दर्ज करता।
इसी लिए अब नागपाड़ा की जनता यह मन बना रही है कि उससे तोड़ु -ए- नागपाड़ा का खिताब वापस ले लिया जाए और जो शख्स इस योग्य है उसे इस खिताब से नवाज़ा जाए क्योंकि अपने आप को नागपाड़ा का बाहुबली समझने वाला बाबा बंगाली जिसे कभी छींक भी आ जाती थी तो पुलिस पहुंच जाती थी अब उसकी गुंडई पर ऐसा लगता है कि घुन लग गया है इसी लिए अब न तो इलाके में और न ही पुलिस थाने में उसे कोई भी भाव नहीं देता।
अब ऐसे में जब संजीव पुनालेकर ने बंगाली की पोल खोलते हुए चुनौती दी है तो देखने वाली बात यह होगी की बंगाली उनके खिलाफ़ क्या किसी तरह का झूटा मामला दर्ज कराने में कामयाब होता है या बिल में घुसा बैठा रहता है।
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