मुबई : 7 सिंतंबर को महाराष्ट्र सरकार के जरिए जारी किए गए फरमान मे उन पुलिस कर्मियों को ताकीद की गई जो अपनी प्राइवेट गाडियों पर पुलिस लिख कर धडल्ले से घूमते हैं।राज्य सरकार के इस फरमान में लिखा है कि पुलिस अधिकारी प्राइवेट कारों में पुलिस लिखकर और पुलिस का लोगो भी लगा कर घूमते हैं इस तरह की शिकायत राज्य सरकार को प्राप्त हुई है।इस शिकायत को देखते हुए राज्य सरकार नें उनपुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने का फरमान जारी किया है जो इस आदेश का पालन नहीं करते।
सवाल यह कि आखिर इस फरमान का पालन करेगा कौन और पुलिस कर्मियों या पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई कौन करेगा।क्योंकि कार्रवाई के लिए मामला स्थानी पुलिस थाने पहुंचता है और पुलिस पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करे ऐसा हो ही नहीं सकता।क्योंकि साल 2013 में मुंबई ट्राफिक पुलिस ने भी इसी तरह के परमान जारी किए थे।लेकिन इस परमान का पुलिस वालों पर कोई असर नहीं हुआ तो राज्य सरकार के फरमान की क्या कीमत।मुंबई के कमिश्नर आफिस समेत हर पुलसि थानों में सैंकडों प्राइवेट कार ,बाइक पुलिस के नाम और लोगो के साथ खडी रहती हैं लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।क्योंकि फरमान जंता के लिए हो तो पुलिस जागरुक होती हैं।लेकिन खुद पुलिस के लिए फरमान हो तो पुलिस के सर पर जूं तक नहीं रेंगती।अब राज्य सरकार के इस फरमान का असर पुलिस वालों पर कितने होता है यह भी जल्द ही पता चल जाएगा।
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