शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई के धरावी पुलिस थाने की हिरासत में 30 वर्षी प्रुशोत्तोमन की मौत होगई थी यह मौत पुलिस हिरासत में 18 और 19 अक्तूबर की दरमियानी रात में हुई थी चूंकि मृत्तक की पहचान नहीं हो पाई थी इस लिए पुलिस नें लोगों से उसे पहचानने के लिए अपील कर उसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी।
लेकिन उससे भी बडी हैरानी की बात यह है कि जब इस शख्स के परिवार वाले स्थानी पुलिस थाने धरावी में खोजने के लिए पहुंचे और उसकी फोटो पुलिस को दिखाई तो पुलिस नें उस शख्स की मिसिंग रिपोर्ट भी दर्ज करली क्योंकि पुलिस नें उसके परिवार की ओर से दीगई फोटो से पहचाना ही नहीं।और घटना के पांच दिन बाद पुलिस नें उस परिवार को बताने के बजाए कि उसकी पुलसि हिरासत में मौत होगई उस शख्स के परिवार की ओर से मिसिंग रिपोर्ट दर्ज करली।
इस बात को लेकर मृत्तक के परिवार वालों के अंदर पुलिस की इस लापरवाही को लेकर गुस्सा पाया जारहा है मृत्तक के परिवार का कहना है कि जब उसकी इसी पुलिस थाने की हिरासत मे मौत होगई थी तो पुलिस ने यह बात परिवार को बताई क्यों नहीं और उल्टा मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस क्या छुपाना चाहती है।इस वजह से तकरीबन 400 तमिल नागरिकों नें आज धरावी पुलिस थाने का घेराव कर पुलिस थाने मे हुई मौत पर सवाल उठाया।तमिल नागरिकों की ओर से बीजेपी एमएलए कैप्टेन तमिल सेलवन ने मांगं की है कि इस पूरे मामले में पुलिस थाने मे हुई मौत का सीसीटीवी और पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की कापी दी जाए और जबतक मामले की सच्चाई नहीं पता चलेगी हम मृत्तक के शौ का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
दर असल 18 अक्तूबर की रात मृत्तक प्रुशोत्तोमन शराब के नशे में अपनी पत्नी से झगडाकर घर से बाहर निकला उस समय रास्ते में कुछ लोगो से उसका झगडा होगया पुलिस ने बीचबचाव करते हुए मृत्तक प्रुशोत्तोमन को हिरासत मे लेलिया वहां लेकिन हिरासत में लेने के बाद उसकी मौत होगई पुलिस नें उसकी शिनाख्त ना होने की वजह से उसके परिवार को जानकारी नहीं दी और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेजकर मामले की छानबीन क्राइम ब्रांच को सौंप दी। मामले की जानकारी देते हुए जोनल डीसीपी महेश पाटिल ने कहा कि मृत्तक प्रुशोत्तोमन को पुलिस थाने लाने के बाद उसे उलटी हुई और उसकी हालत बिगडती देख पुलिस उसे अस्पताल लेगई लेकिन वहां एडमिट करने से पहले ही डाक्टर नें उसे मुर्दा करार दिया पोस्ट मार्टम रिपोर्ट मे मौत की वजह सर पर लगी चोट बताई गयी है फिलहाल क्राइम ब्रांच इस बात की तफ्तीश कररही है कि मृत्तक के सर पर किस ने मारा जिसकी वजह से उसकी मौत होगई।
अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जिस धरावी पुलिस थाने की हिरासत में उसकी मौत हुई थी उसके पांच दिन बाद उसी पुलिस थाने में पुलिस ने उसकी मिसिंग रिपोर्ट कैसे लिखी।इसका मतलब है कि खुद पुलिस वालों का एक दूसरे से कोई तालमेल नहीं जिसकी वजह से पुलिस थाने में हुई वारदातों का उसी पुलिस थाने मे कार्यरत पुलिस वालों को पता नहीं चलता।
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