शाहिद अंसारी
मुंबई: चरस,गांजा,गुटखा की धड़ल्ले से व्यापार करने के लिए मुंबई के नागपाड़ा पुलिस थाने की वसूली डायरी का मामला बेनक़ाब होने के बाद अब बीफ़ के व्यंजन बनाने वाले होटल से कैसे वसूली की जाती है और किस प्रकार के कोड का उपयोग स्कॉटलैंड यार्ड करती है यह जानने के लिए हमने इन होटलों पर भी मौजूद नागपाड़ा पुलिस की वसूली डायरी की छानबीन की तो पता चला कि यहां वसूली के लिए साल 2017 की वसूली की गई है उस पेज पर ईमानदार पुलिस कर्मियों ने रिश्वत और वसूली की जो एंट्री की है वह भी काफी चौंका देने वाली है।डायरी में कोड नंबर 2135 जिसकी शुरुआत फरवरी 2017 से की गई है।इसमें कोड इस प्रकार हैं 2135,1252,2134,1345,820,3996,2134 कोडिंड डो शब्दों में लिखी गई है वह इस प्रकार है SK,RJ,SD,DM,SR साथ में वसूली करने वाले बीट मार्शल,गुंडा पथक,डिटेक्शन हैं यह वसूली साल 2017 की है।
इन नंबरों के कोड क्या हैं किस पुलिसकर्मी के लिए है यह नागपाड़ा पुलिस ही बता सकती है लेकिन एक जगह SR का कोड है जिसका मतलब साफ़ है कि सीनियर के लिए अलग से रूपए वसूले जाते हैं।हालांकि इस वूसली में सब का हिस्सा होता है इसी लिए बहुत ही सिस्टमेटिक तरीके से वसूली की यह ड्युटी लगाई है ताकि किसी से भी वसूली बाकी न रहे।क्योंकि इसी वसूली के बाद ही रोजाना रिश्वतखोरी के इस पैसे को नागपाड़ा पुलिस थाने में बांटा जाता है चूंकि पुलिस विभाग में भरोसा नाम के शब्द का दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं रहता इसलिए पुलिसकर्मी वसूली के इस सिस्टम को पूरी ईमानदारी से नोट करते हैं ताकि वसूली और रिश्वतखोरी के इस इस गोरखधंधे में किसी तरह की बेईमानी न हो और ईमानदारी के मामले में नागपाड़ा पुलिस थाने के दबंग सीनियर पीआई संजय बस्वत का अपना एक अलग नाम पहचान और रुतबा है।नागपाड़ा से सटे मदनपूरा में ऐसी कई होटल हैं जहां प्रतिबंधित बीफ़ का धड़ल्ले से व्यापार होता है और उसके व्यंजन बनाए जाते हैं क्योंकि नागपाड़ा पुलिस खुद इसके लिए इजाज़त देती है।ध्यान रहे ज़ोनल डीसीपी अखिलेश सिंह ने इस मामले में जांच का लॉलीपॉप दे चुके हैं लेकिन बैकडोर से वह वसूलीबाज़ों को बचाने के लिए पूरी तरकीब ढूंढ रहे हैं।
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