Bombay Leaks Desk
मुंबई: फिदा हाउस जिस बिल्डिंग को लेकर बीएमसी ने बड़े फ़र्ज़ी वाड़े को बेनक़ाब किया था उसी बिल्डिंग में पहले माले पर उर्दू टाइम्स अख़बार का भी कार्यालय है जिसे साल 2012 में ही बीएमसी ने अवैध घोषित किया था लेकिन अखबार अपनी दबंगई की वजह से रेसिडेंशियल एरिए में अपना कार्यालय बना कर कारोबार कर रहा है।मार्किट में अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो यह पहला माला तकरीबन 4 करोड़ का होता है लेकिन उर्दू टाइम्स ने इस जगह को औने पौने भाव में खरीद कर अपना कार्यालय शुरू किया।उर्दू टाइम्स की ओर से इसे कमर्शियल में बदलने की कोशिश भी की गई थी लेकिन बिल्डिंग अवैध होने की वजह से जिन काग़ज़ात की मांग बीएमसी ने की थी वह देने में असमर्थ रहे जिसके बाद बीएमसी ने साल 2012 में पत्र देकर आवगत कराया कि जिन कागज़ात की मांग बीएमसी ने की थी उसे न जमां करने की वजह से रेसिडेंशियल को कमर्शियल में तब्दील नहीं कर सके और आलम यह रहा कि तब से लेकर अब तक उर्दू टाइम्स अख़बार के कार्यालय द्वारा व्यवसाय किया जा रहा है और इस बात से बीएमसी बेख़बर थी।
दरअसल जब इस जगह को खरीदा गया तो उस समय चाचा सईद और भतीजा इम्तियाज़ ने मिल कर इस कार्यालय में उर्दू टाइम्स अख़बार चलाते थे लेकिन चाचा भतीजे के बीच चल रहे पेड न्युज की मलाई खाने को लेकर गृह युद्ध और व्यवसाइक युद्ध की वजह से चाचा भतीजे के बीच पारिवारिक सम्पत्ति का बटवारा होगया।बटवारे के बाद भतीजे ने एक दूसरा अख़बार शूरू किया लेकिन चाचा सईद उर्दू टाइम्स अखबार ही निकाल रहे हैं।
इस अवैध कार्यालय के बारे में जैसे ही बीएमसी अधिकारियों को पता चला उनके कान खड़े हो गए हैं क्योंकि जिस तरह से बिल्डिंग प्रपोज़ल विभाग ने उर्दू टाइम्स के कार्यालय की जगह को कमर्शियल में तब्दील करने पर रोक लगा दी है लेकिन अख़बार की धौंस की वजह से तत्कालीन वार्ड ऑफीसर संजोय कबरे की मिलीभगत से मामले को दबाने में कामयाब होगए थे। इसी लिए साल 2012 में बीएमसी के ज़रिए कमर्शियल को रेसिडेंशियल कार्य के इस्तेमाल को लेकर रोक लगाई थी उसके बाद से धड़ल्ले से इस अवैध कार्यालय में उर्दू टाइम्स का यह कार्यालय चल रहा है।इस बारे में स्थानी वार्ड (ई-वार्ड) ऑफीसर किशोर देसाई ने कहा कि नोटिस जो दी गई थी और उसके बाद भी संबंधित जगह पर कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है वह अवैध है बीएमसी द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद रेसिडेंशियल को कमर्शियल के लिए कोई भी इस्तेमाल नही कर सकता हम जल्द ही नोटिस देकर इसके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे साथ में एमआरटीपी के तहेत मामला दर्ज कराऐंगे।
हालांकि यह कार्यालय चाचा भतीजे दोनों के लिए वास्तु दोष साबित हुआ क्योंकि यहां कार्यलय शुरू करने के बाद से ही चाचा भतीजे जो कभी मित्र के जैसे रहते थे वह एक दूसरे के शत्रू बन गए।कुछ ही वर्षों में चाचा भतीजे में युद्ध शुरू हुआ हालांकि अब दोनों अलग हो गए हैं और भतीजे इम्तियाज़ ने भी उर्दू अख़बार शुरू किया है अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि जब दोनों एक थे तो इम्तियाज़ द्वारा इस पर बीएमसी द्वारा कार्रवाई करने को लेकर मामला दबा दिया गया था तो क्या अलग होने के बाद अब चाचा सईद को भतीजे इम्तियाज़ का सहयोग मिलता है या नहीं।साथ में जल्द ही पढ़ें कि सईद अहमद के खिलाफ़ किस महिला के साथ अश्लील हरकत करने का कहां मामला दर्ज हुआ है।
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