शाहिद अंसारी
मुंबई : बीती रात जेजे मार्ग पुलिस थाने की हद में रेलवे कंपाउंड के पास 9.30 बजे मुंबई ऐंटी नारकोटिक सेल की टीम और नाइजेरियन के बीच झड़प हो गई जिसमें ऐंटी नारकोटिक सेल के 3 कांस्टेबल और 2 अफ़सर जख्मी हो गए हैं जिन्हें जेजे और बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जेजे मार्ग पुलिस थाने ने इस मामले में नाइजेरियन हमलावरों के खिलाफ़ मारपीट, पुलिस को ज़ख्मी करने, जान से मारने की कोशिश और ऑन ड्युटी उनके काम में दखल देने, मादक पदार्थ की सौदेबाज़ी करने की धाराओं के तहेत मामला दर्ज किया है।
नाइजेरियन गैंग में खुशी की लहर
हैरान कर देने वाली बात यह है कि अब तक इस मामले में एक भी नाइजेरियन मादक पदार्थ के तस्कर को सुपारीबाज़ सीनियर पीआई शिरीष गायकवाड़ ने गिरफ्तार नहीं किया। जेजे मार्ग पुलिस थाने की ओर से नाइजेरियन मादक पदार्थ के तस्करों को इस तरह से मिल रहे सहयोग से उनके बीच खुशी की लहर दौड़ गई है और वह अपेक्षा भी कर रहे हैं कि अब उनका मादक पदार्थ का गोरख धंधा पहले से ज्यादा पूले फले गा। क्योंकि उन्हे जेजे मार्ग पुलिस थाने का पूरा सहयोग है और ऐंटी नार्कोटिक सेल के अफसरों को पीटने के बाद भी जेजे मार्ग पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।
जुडिक्शन की नौटंकी
जानकारी के मुताबिक मुंबई ऐंटी नार्कोटिक सेल ने कल रात भाईखला स्थित रेलवे कंपाउंड जो कि जेजे मार्ग पुलिस थाने के अंतर्गत आता है उन्हें नाएजेरियन के ज़रिए मादक पदार्थ को बेचे जाने की ख़बर मिली उन्होंने अपना जाल बिछाया और नाएजेरियन मुल के नागरिकों को बेचते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसी दौरान 20 से ज्यादा संख्या में अचानक नाइजेरियन आ गए और नार्कोटिक सेल के अफसरों के साथ हाथ पाई करने लगे। हैरान कर देने वाली बात यह है कि ऐंटी नार्कोटिक सेल के अफसरों के ज़ख्मी होने के बाद जेजे मार्ग पुलिस थाना और भाईखला थाना जुडिक्शन , जुडिक्शन का घिनावना खेल खेल रहे थे। आखिर में जब जुडिक्शन , जुडिक्शन का घिनावना खेल और नाटक खत्म हुआ तब जेजे मार्ग पुलिस थाने ने मामला दर्ज किया जब वरिष्ठ अधिकारियों की फटकार सुनी। हमने जेजे मार्ग के सुपारीबाज़ सीनियर पीआई शिरीष गायकवाड़ से इस बारे में जब बात की तो “ गायकवाड़ ने कहा कि तुमने मेरे नाम का फितना फैलाया है नहीं बताएगा कोई बात।” जेजे मार्ग के सुपारीबाज़ सीनियर पीआई ने मामले की जानकारी अबतक साउथ कंट्रोल रुम और प्रेस रुम को भी नहीं भेजी ताकि उनकी इस करतूत की भनक किसी भी तरह से मीडिया को न लगे।
मलाई खाते समय नहीं देखते जुडिक्शन
दर असल मुंबई पुलिस अपने काम से और अपना फर्ज़ अपनी जिम्मेदारियों से अपना पल्लू झाड़ने में माहिर समझी जाती है इसी लिए जब कोई भी मामला आम आदमी हो या खास सरकारी कर्मचारी हो या शहरी पुलिस जुडिक्शन के बारे में पहले पूछ लेते ही वह इसलिए पूछती है कि वारदात उनके जुडिक्शन में हुई है या नहीं बल्कि वारदात किसी और जुडिक्शन में हुई है तो वह उस पर ढकेल दें और कामचोरी की मिसाल कायम रखें लेकिन हैरानी की बात यह भी है कि मलाई खाने के चक्कर में वही मुंबई पुलिस ओवर टाइम काम और 20 रुपए की वसूली के चक्कर में सरकारी गाड़ी का 50 रुपए का पेट्रोल फूंक देते हैं। कुछ ऐसा ही मामला यहां भी है जहां 50 की संख्या वाले मादक पदार्थ की तस्करी करने वाली नाइजेरियन गैंग के सामने मुंबई के 40000 पुलिस फोर्स नापुंसक बनी बैठी है क्योंकि यहां से संबंधित कई पुलिस थाने जिनमें जेजे मार्ग , भाईखला और रेलवे पुलिस थाने जमकर मलाई खाते हैं इसलिए इस मलाई खाने की वजह से वह नाइजेरियन को पनाह दे रखे हैं और ऐसे में जब नार्कोटिक सेल के अफसर कार्रवाई करते हैं तो उन्हें इस तरह की वारदात का सामना करना पड़ता है।
इससे पहले मुंबई के इसी साउथ रीज़न में गोल्ड को लेकर डी कंपनी के दो गुर्गों ने तस्करी का गोल्ड हड़प कर लिया और गोल्ड तस्करों को जम कर पीटा उस दौरान मुंबई के डोंगरी , पायधूनी और एमआरए मार्ग पूरी तरह से समावेश रहा जबकि मामला दर्ज हुआ था पायधूनी में और मामले में दाऊद के गुर्गों को बचाने के ले आधे घंटे के अंदर एमआरए मार्ग पुलिस थाने को सौंपा गया ताकि वह डी कंपनी के दोनो गुर्गो को बचा सकें। यहां न तो जुडिक्शन न तो पुलिस्टेशन देखा गया बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों के समर्थन से अपने मन पसंद पुलिस्टेशन को केस सौंपा गया ताकि वह डी कंपनी की मदद कर सकें और तस्करी के एक किलो सोने के खुद हिस्सेदार बनें।
Post View : 200
One Comment
यशश्री प्रमोद पाटील
भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पहिले एसे अधिकाऱ्यांको निलंबित या बडतर्फ करना पडेंगा . ए देश हित मे करना पडेंगा क्यूंकी एसे अधिकारी देशद्रोह कर देश के अहित मे काम कर रहे है .