Bombay Leaks Desk
मुंबई: कल्याण जीआरपी ने पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में खर्डी स्टेशन के पास लूट की घटना को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 19 दिसंबर की रात ट्रेन की जनरल बोगी में 50 लोगों को चाकू की नोंक पर लूटा गया था। इस घटना की शिकायत दर्ज होने के 5 दिन बाद जीआरपी को गैंग का पर्दाफाश करने में कामयाबी मिली। इस गैंग का एक सदस्य अभी भी फरार है।
हॉकर्स बने लुटेरे
ट्रेनों में यात्रा करते वक्त सावधान हो जाइए। यात्रा के दौरान कोई अवैध विक्रेता (हॉकर) यदि सामान बेच रहा है तो तुरंत ही आरपीएफ के हेल्पलाइन 182 पर शिकायत दर्ज कराएं। ये विक्रेता यात्रियों को लूटने वाली गैंग का हिस्सा भी हो सकते हैं। पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में लूट की घटना को अंजाम देने वाले 7 में से 4 आरोपी पहले ट्रेनों में पानी की बोतल बेचने का काम करते थे। शाहबाज (22), सद्दाम हुसैन (20), सचिन (18), सतीश (20), रवींद्र (18), सागर (22) और फरार आरोपी आकाश (20) ने पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में जनरल बोगी के यात्रियों से 28 हजार रुपये नगद और 80 हजार रुपये की कीमत के दस मोबाइल लूटे थे।
जनरल बोगी वाले हो जाएं अलर्ट!
दो महीनों पहले कल्याण से कसारा के बीच कुशीनगर एक्सप्रेस में लूट की वारदात को अंजाम देने के पीछे भी इसी गैंग का हाथ था। कुशीनगर एक्सप्रेस वाली घटना में कोई शिकायतकर्ता सामने नहीं आया और इसी बात का फायदा उठाकर एक बार फिर पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में जनरल बोगी के यात्रियों को लूटा गया।
जीआरपी कमिश्नर निकेत कौशिक के अनुसार, ‘इस बार यात्रियों ने इगतपुरी जीआरपी में मामला दर्ज कराया और उनकी शिनाख्त पर गैंग का पर्दाफाश हुआ। कुशीनगर एक्सप्रेस में लूट की घटना के शिकार यात्रियों से अपील है कि वे शिकायत दर्ज कराएं।’
जीआरपी कमिश्नर निकेत कौशिक के अनुसार, ‘इस बार यात्रियों ने इगतपुरी जीआरपी में मामला दर्ज कराया और उनकी शिनाख्त पर गैंग का पर्दाफाश हुआ। कुशीनगर एक्सप्रेस में लूट की घटना के शिकार यात्रियों से अपील है कि वे शिकायत दर्ज कराएं।’
बढ़ानी होगी रेलवे की सुरक्षा
सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन में आरपीएफ स्टाफ की संख्या 2300 है। इनमें से केवल सौ जवानों के जिम्मे मेल एक्सप्रेस गाड़ियों की सुरक्षा है। मुंबई से इगतपुरी के बीच रात के वक्त लगभग 50 जोड़ी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं। सुरक्षाकर्मियों की कमी के चलते केवल 14 जोड़ी ट्रेनों में ही आरपीएफ का स्टाफ सुरक्षा तैनात है। पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में भी आरपीएफ के जवान मौजूद थे लेकिन जनरल बोगी में यात्रियों की संख्या अधिक होने और ये कोच अन्य डिब्बों के जुड़े नहीं होने के कारण जनरल बोगी के कारण यहां तक आरपीएफ का स्टाफ नहीं पहुंच पाता है।
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